Jaipur News: सड़कों और भवनों की मॉनिटरिंग के लिए PWD ने बनाया ऐप, निर्माण की क्वालिटी पर रखी जा सकेगी नजर
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Jaipur News: सड़कों और भवनों की मॉनिटरिंग के लिए PWD ने बनाया ऐप, निर्माण की क्वालिटी पर रखी जा सकेगी नजर

Jaipur News: राजस्थान पीडब्लूडी ने सड़कों और भवनों की मॉनिटरिंग के लिए सेवा एप डेवलप किया है. जिसमें आठ हजार इंजीनियर, ठेकेदारों की आईडी मैप की है. ये ऐप गड़बड़ी रोकने में मददगार होगा. अभी इसका ट्रायल विभाग के स्तर पर चल रहा है. बाद में इसे आम जन के लिए भी उपलब्ध कराया जाएगा.

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Jaipur News: राजस्थान पीडब्लूडी ने सड़कों और भवनों की मॉनिटरिंग के लिए सेवा एप डेवलप किया है. जिसमें आठ हजार इंजीनियर, ठेकेदारों की आईडी मैप की है. ये ऐप गड़बड़ी रोकने में मददगार होगा. उप मुख्यमंत्री दीया कुमारी ने इसे लॉन्च किया है.

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अभी इसका ट्रायल विभाग के स्तर पर चल रहा है. बाद में इसे आम जन के लिए भी उपलब्ध कराया जाएगा. तब लोग भी इस पर शिकायत दे सकेंगे. इस ऐप के जरिए सड़कों और भवनों के निर्माण की क्वालिटी पर नजर रखी जा सकेगी. इससे न केवल निर्माण करने वाले ठेकेदारों, बल्कि अधिकारियों की भी जिम्मेदारी तय हो सकेगी. 

 

ऐप में ऐसा निरीक्षण सिस्टम बनाया गया है​ कि निर्माण खराब होने की स्थिति में तुरंत विभाग को सूचना मिलेगी और उसे समय सीमा में सुधारा भी जा सकेगा. उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी ने बताया कि इस पहल का उद्देश्य सड़कों, भवनों आदि की गुणवत्ता को बरकरार रखते हुए सिस्टम में पारदर्शिता, जवाबदेही को बढ़ाना है. 

 

ऐप सभी प्रोजेक्ट्स पर नजर रखेगा. प्रतिदिन या घंटे के हिसाब से भी रिपोर्ट लेगा. यह गुणवत्ता बनाए रखने और गड़बड़ी रोकने में मदद करेगा. उन्होंने बताया कि एप शिकायतों के सुचारू पंजीकरण, ट्रैकिंग और प्रबंधन की सुविधा देता है. यानी इस पर ऑनलाइन शिकायतें दी जा सकेंगी. शिकायत करने पर एक शिकायत पंजीकरण संख्या प्राप्त होगी. 

 

इस संख्या को ट्रैक करके यह पता किया जा सकेगा कि शिकायत पर अब तक क्या कार्रवाई हुई है. संबंधित अधिकारी वर्ष में दो बार सड़क या भवन का निरीक्षण करेगा. वह निरीक्षण की जियो टेगिंग कर फोटो ऐप पर अपलोड करेगा. अधिकारी की ओर से इस फोटो के साथ टिप्पणी भी जाएगी. जिसमें संतोषप्रद, असंतोषप्रद जैसी कई कैटेगरी दी गई हैं. जैसे ही यह जानकारी एप पर अपलोड होगी. 

 

मॉनिटरिंग व्यवस्था के लिए बने कंट्रोल रूम के ईमेल पर क्रमवार जानकारी प्राप्त होगी. इस जानकारी के साथ ही सड़क या भवन की स्थिति में सुधार के लिए संबंधित अधिकारी को निर्देश दिए जाएंगे. इसके लिए ऐप पर विभाग के मंत्री सहित जेईएन स्तर तक के अधिकारियों और 8000 ठेकेदारों की आईडी मैप की गई है.

 

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