राजस्थान में सुबह-शाम पतंगबाजी पर लगी रोक, गृह विभाग ने जारी की एडवाइजरी
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राजस्थान में सुबह-शाम पतंगबाजी पर लगी रोक, गृह विभाग ने जारी की एडवाइजरी

Jaipur News: प्रदेश में मकर संक्रांति पर मांझे से हो रहे नुकसान को देखते हुए सुबह और शाम दो घंटे पतंगबाजी पर रोक रहेगी. गृह विभाग ने इस संबंध में जिला कलेक्टरों को एडवाइजरी जारी की है. एडवाइजरी में कहा गया है कि जिला कलेक्टर धारा 144 के तहत आदेश जारी कर पतंगबाजी पर पूर्ण प्रतिबंध लगाए. 

राजस्थान में सुबह-शाम पतंगबाजी पर लगी रोक, गृह विभाग ने जारी की एडवाइजरी

Jaipur News: प्रदेश में मकर संक्रांति पर मांझे से हो रहे नुकसान को देखते हुए सुबह और शाम दो घंटे पतंगबाजी पर रोक रहेगी. गृह विभाग ने इस संबंध में जिला कलेक्टरों को एडवाइजरी जारी की है. एडवाइजरी में कहा गया है कि जिला कलेक्टर धारा 144 के तहत आदेश जारी कर पतंगबाजी पर पूर्ण प्रतिबंध लगाए. 

एडवाइजरी में कहा कि राज्य सरकार के ध्यान में आया है कि राज्य में मकर संक्राति और अन्य पर्वोँ पर आम आदमी पतंगबाजी में चाइनीज मांझा, प्लास्टिक और अन्य सिंथेटिक पदार्थ से बने मांझे या जहरीले पदार्थ जैसे लोहा, ग्लास आदि से बनें धागों का उपयोग कर रहे हैं और इससे लगातार दुर्घटनाएं हो रही है.

सरकार ने माना कि पतंगबाजी में चाइनीज मांझा, प्लास्टिक और अन्य सिंथेटिक पदार्थ से बने मांझे लोहा ग्लास से बनें धागों का उपयोग पक्षियों और मानव जीवन के लिए संकट है. ऐसे में जिला कलेक्टरों को यह परामर्श जारी किया गया है, सभी जिला कलेक्टर आईपीसी की धारा 1973 की धारा 144 की शक्तियों का प्रयोग करते हुए सभी प्रकार की पतंगबाजी पर रोक लगाएं.
परामर्शदात्री में सभी प्रकार की पतंगबाजी पर सुबह 6 से आठ बजे और शाम पांच से 7 बजे की अवधि में रोक लगाने और चाइनीज मांझे के निर्माण बेचने और उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की सलाह दी गई है.

इस आदेश के क्रम में दिया परामर्श
स्वायत्त शासन विभाग ने 26 दिसम्बर 2017 को आयुक्त अधिशासी अधिकारी, नगर निगम, नगर परिषद, नगर पालिका को हाईकोर्ट सिविल रिट के संबंध में आदेश जारी किया था. हाईकोर्ट ने 22 अगस्त 2012 को आदेश दिया था कि सुबह 6 से 8 और शाम 5 से 7 की अवधि में सभी प्रकार की पतंगबाजी प्रतिबन्धित होगी और प्लास्टिक और अन्य सिन्थेटिक पदार्थ से बने मांझे का निर्माण, विपणन और उपयोग को प्रतिबन्धित किया. इस संबंध में पर्यावरण विभाग द्वारा भी आदेश 13 जनवरी 2012 को जारी किया गया है.

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घायल परिंदे और लोग
गौरतलब है कि जयपुर और प्रदेश में चाइनीज मांझे के कारण बड़ी संख्या में लोगों के घायल होने की घटनाएं हो चुकी है. इनमें कई मामलों में तो बच्चों सहित कुछ लोगों मांझे से गला कटने के कारण मौत तक हो चुकी है. हर साल बड़ी संख्या में पक्षी मांझे के कारण घायल होते हैं. खासतौर पर सुबह और शाम परिंदों के आने जाने का समय होता है और इस वजह से घायल होते हैं.

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