Jaipur: जयपुर समेत चार जिलों की लाइफ लाइन कहे जाने वाले बीसलपुर बांध में लगातार जल स्तर गिरता जा रहा है. गर्मियां बढ़ते ही बीसलपुर बांध पर भी सबकी निगाहें दौड़ने लगती है, क्योंकि ये बांध जयपुर, दौसा, टोंक और अजमेर समेत 1 करोड़ 16 लाख आबादी की प्यास बुझाता है.
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Jaipur: जयपुर समेत चार जिलों की लाइफ लाइन कहे जाने वाले बीसलपुर बांध में लगातार जल स्तर गिरता जा रहा है. गर्मियों में तापमान बढ़ने के साथ साथ पानी की डिमांड भी बढ़ती जा रही है. इस कारण बीसलपुर का जल स्तर घटता जा रहा है. इसके कारण चार जिलों के पानी का संकट गहरा गया है.
1 करोड़ की आबादी के लिए एक बांध पर दबाव
वैसे तो गर्मियां आते ही पूरे राजस्थान में जल संकट का खतरा मंडराने लगता है, लेकिन जयपुर समेत चार जिलों की लाइफ लाइन कहे जाने वाले बीसलपुर बांध पर भी सबकी निगाहें दौड़ने लगती है, क्योंकि ये बांध जयपुर, दौसा, टोंक और अजमेर समेत 1 करोड़ 16 लाख आबादी की प्यास बुझाता है. फिलहाल, बीसलपुर बांध में 40 प्रतिशत पानी बचा है. बीसलपुर बांध की कुल 39.70 टीएमसी है, जबकि बांध में पानी का लेवल 311.45 आरएल मीटर तक दर्ज किया गया है.
वहीं शहर, गांवों के प्रभावित इलाकों में लगातार बांध की सप्लाई से जोड़ा जा रहा है, लेकिन पेयजल मात्रा उस हिसाब से नहीं बढ़ाई जा रही है. 2010 में जब इस बांध से पेयजल सप्लाई होती थी, तब महज 40 लाख की आबादी को पेयजल सप्लाई होती थी. ऐसे में तीन गुना दबाव बीसलपुर बांध पर बढ़ गया है. बांध की पूर्ण भराव क्षमता पर एक साल में 8 टीएमसी पानी वाष्पीकृत हो जाता है.
बीसलपुर बांध से फिलहाल ये सप्लाई का गणित-
बीसलपुर बांध से अजमेर को करीब 310, जयपुर को 505 , टोंक को 48 ,सुरजपुरा, दूदू, सांभर, मालपुरा को 52 एमएलडी,चाकसू, दौसा, निवाई, को 51 एमएलडी पानी की सप्लाई की जा रही है.जलदाय विभाग 4 जिलों के 21 शहर और 2800 गांवों की प्यास बुझाता है.
बीसलपुर बांध में इस साल नवंबर-दिसंबर तक का पानी बचा है. ऐसे में यदि इस साल अच्छी बारिश नहीं हुई तो अगले साल चारों जिलों में पेयजल संकट गहरा सकता है, क्योंकि बांध का पानी तेजी से घट रहा है. वाष्पीकरण के कारण भी पानी का जलस्तर लगातार घट रहा है.
11,100 लाख लीटर रोजाना खर्च हो रहा पानी-
अप्रैल के महीने में 11,100 लाख लीटर पानी रोजाना खर्च हो रहा है.इसमें 7250 लाख लीटर जयपुर को,3250 लाख लीटर अजमेर और 600 लाख लीटर टोंक को सप्लाई कर रहे है.मई और जून के महीने में डिमांड और बढ जाएगी.ऐसे में आने वाले दिनों में जलसंकट और बढ़ेगा.