आयकर विभाग ने 6 साल पहले मरी महिला को जारी किया नोटिस, हाईकोर्ट ने उठाया ये कदम...
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आयकर विभाग ने 6 साल पहले मरी महिला को जारी किया नोटिस, हाईकोर्ट ने उठाया ये कदम...

हाईकोर्ट ने आयकर विभाग की ओर से आयकर अधिनियम की धारा 148 के तहत कर पुनर्निधारण के नोटिस और कर निर्धारण आदेश को इस आधार पर रद्द कर दिया है कि नोटिस जारी होने से पहले ही संबंधित करदाता की मौत हो गई थी.

आयकर विभाग ने 6 साल पहले मरी महिला को जारी किया नोटिस, हाईकोर्ट ने उठाया ये कदम...

Jaipur: राजस्थान हाईकोर्ट ने आयकर विभाग की ओर से आयकर अधिनियम की धारा 148 के तहत कर पुनर्निधारण के नोटिस और कर निर्धारण आदेश को इस आधार पर रद्द कर दिया है कि नोटिस जारी होने से पहले ही संबंधित करदाता की मौत हो गई थी. अदालत ने अपने आदेश में कहा कि धारा 148 के तहत दिए गए नोटिस से छह साल पहले की संबंधित करदाता की मौत हो चुकी थी.

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वारिसों को कोई नोटिस नहीं दिया

इसके अलावा विभाग ने कर पुनर्निधारण के लिए मृतक के कानूनी वारिसों को कोई नोटिस नहीं दिया. अदालत ने कहा कि मामले में पूर्व में दायर एक अन्य याचिका के तथ्यों से साबित है कि आयकर उपायुक्त को संबंधित करदाता की मौत की जानकारी दी गई थी. ऐसे में विभाग की इस दलील को भी नहीं माना जा सकता कि उन्हें करदाता की मौत की जानकारी नहीं दी गई थी. जस्टिस संदीप मेहता और जस्टिस कुलदीप माथुर की खंडपीठ ने यह आदेश मृतक शोभा मेहता के कानूनी वारिस कन्हैयालाल मेहता की ओर से दायर याचिका को स्वीकार करते हुए दिए.

नोटिस जारी करने से सालों पहले ही मौत हो चुकी

याचिका में अधिवक्ता महेन्द्र गार्गिय और अधिवक्ता देवांग गार्गिय ने अदालत को बताया कि आयकर विभाग ने साल 2013-2014 के संबंध में आयकर अधिनियम की धारा 148 के तहत कर पुनर्निधारण का नोटिस शोभा मेहता के नाम दिया था. जबकि शोभा मेहता की विभाग की ओर से नोटिस जारी करने से कई सालों पहले ही मौत हो चुकी थी. नियमानुसार विभाग को मृतक के कानूनी वारिस को तय मियाद में नोटिस देना जरूरी था, लेकिन विभाग की ओर से कानूनी वारिस को कोई नोटिस नहीं दिया गया. ऐसे में विभाग की ओर से की गई कार्रवाई को रद्द किया जाए. इसके जवाब में विभाग की ओर से कहा गया कि विभाग को शोभा मेहता की मौत के बारे में जानकारी नहीं थी.

उनकी ओर से शोभा मेहता के नाम नोटिस दिया गया था, जो कि उनके पति ने लिया था और उन्होंने शोभा की मौत की जानकारी दी थी. इसके बाद उसके कानूनी वारिसों को सूचना दी गई थी. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद खंडपीठ ने कर पुनर्निधारण नोटिस और कर निर्धारण आदेश को रद्द कर दिया है. 

Reporter- Mahesh Pareek

 

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