Jaipur News: राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने इस बार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उनके परिवार पर सीधा हमला बोला है. सांसद मीणा ने गुरुवार को आरोप लगाए कि सीएम गहलोत और उनके वैभव गहलोत की जयपुर सहित अन्य जिलों में चार पांच सितारा होटलों में बेनामी हिस्सेदारी है.
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Jaipur: राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने इस बार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उनके परिवार पर सीधा हमला बोला है. सांसद मीणा ने गुरुवार को आरोप लगाए कि सीएम गहलोत और उनके वैभव गहलोत की जयपुर सहित अन्य जिलों में चार पांच सितारा होटलों में बेनामी हिस्सेदारी है. इतना ही नहीं मॉरीशस की कंपनी के जरिए ब्लैक मनी को एक जोधपुर के एनआरआई डॉक्टर मार्फत व्हाईट किया जा रहा है. सांसद किरोड़ी लाल ने दावा किया कि शुक्रवार दोपहर 1 बजे वो सारे सबूत और दस्तावेजों के साथ अब इस पूरे मामले की शिकायत ईडी में करेंगे.
विधानसभा चुनाव में इस बार भ्रष्टाचार एक बड़ा मुद्दा बनेगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले दिनों अजमेर के कायड़ में जनसभा में इस तरह के संकेत दिए थे. यही वजह है कि बीजेपी लगातार अब गहलोत सरकार के भ्रष्टाचार के मुद्दों को उठा रही है. राज्य सभा सांसद डॉ किरोड़ीलाल मीणा सहित अन्य नेता लगातार भ्रष्टाचार के मामले उठाते रहेंगे. राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने पेपर लीक के बाद अब होटलों में भ्रष्टाचार का मामला उठाया है.
पांच सितारा होटलों में बेनामी किया जा रहा व्यवसाय- सांसद
सांसद मीणा ने इस बार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उनके बेटे वैभव गहलोत सहित उनके परिवार को सीधे निशाने पर लिया है. मीणा ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उनके बेटे वैभव गहलोत के साथ पुत्रवधू हिमांशी गहलोत की ओर से पांच सितारा होटलों में बेनामी व्यवसाय किया जा रहा है. मीणा ने मुख्य रूप से प्रदेश के चार बडे होटलों उदयपुर के रैफल्स होटल, ताज अरावली होटल, माउंट आबू के निमडी पैलेस और जयपुर के फेयर माउंट होटल में अवैध भूमि रूपांतरण, निर्माण, विदेशी शैल कंपनियों के जरिये मॉरीशस और लंदन का पैसा निवेश करने के आरोप लगाए. वैभव और हिमांशी की डमी कंपनी सनलाइट कार रेंटल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड में विभिन्न स्रोतों से एकत्रित की गई सम्पत्ति को स्थानांतरित किया जा रहा है .
पेटे की जमीन पर रैफल्स होटल का किा निर्माण- मीणा
मीणा ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री गहलोत के राजनैतिक संरक्षण में उदयपुर की उदयसागर झील के पेटे की जमीन पर रैफल्स होटल का निर्माण किया गया है. जिसमें कुछ समय पहले करीब आठ हेक्टेयर जमीन को एक आदिवासी से हडप कर उसमें से करीब दो हैक्टेयर भूमि को अवैध तरीके से रूपातंरित कर निर्माण किया है, जबकि छह हैक्टेयर भूमि को कृषि प्रयोजन के लिए छोडा गया है. दो हैक्टेयर भूमि में निर्माण इस ढंग से किया गया जिससे जमीन झील के पेटे से बाहर नजर आ सके. उक्त अवैध निर्माण को राजस्थान उच्च न्यायालय ने ध्वस्त करने के आदेश भी दिए थे.
इसी होटल के लिए वर्ष 2014 में वर्धा एंटरप्राईजेज ने बिना अनुमति सडक का निर्माण किया, जिसको 2017 में जलदाय विभाग की जांच में अवैध निर्माण माना गया. इसके बाद 2018 में प्रदेश में गहलोत सरकार बनते ही यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल के संरक्षण में वर्धा कंपनी ने इस होटल में अवैध रूप से 40 कमरों को निर्माण करवाया.
