Jaipur: पशुपालन डिप्लोमा संस्थानों को मान्यता देने में घोटाला, आवेदन रद किए फिर 2 माह बाद दे दी मान्यता
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Jaipur: पशुपालन डिप्लोमा संस्थानों को मान्यता देने में घोटाला, आवेदन रद किए फिर 2 माह बाद दे दी मान्यता

Jaipur News: शुपालन डिप्लोमा संस्थानों को बीकानेर की राजूवास यूनिवर्सिटी द्वारा अवैध रूप से मान्यता देने का मामला तो पहले ही चर्चा में आ चुका है, अब पशुपालन डिप्लोमा संस्थानों को मान्यता देने से जुड़ा एक और घोटाला सामने आया है.

 

Jaipur: पशुपालन डिप्लोमा संस्थानों को मान्यता देने में घोटाला, आवेदन रद किए फिर 2 माह बाद दे दी मान्यता

Jaipur: पशुपालन डिप्लोमा संस्थानों को बीकानेर की राजूवास यूनिवर्सिटी द्वारा अवैध रूप से मान्यता देने का मामला तो पहले ही चर्चा में आ चुका है, अब पशुपालन डिप्लोमा संस्थानों को मान्यता देने से जुड़ा एक और घोटाला सामने आया है. इसमें एक तरफ जहां पशुपालन विभाग ने पहले संस्थाओं के आवेदनों को रद्द कर दिया और फिर 2 महीने बाद ही इन्हें मान्यता जारी कर दी.

राजस्थान में पशुधन सहायक डिप्लोमा कोर्स संचालित करने वाले संस्थानों को नियमविरुद्ध मान्यता देने का एक बड़ा गड़बड़झाला उजागर हुआ है.  पशुपालन विभाग ने पिछले वर्ष दिसंबर में पशुपालन डिप्लोमा संस्थान की स्थापना/संचालन नीति 2022 जारी की थी.  इस नीति के जारी होने से पहले ही 11 ऐसे संस्थानों को मान्यता दे दी गई, जिनमें से 5 कॉलेजों की मान्यता के आवेदनों को तो विभाग बाकायदा खारिज कर चुका था.  दरअसल पशुपालन डिप्लोमा संस्थान खोलने के लिए पशुपालन विभाग की ओर से एनओसी जारी की जाती है.  

NOC के बाद मिलती है मान्यता

इसके बाद बीकानेर स्थित राजस्थान पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय द्वारा मान्यता दी जाती है.  नीति जारी होने से पहले पिछले वर्ष 12 सितंबर 2022 को 11 ऐसे पशुपालन डिप्लोमा संस्थानों को मान्यता जारी कर दी गई, जिन्हें नियमानुसार मान्यता नहीं दी जा सकती थी.  बड़ी बात यह है कि मान्यता देने के आदेश तत्कालीन पशुपालन सचिव आईएएस पीसी किशन ने जारी किए थे, जबकि पीसी किशन ही मान्यता देने से 2 महीने पहले 5 संस्थाओं के आवेदनों को खारिज भी कर चुके थे. 

इन 6 संस्थानों को दी गई नियमविरुद्ध मान्यता

  1. श्रीगंगानगर इंस्टीट्यूट ऑफ वेटरनरी साइंस (टांटिया विश्वविद्यालय) की 50 से बढ़ाकर 100 सीट की
  2. गौरव पशुधन सहायक डिप्लोमा ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट सवाईमाधोपुर को 50 सीट की अनुमति
  3. सौरभ कॉलेज ऑफ वेटरनरी साइंस, हिंडौनसिटी, करौली को 50 सीट की अनुमति
  4. गौरव और सौरभ दोनों संस्थान राजस्थान देहली एजुकेशन सोसायटी हिंडौन सिटी के
  5. अमृतम पशुधन सहायक ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट बातावाड़ी अंता, बारां को 50 सीट की अनुमति
  6. गुरुकुल कॉलेज ऑफ वेटरनरी साइंस लाखेरी, बूंदी को 50 सीट की अनुमति
  7. गोविन्दम लाइवस्टॉक असिस्टेंट डिप्लोमा ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट फागी को 50 सीट की अनुमति
  8. इन्हें पहले रद्द किया, फिर 2 माह में मान्यता दे दी !
  9. डॉक्टर राधाकृष्ण इंस्टीट्यूट ऑफ एनिमल साइंस कुचामनसिटी को 50 सीट की अनुमति
  10. टैगोर इंस्टीट्यूट ऑफ एनिमल साइंस कुचामनसिटी को 50 सीट की अनुमति
  11. श्री टैगोर इंस्टीट्यूट ऑफ एनिमल साइंस कुचामनसिटी को 50 सीट की अनुमति
  12. एमएलडी पशुधन सहायक डिप्लोमा ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट केकड़ी को 50 सीट की अनुमति
  13. मुरली सिंह यादव मेमोरियल प्रशिक्षण संस्थान उदयरामसर बीकानेर को 50 सीट की अनुमति
  14. सभी संस्थानों को 12 सितंबर 2022 को जारी की गई मान्यता

