जयपुर में 'ग्रेटर' घमासान, वसुंधरा गुट हुआ हावी तो भाजपा मुख्यालय में हाईवोल्टेज ड्रामा
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जयपुर में 'ग्रेटर' घमासान, वसुंधरा गुट हुआ हावी तो भाजपा मुख्यालय में हाईवोल्टेज ड्रामा

Jaipur Greator Mayor Election : जयपुर के 'नगर निगम ग्रेटर ' के मेयर उपचुनाव में जबरदस्त घमासान देखने को मिल रहा है, वसुंधरा गुट हावी नजर आ रहा है तो वहीं भाजपा मुख्यालय में शुक्रवार को हाईवोल्टेज ड्रामा देखने को मिला.

जयपुर में 'ग्रेटर' घमासान, वसुंधरा गुट हुआ हावी तो भाजपा मुख्यालय में हाईवोल्टेज ड्रामा

Jaipur Greator Mayor Election : नगर निगम ग्रेटर में महापौर पद का चुनाव रौचक हो सकता हैं. आज मेयर पद के लिए दोपहर तीन बजे तक चार प्रत्याशियों ने पांच नामांकन दाखिल किए. नामांकन के अंतिम समय तक गहमागहमी का माहौल देखने को मिला. भाजपा ने रश्मि सैनी को अपना प्रत्याशी बनाया है तो कांग्रेस ने हेमा सिंघानिया को अपने सिंबल से नामांकन दाखिल करवाया. लेकिन इतना जरूर है की भाजपा की फूट का कांग्रेस जरूर फायदा उठाएगी और 2019 जैसे घटनाक्रम फिर से नगर निगम में दोहरा सकती हैं. जिस भाजपा को मेयर सीट जीतना जितना आसान दिख रहा था, उतना ही अब ये पेचिदा हो गया है. अब चुनाव एक तरफा नहीं होकर भाजपा और कांग्रेस के टक्कर में आ गया हैं.

नगर निगम ग्रेटर का मेयर का मुकाबला रोचक होगा. भाजपा में मेयर प्रत्याशी की घोषणा के बाद भाजपा मुख्यालय पर हुए हाईवोल्टेज ड्रामे से कांग्रेस आश्वसत नजर आ रही हैं. लग रहा है की भाजपा के गढ में इस बार कांग्रेस सेंध लगाकर फिर से अपना मेयर नगर निगम ग्रेटर में बैठा सकती हैं. उधर भाजपा ने क्रॉस वोटिंग के डर के कारण जयपुर से करीब 30 किलोमीटर दूर बाडाबंदी कर रखी हैं. नगर निगम ग्रेटर में डॉक्टर सौम्या गुर्जर के बर्खास्त होने के बाद 10 नवंबर को मेयर पद के लिए मतदान होगा जिसके लिए आज नामांकन दोपहर तीन बजे तक नामांकन प्रकिया हुई. देवउठनी एकादशी के शुभ मुहूर्त में चार प्रत्याशियों ने पांच नामांकन पत्र महापौर पद के लिए दाखिल किए. भाजपा ने रश्मि सैनी को अपना प्रत्याशी बनाकर नामांकन दाखिल करवाया तो कांग्रेस ने हेमा सिंघानिया को अपने सिंबल से नामांकन दाखिल करवाया लेकिन इसी बीच कांग्रेस के दो प्रत्याशी ओर नामांकन दाखिल करने पहुंच गए.

वार्ड संख्या 130 से कांग्रेस पार्षद राजुला सिंह और वार्ड 32 से कांग्रेस पार्षद नसरीन बानो ने बिना पार्टी के सिंबल के अपना नामांकन दाखिल किया. भाजपा की ओर से रश्मि सैनी के नामांकन के समय विधायक अशोक लाहोटी, नरपत सिंह राजवी, कालीचरण सराफ, पूर्व मंत्री राजपाल सिंह शेखावत, कैलाश वर्मा मौजूद रहे. वहीं कांग्रेस के हेमा सिंघानिया के नामांकन के समय कांग्रेस का कोई भी विधायक नजर नहीं आया सिंघानिया कुछ पार्षदों के साथ ही अपना नामांकन दाखिल करने नगर निगम ग्रेटर मुख्यालय पहुंची. नामांकन के बाद भाजपा से मेयर प्रत्याशी रश्मि सैनी ने कहा की संगठन ने उन पर विश्वास जताया हैं. जरूर जीतेंगी. जो नाराज पार्षदों को मनाने में कामयाब होगी. भाजपा के शहर अध्यक्ष, उपमहापौर और खुद मेयर प्रत्याशी रश्मि सैनी का दावा है कि सभी पार्षद एकजुट है और पार्टी लाइन से हटकर कोई नहीं जाएगा. लेकिन बीजेपी को अब क्रॉस वोटिंग का डर सताने लगा है. क्योंकि जिस तरह सुखप्रीत बंसल, शील धाबाई को एनवक्त पर दावेदार की दौड़ से बाहर किया उनमें नाराजगी साफ देखने को मिली.

