नवाचारों को मिली पहचानः राज्य सरकार की पालनहार को मिला गोल्ड अवॉर्ड, तो मुख्यमंत्री कन्यादान योजना ने जीता राष्ट्रीय सिल्वर अवार्ड
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नवाचारों को मिली पहचानः राज्य सरकार की पालनहार को मिला गोल्ड अवॉर्ड, तो मुख्यमंत्री कन्यादान योजना ने जीता राष्ट्रीय सिल्वर अवार्ड

Rajasthan Government Innovations:  सामाजिक न्याय विभाग के नवाचारों को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली है और योजनाओं में नवाचार के लिए राष्ट्रीय स्तर के स्काॅच अवार्ड डिजीटल सेरेमनी में स्काॅच अवार्ड टीम के जरिए डिजीटल सर्टिफिकेट एवं साइटेशन प्रदान किया गया. 

नवाचारों को मिली पहचानः राज्य सरकार की पालनहार को मिला गोल्ड अवॉर्ड, तो  मुख्यमंत्री कन्यादान योजना ने जीता राष्ट्रीय सिल्वर अवार्ड

Rajasthan Government Innovations:  सामाजिक न्याय विभाग के नवाचारों को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली है और योजनाओं में नवाचार के लिए राष्ट्रीय स्तर के स्काॅच अवार्ड डिजीटल सेरेमनी में स्काॅच अवार्ड टीम के जरिए डिजीटल सर्टिफिकेट एवं साइटेशन प्रदान किया गया. विभाग की ओर से सचिव डाॅ समित शर्मा ने यह सम्मान प्राप्त किया.

समित शर्मा ने बताया कि विभाग की तीन महत्वपूर्ण योजनाएं पालनहार योजना को गोल्ड अवॉर्ड, उत्तर मेट्रिक छात्रवृत्ति को सिल्वर अवॉर्ड और मुख्यमंत्री कन्यादान योजना को सिल्वर अवॉर्ड से नवाजा गया है. विभाग अपने 1 करोड़ 10 लाख लाभार्थियों को सुगम, सरल, त्वरित, पारदर्शी, बाधारहित, गुणवत्तापूर्ण व सुविधाजनक तरीके से सेवाएं उपलब्ध कराने हेतु प्रतिबद्द हैं. इस हेतु विभाग के जरिए सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग कर तकनीकी नवाचारों के माध्यम से योजनाओं का फायदा लाभार्थियों को पहुचाने के लिए सुविधाओं का सरलीकरण और डिजिटलीकरण का कार्य किया जा रहा है.

उत्तर मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना
 उत्तर मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना में समय से भुगतान कराने से सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग के जरिए आवेदन एवं स्वीकृति प्रक्रिया में सरलीकरण कर एवं तकनीक का उपयोग कर उसे विद्यार्थियों के लिए बहुत आसान एवं सुविधाजनक बनाया है. जिससे छात्रवृत्ति जल्दी से जल्दी स्वीकृत होकर विद्यार्थी को मिल सके और वह अपनी पढ़ाई पूरी कर सके. जनाधार डेटाबेस से विद्यार्थी का जाति प्रमाण पत्र, मूल निवास प्रमाण पत्र एवं आय प्रमाण प्राप्त हो जाता है. कक्षा 10 एवं 12 वीं की अंकतालिका सीधे ही आरबीएसई एवं सीबीएसई से ई-वाॅल्ट सर्विस के माध्यम से प्राप्त की जा रही है. अन्य बोर्ड की अंकतालिकाएं डिजीलाॅकर उपलब्धता के आधार पर प्राप्त की जाती है.

इसी प्रकार राजकीय शिक्षण संस्थानों में अध्ययनरत विद्यार्थियों के प्रथम वर्ष के आनलाइन आवेदन पत्र जिनकी छात्रवृत्ति राशि 50 हजार से कम है. उनका अनुमोदन होता है. वर्ष 2023-24 से राजकीय शिक्षण संस्थाओं में एक ही पाठ्यक्रम में अध्ययनरत विद्यार्थियों को द्वितीय, तृतीय वर्ष के लिए आवेदन पत्रों का भी स्वतः नवीनीकरण प्रस्तावित है. पृथक से आवेदन करने की आवश्यकता नहीं है. केवल गतवर्ष की अंकतालिका एवं फीस की रसीद अपलोड करना होगा.

