Holika Dahan 2023: इस बार होलिक दहन 6 और 7 मार्च 2023 को पड़ रहा है और होली का पर्व 8 मार्च को मनाया जाएगा. ये दोनों तारीख अपने-अपने स्थान और मुहूर्त को लेकर बिल्कुल सही हैं. क्या कहना है ज्योतिषाचार्य पंडित जे. पी. शास्त्री का आइये जानते हैं.
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Holika Dahan 2023: होलिका दहन का पर्व देशभर में अधिक उत्साह के साथ मनाया जाता है. हर साल फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि की शाम से होली पर्व की शुरुआत हो जाती है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार फाल्गुन पूर्णिमा के दिन होलिका दहन का पर्व मनाया जाता है. इस बार होलिक दहन 6 और 7 मार्च 2023 को पड़ रहा है और होली का पर्व 8 मार्च को मनाया जाएगा. ये दोनों तारीख अपने-अपने स्थान और मुहूर्त को लेकर बिल्कुल सही हैं. क्या कहना है ज्योतिषाचार्य पंडित जे. पी. शास्त्री का आइये जानते हैं.
पंडित जे. पी. शास्त्री के अनुसार पंजाब, महाराष्ट्र, जम्मू, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, गुजरात, मध्यप्रदेश और राजस्थान में 6 मार्च को होलिक दहन किया जाएगा क्योंकि पूर्णिमा तिथि प्रदोष काल में है. जबकि भारत के पूर्वी राज्यों जैसे उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल, असम आदि जैसे राज्यों में 7 मार्च को होलिका दहन होगा. यानी जिन जगहों पर सूर्यास्त 6.10 से पहले होगा, वहां 07 मार्च को होलिका दहन प्रदोषकाल में किया जाएगा.
पंजाब, महाराष्ट्र, जम्मू, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, गुजरात, मध्यप्रदेश और राजस्थान में 6 मार्च को होलिक दहन किया जाएगा क्योंकि पूर्णिमा तिथि प्रदोष काल में है.
पूर्वी भारत में 7 मार्च को प्रदोष काल में पूर्णिमा तिथि व्याप्त रहेगी और इस दिन भद्रा भी नहीं रहेगा. इसलिए 7 मार्च को होलिका दहन किया जाना उत्तम रहेगा. इसमें किसी प्रकार का कोई दोष भी नहीं रहेगा. इसलिए पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, पूर्वी मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ में होलिका दहन 7 मार्च को किया जाएगा और 8 मार्च को रंगोत्सव मनाया जाएगा. इसमें एक और ध्यान रखने की बात है कि जहां पर सूर्यास्त 7 मार्च को 6 बजकर 10 मिनट से पहले होगा वहां पर होलिका दहन 7 मार्च को किया जाएगा.
ज्योतिषाचार्य पंडित जे. पी. शास्त्री के अनुसार, इस साल 2023 होलिका दहन दो दिन किए जाने का कारण भद्रा को बताया जा रहा है, जिसके कारण देश के अधिकांश हिस्सों में 06 मार्च और पूर्वी राज्यों में 07 मार्च को होलिका दहन किया जाएगा. धर्मसिंधु और अन्य शास्त्रों के अनुसार, फाल्गुन शुक्ल की प्रदोष व्यापिनी पूर्णिमा को होलिका दहन किए जाने का विधान है. इस बार फाल्गुन पूर्णिमा 06 मार्च को दोपहर 04.18 से शुरू होगी, जिसका समापन 07 मार्च शाम 06.18 पर होगा. ऐसे में प्रदोष व्यापिनी पूर्णिमा 06 मार्च को रहेगी. वहीं पूर्वी राज्यों में दो दिन प्रदोष व्यापिनी पूर्णिमा रहेगी.
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ज्योतिष के अनुसार, भारत के पूर्वी राज्य और नगर में जहां, 7 मार्च को सूर्यास्त 6.10 से पहले हो जाएगा, वहां पूर्णिमा दो दिन प्रदोष व्यापिनी रहेगी. ऐसे में इन जगहों पर होलिका दहन 7 मार्च को किया जाएगा क्योंकि 06 मार्च को यहां पूर्णिमा भद्रा से दूषित रहेगी. वहीं भारत के पूर्वी राज्यों जैसे उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल, असम आदि जैसे राज्यों में 7 मार्च को होलिका दहन होगा. यानी जिन जगहों पर सूर्यास्त 6.10 से पहले होगा, वहां 07 मार्च को होलिका दहन प्रदोषकाल में किया जाए.