वहीं क्रॉस वोटिंग होने के पीछे दूसरा सबसे बड़ा रश्मि सैनी का विद्याधर नगर विधानसभा क्षेत्र के पार्षदों का विरोध है. यहां के 25 में से 12 से ज्यादा पार्षद सैनी और उनके पति राजेन्द्र सैनी से नाराज है. सैनी वर्तमान में लाइट समिति की चेयरमैन हैं और उनके पति की दखलअंदाजी के चलते पार्षद उनसे नाराज हैं. वे पिछले दिनों सैनी के पति के खिलाफ प्रदर्शन भी कर चुके हैं. .वे पिछले दिनों सैनी के पति के खिलाफ प्रदर्शन भी कर चुके हैं. चेयरमेन रहते हुए उनके पति से विद्याधर नगर विधानसभा क्षेत्र के पार्षदों का विवाद हो चुका है और नौबत धक्का-मुक्की तक पहुंच गई थी। उधर कांग्रेस की हेमा सिंघानिया ने कहा की पार्टी ने उम्मीदवार बनाया है. हमारे पास जादुई आंकडा है ओर हम चुनाव जीतेंगे. हालांकि वो ज्यादा नहीं बोल पाई. नामांकन प्रकिया समाप्त होने के बाद रिटनिंग अधिकारी शंकरलाल सैनी ने कहा की आज नामांकन की प्रकिया पूरी हो चुकी हैं. जिसमें चार प्रत्याशियों ने अपने नामांकन दाखिल किए हैं. कल नामांकन पत्रों की स्क्रूटनी होगी.

नगर निगम ग्रेटर मे ये है पार्षदों का गणित

2020 150 और वर्तमान में 146 पार्षदों की संख्या

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भाजपा और भाजपा समर्थित पार्षदों की संख्या कुल-93

कांग्रेस और कांग्रेस समर्थित पार्षदों की संख्या-53

4 पार्षदों को बर्खासत करने के बाद आंकडा 150 से घटकर 146

यदि इस नामांकन के बाद इन साइड स्टोरी पर नजर डाले तो जयपुर नगर निगम ग्रेटर के मेयर पद के चुनाव में वसुंधरा राजे का गुट हावी नजर आया. बीजेपी मुख्यालय में जिस तरह का आज सुबह हाईवॉल्टेज ड्रामा चला और दो प्रमुख दावेदारों को दौड़ से बाहर करते हुए रश्मि सैनी को प्रत्याशी बनाया. उसके बाद ये चुनाव रोचक मोड़ पर आ गया है. इस माहौल को देखते हुए बीजेपी अब पहले से ज्यादा सतर्क हो गई है. क्योंकि पार्टी को अब क्रॉस वोटिंग का डर सताने लगा है. वहीं भाजपा ने इस दाव से जयपुर के माली वोट बैंक को भी साधने का प्रयास किया है. इससे जयपुर शहर और उसके आसपास की 4 विधानसभा सीट प्रभावित होती है. जयपुर शहर में सांगानेर, आदर्श नगर और बगरू एरिया में माली समाज के वोटर्स है. जो परम्परागत तौर पर कांग्रेस के माने जाते है. इसके अलावा चौंमू सीट पर बड़ी संख्या में माली समाज से जुड़े वोटर्स है. ये परम्परागत वोट कांग्रेस का माना जाता है.