रोचक बात यह है कि इन संस्थानों को मान्यता देने से ठीक 14 दिन पहले पशुपालन विभाग के सचिव पीसी किशन ने जोधपुर हाईकोर्ट में सरकार के अतिरिक्त महाधिवक्ता अनिल कुमार गौड़ को पत्र लिखा था.  लिखा था कि हाईकोर्ट जोधपुर के 23 अगस्त 2022 के आदेश की पालना में याची संस्थाओं के निरीक्षण रिपोर्ट के सत्यापन की कार्यवाही विचाराधीन है.  राज्य सरकार की ओर से समुचित उत्तर दिया जा सके, इसके लिए जोधपुर हाईकोर्ट से 15 दिन का समय दिलवाए जाने का आग्रह किया गया था. 

14 दिन पहले समय मांगा, 15वें दिन मान्यता दे दी

  1. एसबी सिविल याचिका 10658/2022 श्री टैगोर इंस्टीट्यूट ऑफ एनिमल साइंस बनाम राज्य
  2. याचिका 10659/2022 राधाकृष्ण इंस्टीट्यूट ऑफ एनिमल साइंस बनाम राज्य
  3. 10662/2022 मुरली सिंह यादव मेमोरियल प्रशिक्षण संस्थान बनाम राज्य
  4. 10678/2022 एमएलडी लाइवस्टॉक असिस्टेंट डिप्लोमा ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट बनाम राज्य
  5. 10680/2022 टैगोर इंस्टीट्यूट ऑफ एनिमल साइंस बनाम राज्य
  6. इन सभी मामलों में अतिरिक्त महाधिवक्ता को 15 दिन का समय लेने को लिखा गया
  7. 29 अगस्त 2022 को पत्र लिखा, फिर 12 सितंबर 2022 को सभी को मान्यता दे दी
  8. जबकि इन्हीं संस्थाओं के आवेदनों को 12 जुलाई 2022 को रद्द किया गया था

इस पूरी प्रक्रिया में सवाल इसलिए उठ रहे हैं, क्योंकि इन्हीं संस्थानों को मान्यता देने के आवेदनों को पशुपालन सचिव पीसी किशन ने 12 जुलाई 2022 को रद्द कर दिया था.  दरअसल इन संस्थाओं के मान्यता आवेदकों पर पशुपालन विभाग ने 29 मार्च 2022 को संस्थाओं के भौतिक सत्यापन एवं निरीक्षण के लिए गठित कमेटी द्वारा संस्थाओं का निरीक्षण किया गया. 11 अप्रैल को इनकी रिपोर्ट प्रस्तुत की गई. इस आधार पर 12 जुलाई को सचिव पीसी किशन ने कहा कि विभाग द्वारा नई संस्थाओं को एनओसी देने के दिशा निर्देश और मानक तय नहीं किए गए हैं.  इसलिए इन संस्थाओं को 2 वर्षीय डिप्लोमा पाठ्यक्रम संचालन के लिए योग्य नहीं माना जा सकता है. 

मान्यता से 2 महीने पहले ओवदन किए थे निरस्त

  1. 5 पशुपालन डिप्लोमा संस्थानों के आवेदन 12 जुलाई 2022 को किए गए निरस्त
  2. आदेशों में पशुपालन सचिव ने कहा, डिप्लोमा संस्थाओं हेतु विभागीय नीति प्रक्रियाधी
  3. ऐसे में नीति में संशोधन होने के बाद ही नए कॉलेज खोलने के लिए एनओसी देने
  4. या सीट बढ़ाए जाने के लिए राज्य सरकार द्वारा विज्ञप्ति जारी कर आवेदन लिए जाएंगे
  5. इसलिए कमेटी द्वारा भौतिक निरीक्षण एवं संवीक्षा रिपोर्ट मानकों के अनुरूप नहीं
  6. संस्था के निरीक्षण प्रतिवेदन को निरस्त करते हुए पाठ्यक्रम चलाने की अनुमति नहीं दी

इस मामले में जब पक्ष जानने के लिए हमने तत्कालीन पशुपालन सचिव पीसी किशन से बात की तो उन्होंने कहा कि उनका पशुपालन विभाग से तबादला हो चुका है, इसलिए वे कुछ नहीं कहेंगे.  जिन संस्थाओं को मान्यता दी गई, वह नियमानुसार ही दी होगी.  हालांकि वे यह जवाब नहीं दे सके कि जिनके आवेदन खारिज किए थे, उन्हें 2 महीने में ही नियमानुसार कैसे मान्यता दे दी गई, जबकि विभाग ने नियम मान्यता देने के बाद निर्धारित किए थे. 

Reporter- Kashiram Choudhary

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