Jaipur: मंत्री करवा रहे जांच पर जांच, कब आएगी दोषियों पर आंच, कब हटेगी पंचायतों से भ्रष्टाचार की परत
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Jaipur: मंत्री करवा रहे जांच पर जांच, कब आएगी दोषियों पर आंच, कब हटेगी पंचायतों से भ्रष्टाचार की परत

Jaipur News: पंचायतीराज मंत्री रमेश मीणा ने नागौर-बाडमेर में 300 करोड़ के गबन की जांच शुरू की गई थी  साथ ही जयपुर, करौली, कोटा, पाली, उदयपुर में भी अनयिमितता के मामले मंत्री ने पूरी तत्परता से उठाए. लेकिन  ऐसे में दोषियों पर कोई आंच अब तक नहीं आई है.

पंचायतीराज मंत्री रमेश मीणा

Jaipur News: जयपुर में पंचायतीराज मंत्री रमेश मीणा ने विभाग में हो रहे भ्रष्टाचार को लेकर जांच बैठाई गई थी. इस जांच में नागौर-बाडमेर में 300 करोड़ के गबन की जांच शुरू की गई थी  साथ ही जयपुर, करौली, कोटा, पाली, उदयपुर में भी अनयिमितता के मामले मंत्री ने पूरी तत्परता से उठाए थे, लेकिन मंत्री सिर्फ जांच पर जांच कर रहे है. ऐसे में दोषियों पर कोई आंच अब तक नहीं आई है. किसी भी मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई, ऐसे में क्या विभाग में मंत्री की नहीं चल रही या आरोपों में कोई दम नहीं. 

मंत्री की लताड पर बैठाई जांच

प्रदेश के पंचायतीराज मंत्री रमेश मीणा जहां-जहां जाते है, वहां वहां तहलका मचता है. कई बार तो मंत्री के सवाल अफसरों के अलख सुखा देती है. कल रमेश मीणा ने बीकानेर कलक्टर भगवती प्रसाद कलाल को भरे समारोह से बाहर का रास्ता दिखा दिया. .कुछ इसी अंदाज में जिलों में विजीट के दौरान रमेश मीणा ने भष्ट्राचार के मामलों में जांचे तो बैठाई लेकिन कार्रवाई आज तक नहीं हुई.

जांच पर जांच, नहीं आई कोई आंच

- नागौर में तालाब निर्माण कार्यों में अनियमितता की जांच. खेल मैदान में मिली अनियमितता की जांच.

- जयपुर पंचायत समिति जालसू की भूतल ग्राम पंचायत में 25 लाख के गमन की शिकायत पर जांच करने के आदेश दिए.

- जैसलमेर में सभी कार्यों का निरीक्षण कर विभाग को रिपोर्ट पेश करने के निर्देश

- करौली में कार्यों का भौतिक सत्यापन.डांग विकास बोर्ड के माध्यम से अम्बेडकर भवन निर्माण के लिए बजट की स्वीकृति प्रदान की गई थी. लेकिन उस बजट का अन्य योजनाओं के कार्यों में उपयोग किए जाने पर मामले की की जांच के निर्देश.

-कोटा एलईडी खरीद और तालाब खुदाई में अनियमितता मिलने पर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई कर विभाग को रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए.

- नागौर तालाब निर्माण कार्यों में अनियमितता की जांच करने के निर्देश दिए।खेल मैदान में मिली अनियमितता के लिए स्टेट कोमेटी बनाकर जांच के निर्देश दिए गए थे.

- पाली में जलग्रहण के कार्यों की जांच की रिपोर्ट पेश करने के निर्देशजिले के विभागीय योजनाओं के कार्यों का भौतिक सत्यापन करने के निर्देश दिए.

-उदयपुर में एसबीएम-जी में प्रचार प्रसार में खर्च की जांच की रिपोर्ट पेश करने के निर्देश, बिना उपयोगिता के सामुदायिक शौचालय परिसर नहीं बनाने के निर्देश दिए.

- बाड़मेर में मनरेगा के तहत टांका निर्माण कार्यों में लेवलिंग के नाम पर अनियमितता की जांच नही करने पर कार्यकारी अधिकारी को जबाव तलब किया.वरीयता के आधार पर ही कार्य स्वीकृत करने के निर्देश दिए.

मंत्री जी बोले- हमारा मकसद गुणवत्ता में सुधार

पंचायतीराज मंत्री रमेश मीणा ने इन सब पर सफाई देते हुए कहा है कि हमारा मकसद है गुणवत्ता में सुधार करना है. 20 जिलों के दौरे किए है, एक तरह से ऐसा बदलाव आ रहा है अब जनप्रतिनिधियों, अफसरों में भय पैदा हो गया है. ये जांचे नहीं, गुणवत्ता में सुधार करना है.

लेकिन ऐसे में सवाल ये उठ रहें है कि मंत्री के जांच के आदेशों के बाद भी दोषी, भ्रष्ट अफसरों पर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है, क्या विभाग में मंत्री की चल नहीं रही या फिर अफसर मंत्री के आदेश समझ नहीं पा रहे? 

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