इन वोटर्स को प्रभावित करने के लिए बीजेपी ने इस बार ये दाव खेला है. संगठन की ओर से पहले शील धाबाई और उसके बाद सुखप्रीत बंसल के नाम पर सहमति जता दी थी. लेकिन आखिरी समय में मालवीय नगर विधायक कालीचरण सराफ, विद्याधर नगर से नरपत सिंह राजवी, सांगानेर से अशोक लाहोटी के अलावा झोटवाड़ा के पूर्व विधायक राजपाल सिंह शेखावत के भाजपा मुख्यालय पहुंचे तो सारा सिनेरियो बदल गया ये चारों वसुंधरा खेमे के है.

आपको बता दें कि इससे पहले जब साल 2020 में सौम्या गुर्जर को मेयर पद का दावेदार बनाया था, तब ये चारों ही सदस्य सौम्या के विरोध में थे. .जानकारों की मानें तो धाबाई को प्रत्याशी न बनाने के पीछे कारण उनका कांग्रेस सरकार संपर्क में होना बताया जा रहा है. धाबाई पर ये आरोप लगा कि जब वे दो बार कार्यवाहक मेयर बनी तब वे लगातार कांग्रेस सरकार के इशारों पर काम कर रही है. अपने मेयर रहते वे केवल मालवीय नगर के एरिया में ही दौरे में गई, जबकि शेष विधानसभा में उन्होंने दौरे नहीं किए. इसके अलावा कांग्रेस के हर छोटे-बड़े कार्यक्रम में भी वे शामिल हुई. इसी तरह सुखप्रीत बंसल को बाहरी बताकर उनके नाम पर सहमति नहीं बनी. मूलरूप से बंसल हनुमानगढ़ जिले की है और राजेन्द्र राठौड़ गुट की मानी जाती है. ऐसे में बाहरी होने के चलते ये चारो बसंल के नाम पर सहमत नहीं हुए. ऐसे में आखिरी नाम सैनी का बचा, जिस पर सभी सहमत नजर आए.

उधर नामांकन प्रकिया के अंतिम समय में कांग्रेस की दो पार्षदों ने भी बिना पार्टी के सिबंल से नामांकन दाखिल किया. वार्ड संख्या 130 से कांग्रेस पार्षद राजुला सिंह और वार्ड 32 से कांग्रेस पार्षद नसरीन बानो ने बिना पार्टी के सिंबल के अपना नामांकन दाखिल किया. नामांकन दाखिल करने के बाद राजुला सिंह ने कहा की पार्टी की ओर से डमी फार्म भरने के निर्देश मिले है इसलिए नामांकन दाखिल किया हैं. क्योंकि यदि पार्टी की अधिकृत प्रत्याशी हेमा सिंघानिया का किसी कारण नामांकन खारिज हो तो उस परिस्थिति में डमी कैंडीडेट के तौर पर नामांकन दाखिल किया हैं. .हालांकि राजुला सिंह ने अपने नामांकन पत्र के साथ स्टांप पर शपथ पत्र नहीं लगाया ना ही नोटरी अटेस्ट करवाया. ऐसी स्थिति में उनका नामांकन पत्र खारिज हो सकता हैं. वहीं कांग्रेस की वार्ड 32 से कांग्रेस पार्षद नसरीन बानो ने भी बिना पार्टी के सिबंल का नामांकन दाखिल किया. बानो ने कहा की ओबीसी वर्ग से आती हूं इसलिए मुझे नामांकन भरने का हक है. भले ही नामांकन पत्र बानो ने भर दिया हो लेकिन 15 हजार की फार्म की रसीद वो समय रहते नहीं कटवा पाई. इसलिए उनका नामांकन भी खारिज हो सकता हैं.

बहरहाल, भले ही नामांकन चार प्रत्याशियों ने किया हो लेकिन मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच रहेगा. क्योंकि प्रत्याशियों के नामांकन के बाद जयपुर नगर निगम ग्रेटर के मेयर का चुनाव रोचक मोड़ पर आ गया है. बीजेपी में जिस तरह आज सुबह हाईवॉल्टेज ड्रामा चला और दो प्रमुख दावेदारों को दौड़ से बाहर करते हुए रश्मि सैनी को प्रत्याशी बनाते ही जो माहौल बना उसको लेकर अब बीजेपी सतर्क हो गई है. बीजेपी ने भले ही सैनी को प्रत्याशी बना दिया है, लेकिन क्रॉस वोटिंग का डर सताने लगा है.

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