राजस्थान विश्वविद्यालय में कांग्रेस Vs कांग्रेस का दिलचस्प मुकाबला! रितु बराला, निहारिका और निर्मल चौधरी में कड़ी टक्कर
Advertisement
trendingNow1/india/rajasthan/rajasthan1319334

राजस्थान विश्वविद्यालय में कांग्रेस Vs कांग्रेस का दिलचस्प मुकाबला! रितु बराला, निहारिका और निर्मल चौधरी में कड़ी टक्कर

Rajasthan University Student Union Election: राजस्थान विश्वविद्यालय में कांग्रेस Vs कांग्रेस का दिलचस्प मुकाबला देखने को मिल रहा है. NSUI ने रितु बराला पर भरोसा जताया है जबकि मंत्री मुरारी लाल मीणा की बेटी निहारिका और विधायक मुकेश भाकर के करीबी माने जाने वाले निर्मल चौधरी निर्दलीय के तौर पर कड़ी टक्कर दे रहे हैें.

राजस्थान विश्वविद्यालय में कांग्रेस Vs कांग्रेस का दिलचस्प मुकाबला! रितु बराला, निहारिका और निर्मल चौधरी में कड़ी टक्कर

Rajasthan University Student Union Election: राजस्थान विश्वविद्यालय के छात्र संघ चुनाव इस समय सबसे ज्यादा रोमांचक बने हुए हैं. आमतौर पर एबीपीपी और एनएसयूआई की मजबूत दावेदारी मानी जाती है, तो वहीं निर्दलीय भी अपना दम दिखाने में कभी पीछे नहीं रहे. लेकिन लगता है कि इस बार राजस्थान विश्व विद्यालय का छात्र संघ चुनाव किसी छात्र संगठन के बीच नहीं बल्कि कांग्रेस के बीच लड़ा जा रहा है. क्योंकि एनएसयूआई प्रत्याशी रितु बराला चुनावी मैदान में है. तो वहीं कांग्रेस के मंत्री मुरारी लाल मीणा की बेटी निहारिका निर्दलीय के रूप में अध्यक्ष पद पर ताल ठोक रही है. इसके साथ ही विधायक मुकेश भाकर के करीबी माने जाने वाले निर्मल चौधरी भी अध्यक्ष पद पर निर्दलीय के रूप में डटे हुए हैं.

राजस्थान यूनिवर्सिटी छात्र संघ में अध्यक्ष पद पर 6 प्रत्याशी चुनावी मैदान में है. लेकिन प्रदेशभर की नजर इस समय सिर्फ तीन ही छात्र प्रत्याशियों पर टिकी हुई है और वो तीनों ही कहीं ना कहीं कांग्रेस से जुड़े हुए हैं. कांग्रेस के छात्र संगठन एनएसयूआई ने जहां रितु बराला पर भरोसा जताते हुए टिकट दिया है. तो वहीं एनएसयूआई से बागी निहारिका ने तमाम समाज का समर्थन प्राप्त करते हुए इस समय चुनावों में सबसे मजबूत दावेदारों में से एक की भूमिका निभा रही है. हालांकि निर्दलीय के रूप में खड़े हुए निर्मल को भी किसी भी रूप में कम आंकने की गलती कोई उम्मीदवार नहीं कर रहा है.

एनएसयूआई से अध्यक्ष पद प्रत्याशी रितु बराला का कहना है कि "पिछले करीब 7 सालों से वो कैम्पस में सक्रिय रूप से संगठन की सेवा कर रही है और इसी का ईनाम उनको टिकट के रूप में मिला है. हालांकि इस बार कई मजबूत दावेदार चुनावी मैदान में है. लेकिन ये चुनाव किसी भी रूप में राजनीतिक नहीं है. ये छात्र संघ के ही चुनाव है"

दूसरी ओर निर्दलीय प्रत्याशी निहारिका जोरवाल का कहना है कि "संगठन की अनदेखी के बाद निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ने का फैसला लिया. मंत्री की बेटी होने का मुझे कोई फायदा नहीं मिला है. मैं अपनी मजबूती के दम पर चुनाव लड़ रही हूं. जो अन्य प्रत्याशी हैं उनको राजनीतिक संरक्षण मिल रहा होगा. लेकिन मेरे साथ छात्र मतदाता है और इसी दम पर जीत हासिल करूंगी". वहीं इन दोनों के साथ ही एबीवीपी के प्रत्याक्षी को कड़ी टक्कर देने के लिए निर्दलीय प्रत्याशी निर्मल चौधरी भी चुनावी मैदान में हैं. विधायक मुकेश भाकर के करीबी माने जा रहे निर्मल का समर्थन मुकेश भाकर से जुड़े सभी बड़े नेता भी करते हुए नजर आ रहे हैं.

अपने जिले की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

ये भी पढ़ें- बूंदी: राजे के लापता वाले बयान के बाद CM गहलोत का हवाई सर्वे, दिखा हर तरफ बर्बादी का मंजर

ये भी पढ़ें- राजधानी जयपुर में बस में छेड़खानी, युवतियों के कपड़े फाड़ने की कोशिश

Trending news