हाईकोर्ट ने दी रणथंभौर के त्रिनेत्र गणेश मंदिर के पास भंडारे की मंजूरी, जानें क्यों हर साल याचिका दायर होती है
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हाईकोर्ट ने दी रणथंभौर के त्रिनेत्र गणेश मंदिर के पास भंडारे की मंजूरी, जानें क्यों हर साल याचिका दायर होती है

राजस्थान हाईकोर्ट ने रणथंभौर जिला प्रशासन और मेला मजिस्ट्रेट को निर्देश दिए हैं कि वह श्रीगणेश जन सेवा समिति, बसवा को 28 अगस्त से 31 अगस्त तक त्रिनेत्र गणेश मंदिर के पास भंडारा और प्याऊ लगाने की अनुमति दे. जस्टिस महेन्द्र गोयल ने यह आदेश प्रार्थी समिति की याचिका पर दिए. 

भंडारा और प्याऊ लगाने की अनुमति.

Jaipur: राजस्थान हाईकोर्ट ने रणथंभौर जिला प्रशासन और मेला मजिस्ट्रेट को निर्देश दिए हैं कि वह श्रीगणेश जन सेवा समिति, बसवा को 28 अगस्त से 31 अगस्त तक त्रिनेत्र गणेश मंदिर के पास भंडारा और प्याऊ लगाने की अनुमति दे. जस्टिस महेन्द्र गोयल ने यह आदेश प्रार्थी समिति की याचिका पर दिए. इसके साथ ही अदालत ने इस अवधि में याचिकाकर्ता को दो मिनी टक और एक जीप को भंडारा स्थल तक जाने-आने की अनुमति देने को कहा है. अदालत ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से हर साल याचिकाकर्ता को अनुमति नहीं दी जाती जिसके चलते समिति हर साल याचिका दायर करती है.

 ऐसे में अगले साल से समिति तय मेला अवधि से कम से कम एक माह पहले संबंधित अधिकारियों से अनुमति के लिए आवेदन करे और अधिकारी समय पर इस संबंध में उचित निर्णय लें, ताकि याचिकाकर्ता को हर साल हाईकोर्ट में आकर भंडारा और प्याऊ लगाने की अनुमति नहीं मांगनी पडे़.

याचिका में अधिवक्ता उमेश व्यास ने बताया कि समिति त्रिनेत्र गणेश मंदिर में गणेश चतुर्थी के मौके पर लगने वाले मेले में पिछले 25 सालों से मंदिर के पास भंडारा व प्याऊ लगा रही है. इसके लिए अनुमति मांगने के बावजूद जिला प्रशासन, मेला मजिस्ट्रेट व पुरातत्व विभाग उन्हें भंडारा व प्याउ की अनुमति नहीं देते हैं. इसलिए श्रद्धालुओं की आस्था को देखते हुए समिति को भंडारे और प्याज की अनुमति व भंडारा स्थल तक वाहन ले जाने की अनुमति दी जाए.

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 याचिकाकर्ता ने अदालत को यह भी बताया कि संबंधित अधिकारियों की उदासीनता के चलते हर साल याचिकाकर्ता को हाईकोर्ट में याचिका दायर करनी पड़ती है और हाईकोर्ट के आदेश देने के बाद याचिकाकर्ता समिति वहां भंडारा व प्याऊ लगाती है. वहीं राज्य सरकार की ओर से मामले में जवाब पेश करने के लिए एक सप्ताह का समय मांगा गया. जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने याचिकाकर्ता को भंडारा और प्याऊ की अनुमति दी है.

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