होटल ताज अरावली गहलोत परिवार की दूसरी संपत्ति- किरोडीलाल मीणा
डॉ. किरोडीलाल मीणा ने कहा कि गहलोत परिवार की दूसरी संपत्ति होटल ताज अरावली है, जो कि मुंबई निवासी राजीव आनंद और वैभव गहलोत के मालिकाना हक वाला होटल है. उन्होने कहा कि यह वही होटल है जिसमें कांग्रेस का चिंतन शिविर आयोजित हुआ था और राज्यसभा चुनाव के समय बाडाबंदी की गई थी. इस होटल में वन विभाग और चारागाह भूमि पर अवैध रूप से निर्माण किया हुआ है. नियमों की धज्जियां उडाते हुए पिछोला झील के पेटेे में दस करोड के सौंदर्यीकरण कार्य कराए गए. वर्ष 2020-21 में जिसके खिलाफ मैने प्रदर्शन किया तो मुझे जिला बदर कर दिया गया था.
इसके अलावा माउंट आबू का निमडी पैलेस जो कि ईको सेंसेटिव जोन में आता है, इसमें गहलोत के नजदीकी बद्री जाखड ने राजनैतिक संरक्षण में अवैध रूप से 80 कमरों का निर्माण कराया. इसके अलावा जयपुर की पांच सितारा होटल फेयर माउंट में वैभव गहलोत ने एक शैल और फर्जी कम्पनी सिवनार होल्डींगस लिमिटेड के नाम पर 96 करोड 75 लाख रूपये मारीषियस से बेनामी रूप से निवेश किया गया है .
सिवनार होल्डींगस लिमिटेड‘‘ एक फर्जी एवं शैल कम्पनी है जो कि मूल कंपनी ‘जेटीसी फिड्सीरी सर्विसेट लिमिटेड‘ मॉरिसस के पते पर रजिस्टर्ड हैं. ट्राइटन होटल एण्ड रिसोर्ट प्रा. लि. कंपनी का फेयर माउंट में पचास प्रतिशत की हिस्सेदारी रतनकान्त शर्मा एवं उनकी पत्नी जूही शर्मा की है. इसके अलावा बेनामी पचास प्रतिशत हिस्सेदारी वैभव गहलोत की ''सिवनार होल्डींगस लिमिटेड'' फर्जी एवं शैल मॉरीशस की कंपनी के नाम से है . जे.टी.सी. कंपनी में प्राइवेट क्लाइंट गहलोत परिवार से हैं जो काले धन को मॉरीशस की कम्पनी के जरिये काले धन को सफेद करने में लगे हुए हैं .
वैभव पर फर्जी बिल उठाने के आरोप
सांसद मीणा ने कहा कि वैभव गहलोत लंबे समय तक होटल फेयरमाउंट में कानूनी सलाहकार रहे हैं एवं फेयरमाउंट में बोगस बिल पास कराए, ऐसे सभी बिलो का भुगतान वैभव गहलोत और उनकी पत्नी हिमांशी गहलोत की कंपनी ‘‘सन लाइट कार रेंटल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड‘‘ को किया जाता है. होटल फेयर माउंट के अन्य पार्टनर रतनकांत शर्मा गहलोत के कारोबार का प्रबंधन करते है, और होटल फेयर माउंट जयपुर और रैफल्स उदयपुर होटल के मालिक भी हैं. वैभव गहलोत परिवार की कंपनी सनलाईट कार रेन्टल सर्विसेज प्राईवेट लिमिटेड में वैभव गहलोत के साथ बराबर हिस्सेदारी 50 प्रतिशत के मालिक थे. कुछ समय बाद रतनकान्त शर्मा इस कंपनी से अलग हट गए.