विद्यार्थी के जरिए छात्रवृत्ति पोर्टल पर शिक्षण संस्थान में नियमित रूप से आधार आधारित बायोमैट्रिक उपस्थिति किये जाने के आधार पर ही आवेदन का अग्रेषण/सत्यापन व स्वीकृति सम्भव होगी. जिससे पात्र विद्यार्थियों को ही छात्रवृत्ति का लाभ प्राप्त हो रहा है. इसी प्रकार अनुसूचित जाति, उत्तर मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना में विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति सुनिश्चित करने हेतु पोर्टल पर फ्रीशिप कार्ड (विद्यार्थी को छात्रवृत्ति दिये जाने की सुनिश्चितता) का प्रावधान किया है. अन्य श्रेणियों में भी फ्रीशिप कार्ड का प्रावधान किया जा रहा है.उन्होंने कहा कि  छात्रवृत्ति आवेदन पत्र प्राप्त करने से लेकर भुगतान तक की स्थिति को विद्यार्थियों को मैसेज के माध्यम से सूचित किया जाता है

पालनहार योजना

शासन सचिव ने बताया कि योजना में प्रदेश के लगभग 7 लाख अनाथ बच्चों को सरकार के जरिए प्रतिमाह आर्थिक सहायता उपलब्ध करवा रही है. योजना का संचालन डिजिटलीकरण, डाइरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर, ऑनलाइन प्रक्रिया का सरलीकरण करते हुए  पारदर्शी एवं जवाबदेहिता के साथ किया जा रहा है.

उन्होंने बताया कि पालनहार योजना में भी पेंशन योजना की तर्ज पर केन्द्रीय  कृत प्रणाली के माध्यम से निदेशालय स्तर से ही बिल बनाकर सिंगल ट्रेजरी के माध्यम से भुगतान किया जायेगा जिससे पालनहारध्बच्चों को समय पर सहायता राशि का भुगतान सुनिश्चित हो सकेगा. इसके लिए मानक संचालन प्रक्रिया जारी की जा चुकी है.

उन्होंने कहा कि पालनहार योजना में आवेदन पत्रों को निर्धारित समय-सीमा में निस्तारण एवं भुगतान करने हेतु डिम्ड एप्रुव्ड (क्ममचमक .चचतवअंस) की व्यवस्था लागू की गई है, जिससे समय पर आवेदन पत्रों का निस्तारण एवं पालनहारध्बच्चों को भुगतान सुनिश्चित हो सकेगा .जनाधार पोर्टल पर विधवा/तलाकशुदाध/परित्यकता, विषेष योग्यजन एवं सिलिकोसिस पेंशनर्स के 0 से 18 आयु वर्ग के वंचित पात्र बच्चों को पालनहार योजना से जोडने हेतु सिस्टम आधारित चिन्हिकरण कर स्वतः ही पात्र परिवारों/बच्चों को पालनहार योजना से जोडने की व्यवस्था लागू की जा रही है.

सामाजिक सुरक्षा पेंशन प्राप्त करने वाली विधवा,विशेष योग्यजन और सिलिकोसिस पेंशनर्स का वार्षिक सत्यापन सामाजिक सुरक्षा पेंशन पोर्टल,बच्चों का अध्ययनरत रहने का प्रमाणीकरण शाला दर्पण पोर्टल से करने की व्यवस्था लागू की गई है. जिन पालनहार बच्चों का सत्यापन सम्बन्धित पोर्टल के माध्यम से हो रहा है उन प्रकरणों में पृथक से सत्यापन करवाने की बाध्यता समाप्त की गई है.

मुख्यमंत्री कन्यादान योजना

आर्थिक दृष्टि से कमजोर वर्गों की कन्याओं के विवाह पर आर्थिक संबल प्रदान किए जाने हेतु मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के माध्यम से राज्य सरकार के जरिए ऐसे कमजोर परिवारों जिसमें कोई व्यस्क व्यक्ति कमाने वाला नहीं है, विधवा महिलाओं की पुत्रियों एवं सभी वर्गों की बीपीएल परिवार, अंत्योदय परिवार, आस्था कार्ड धारी परिवार, विशेष योग्यजन व्यक्ति की कन्या, पालनहार योजना में लाभान्वित कन्या तथा महिला खिलाड़ी के स्वयं के विवाह पर 21000 से 51000 तक की आर्थिक सहायता दी जा रही है. योजना में प्रतिवर्ष लगभग 20,000 से अधिक लाभार्थियों को सहायता दी जा रही है.

शासन सचिव ने बताया कि विभाग की तीन अन्य योजनाओं कोरोना सहायता योजना, सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना तथा मुख्यमंत्री अनुप्रति कोचिंग योजनाको Order of Merit Certification देकर सम्मानित किया गया हैं.

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित स्काॅच अवार्ड मिलना विभाग एवं टीम के लिए गौरव का पल है. उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि विभाग के सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों के सामूहिक प्रयासों एवं मेहनत का परिणाम है.
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री  टीकाराम जूली ने विभाग की तीन योजनाओं को एक साथ प्रतिष्ठित स्काॅच अवार्ड प्राप्त होने पर बधाई और शुभकामनाएं प्रदान की.

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