Jaipur: 31 तोपों की गर्जनाओं में जन्में भगवान कृष्ण, 425 लीटर दूध, 365 किलो दही से हुआ ठाकुरजी का अभिषेक
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Jaipur: 31 तोपों की गर्जनाओं में जन्में भगवान कृष्ण, 425 लीटर दूध, 365 किलो दही से हुआ ठाकुरजी का अभिषेक

Jaipur news: गुरूवार को पूरी पिंक सिटी भगवान कृष्ण के दर्शनों लिए टकटकी लगाए  राह देख रही थी . 12 बजे जन्में कृष्ण कन्हाई के बाद  गोविंददेव जी मंदिर का नजारा ही अलग सा हो गया. . 425 लीटर दूध, 365 किलो दही, 11 किलो घी, 85 किलो बूरा और 11 किलो शहर से ठाकुरजी का अभिषेक किया गया.

Govind dev ji mandir jaipur

Jaipur news: गुरूवार को पूरी पिंक सिटी भगवान कृष्ण के दर्शनों लिए टकटकी लगाए  राह देख रही थी . भक्तों का कारवां, मृदग मंजीरों की धुन और हवाई गर्जना के बीच  12 बजे जन्में कृष्ण कन्हाई . गुरुवार मध्यरात्रि कान्हा के प्रकट होने के दौरान ऐसा ही नजारा देखने को मिला....रंग बिरंगी रोशनी और आतिशबाजी के बीच आराध्य देव गोविंद देव मंदिर सहित शहर के अन्य कृष्ण मंदिरों में भक्तों का उत्साह चरम पर रहा.

 425 लीटर दूध, 365 किलो दही से ठाकुरजी का अभिषेक 

 मध्य रात्रि जन्म के साथ ही प्रभु की बलाइयां लेने के लिए हजारों हाथ एक साथ उठे. मध्यरात्रि 12 बजे 31 तोपों की गर्जनाओं के साथ गोविंददेवजी के दर्शन खुले तो ‘राधे-राधे, जय हो कृष्ण कन्हाई की’ जैसे जयघोष के साथ बधाइयां गूंज उठी. पांच पंडि़तों ने वेद पाठ करते हुए सालिगराम पूजन और पंचद्रव्यों के पूजन किया. इसके बाद मंदिर महंत अंजन कुमार गोस्वामी ने ठाकुरजी का पंचामृत अभिषेक शुरू किया. 425 लीटर दूध, 365 किलो दही, 11 किलो घी, 85 किलो बूरा और 11 किलो शहर से ठाकुरजी का अभिषेक किया गया. साथ ही पंजीरी लड्डू, खीरसा और रबड़ी आदि का भोग लगाया. सभी झांकियों में पुष्पों का विशेष शृंगार किया. अलसुबह से गोविंद के दरबार में श्रद्धालुओं का रैला नजर आया. शुक्रवार गोविंददेव जी सहित अन्य मंदिरों में नंदोत्सव मनाया जाएगा.

छोटीकाशी में धूमधाम से मनाया गया पर्व 
जन्माष्टमी का पर्व छोटीकाशी में धूमधाम से मनाया गया....माखन चोर, नंदलाल के जनम की खुशी का रंग पूरे शहर में देखने को मिला. हर कोई कृष्ण जन्म के उल्लास में डूबा नजर आया. घरों में ठाकुरजी को नई पोशाक धारण करवाकर अद्भुत शृंगार किया गया तो मंदिरों में प्रभु दर्शनों के लिए सैलाब सा उमड़ा....छोटीकाशी अलसुबह से देर रात तक कृष्ण के रंग में रंगी नजर आई. सुबह से ही भक्त शहर के आराध्य देव गोविंद देव जी मंदिर, राधा-दामोदर, गोपीनाथ, कृष्ण बलराम, इस्कॉन, आनंद कृष्ण बिहारी, ब्रज निधि, रामचंद्र जी, कनक वृंदावन मंदिर सहित अन्य मंदिरों में भक्त प्रभु के दर्शनों के लिए पहुचंने लगे. शाम होते होते दर्शनों के लिए लंबी-लंबी कतारें नजर आई. महिलाओं ने कान्हा के लिए माखन मिश्री सहित अनेक व्यंजन तैयार किए. इस बीच छोटे बच्चे राधा कृष्ण की पोशाक पहने मंदिरों में पहुंचें.

मंदिर में मंगला झांकी से भक्तों की  उमड़ी भीड़

वहीं भक्तों ने व्रत रखकर जन्मोत्सव की खुशियां मनाई. मध्यरात्रि में जन्माभिषेक और आरती कर भक्तों को पंजीरी और प्रसाद वितरित किया गया. गोविंद देव जी मंदिर में मंगला झांकी से भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी. रात को रंग बिरंगी रोशनी और आतिशबाजी के बीच आराध्य देव गोविंद देव जी मंदिर परिसर में मध्यरात्रि में 31 हवाई गर्जनाओं के साथ भगवान श्रीकृष्ण का प्राकटयोत्सव मनाया गया. दर्शनों के लिए बड़ी स्क्रीन भी लगाई गई. साथ ही 3000 से ज्यादा सेवकों ने व्यवस्थाओं को संभाला. वहीं सुरक्षा व्यवस्था भी एकदम चाक-चौबंद नजर आई. उधर चौड़ा रास्ता स्थित राधा दामोदर मंदिर में महंत मलय गोस्वामी के सान्निध्य में दोपहर 12 बजे भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ. नाहरगढ़ पहाड़ी स्थित चरण मंदिर में दोपहर 12 बजे मंदिर महंत सुरेश कुमार पारीक के सान्निध्य में भगवान कृष्ण के चरण चिन्ह का वैदिक मंत्रोच्चार से अभिषेक हुआ.

बहरहाल, आराध्य गोविंददेवजी मंदिर में रात 1.15 बजे तक चले जन्माभिषेक की झलक को लोग निहारते रहे. इस बीच गोविंददेवजी मंदिर ‘राधे-राधे..., गोविंद जय जय...’ के जयकारों से गूंजता रहा.

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