पनामा पेपरर्स लीक में लिप्त हवाला कंपनी से मिलीभगत
सांसद मीणा ने कहा कि पनामा पेपर्स में लिप्त हवाला कम्पनी मिनर्वा होल्डिंग लिमिटेड और सिवनार फिड्युशियरी लिमिटेड गहलोत परिवार के लिए जेटीसी फिड्युसीएरी सर्विसेज लिमिडेट की ओर से बनाई गई एक शैल एवं डमी कंपनी है. इसका उद्देश्य गहलोत परिवार के द्वारा कमाए गए काले धन को मॉरीशस रूट के जरिए सफेद करने का है. सांसद ने आरोप लगाया कि शिवनार होल्डिंग लिमिटेड ने घाटे में चल रही कंपनी फेयर माउंट होटल में आधा स्वामित्व भारी प्रीमियम कीमत पर खरीदा है.
शिवनार होल्डिंग लिमिटेड ने मूल रूप से कंपनी के 50 फीसदी स्वामित्व के लिए भारी धनराशि का निवेश किया था और होटल के वास्तविक बाजार मूल्य को संतुलित करने के लिए शेयरों को कम हिस्सेदारी के लिए 100 रुपए के शेयर को 39 हजार रुपए और 2 हजार 200 रुपए प्रीमियम मूल्य पर खरीदा गया है.सांसद ने कहा कि वैभव गहलोत लंबे समय तक होटल फेयर माउंट में कानूनी सलाहकार रहे हैं और फर्जी ट्रैवलिंग बिल बनाए जा रहे हैं. ऐसे सभी बिलों का भुगतान वैभव और हिमांशी की कंपनी सनलाइट कार रेंटल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड को किया जा रहा है .
जोधपुर के NRI डॉक्टर के जरिये हो रहा खेल
सांसद मीणा ने कहा कि ब्लैक मनी का पूरा खेल जोधपुर के एक NRI डॉक्टर के जरिये हो रहा है. पहले यहां से हवाला के जरिये पैसा मॉरीशस भेजा जाता है . फिर उसी पैसे को फर्जी कंपनी सिवनार होल्डिंग्स लिमिटेड के नाम से यहां पर निवेश किया जाता है. इस कम्पनी में सीएम गहलोत के परिवार के सदस्यों के नाम है. मीणा ने कहा कि सीएम अशोक गहलोत ने अपनी सरकार के समय में ''ट्राईटन होटल एंड रिसोर्ट प्राइवेट लिमिटेड‘ कम्पनी को फेयर माउंट होटल को निर्माण की स्वीकृति जे.डी.ए. की और से नवंबर 2009 को स्वीकृत किया गया था. बाद में एक शैल और फर्जी कम्पनी सिवनार होल्डिंग्स लिमिटेड के नाम पर 96 करोड़ 75 लाख रुपए मॉरीशस से बेनामी रूप से निवेश किया गया है. ये कम्पनी मॉरिशस के पते पर पंजीकृत है. इस कंपनी में सीधे तौर पर सीएम गहलोत के परिवार की हिस्सेदारी है.
चारागाह भूमि पर कब्जे का भी आरोप
सांसद मीणा ने आरोप लगाया कि पांच सितारा होटल टाइटन होटल (फेयर माउंट) का निर्माण केवल 15 प्रतिशत भूमि पर हुआ था, लेकिन रतनकांत शर्मा और सीएम गहलोत के बेटे वैभव गेहलोत के साथ मिल कर राजनीतिक रसूखात का दुरूपयोग करते हुए होटल का निर्माण लगभग पूरी जमीन पर कब्जा कर लिया. इतना ही नहीं वहां वर्षों से रहे रहे बंजारा परिवारों को जबरन हटाकर बेदखल करने की कोशिश की गई.
गहलोत सरकार भ्रष्टाचार में लिप्त होकर अपने होटल से गैरकानूनी वित्तीय लाभ के लिए एवं होटल की नई बिल्डिंग के निर्माण के लिए पूर्व में भी बाजारों के परिवार को उस जमीन से जबरन जेडीए के अधिकारियों के साथ मिलीभगत करके होटल फेयर माउंट के मालिकों ने बाजारों के परिवार को महिला बच्चे समित 150 मीटर बेदखल कर धकेल कर दिया गया दिया था.
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