एसएमएस अस्पताल से अच्छी खबर, ब्लड बैंक में स्टोर किया जा सकेगा अब 30 हजार यूनिट ब्लड
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एसएमएस अस्पताल से अच्छी खबर, ब्लड बैंक में स्टोर किया जा सकेगा अब 30 हजार यूनिट ब्लड

सवाई मानसिंह अस्पताल ब्लड सेण्टर एक रीजनल ट्रॉन्सफ्यूजन सेण्टर है. जहां लगभग 60 से 80000 यूनिट रक्तदान हर साल होता है तथा इस संग्रहित रक्त से लगभग 125000 रक्त अवयव बनाये जाते हैं.

एसएमएस अस्पताल से अच्छी खबर, ब्लड बैंक में स्टोर किया जा सकेगा अब 30 हजार यूनिट ब्लड

Jaipur: राज्य के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल एसएमएस की ब्लड बैंक में अब 30 हजार यूनिट ब्लड स्टोर किया जा सकेगा. इससे पहले इस ब्लड बैंक की ब्लड स्टोरेज क्षमता 10 यूनिट ब्लड की थी. आईएचटीएम विभाग के अधीनस्थ ब्लड़ सेण्टर, एसएमएस अस्पताल में भामाशाह “दामोदर लाल नारायणी देवी खटोरिया चेरिटेबल ट्रस्ट जयपुर" के सहयोग से नवनिर्मित अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित विशाल ब्लड स्टोरेज कोल्ड की शुरुआत की गई है. इसकी कुल अनुमानित लागत 25 लाख रूपये रही है.

सवाई मानसिंह अस्पताल ब्लड सेण्टर एक रीजनल ट्रॉन्सफ्यूजन सेण्टर है. जहां लगभग 60 से 80000 यूनिट रक्तदान हर साल होता है तथा इस संग्रहित रक्त से लगभग 125000 रक्त अवयव बनाये जाते हैं. इन रक्त अवयवों को अलग-अलग तापमान पर स्टोरेज किया जाता है. एसएमएस ब्लड सेण्टर द्वारा प्रतिवर्ष 1 लाख से ज्यादा रक्त अवयव सप्लाई किये जाते है. वर्तमान में ब्लड सेण्टर में लगभग 10000 रक्त अवयव यूनिट के स्टोरेज की व्यवस्था है . नये कोल्ड स्टोरेज सेण्टर के बाद यह क्षमता बढ़कर 25 से 30000 यूनिट स्टोरेज हो जायेगी.

नया कोल्ड स्टोरेज एक संयुक्त कोल्ड स्टोरेज यूनिट है, जिसका तापमान 2-6 °C & -20°C तक मेन्टेन किया जा सकता है. जिसमें एफएफपी एवं कॉयो को - 20°C तापमान पर 01 वर्ष तक एवं PRBC को 2-6°C पर 42 दिन तक स्टोर किया जा सकता है. इसके निर्माण से मरीजों को सुरक्षित एवं अनवरत रक्त सप्लाई में सहायता मिलेगी. ब्लड बैंक में रक्तदाता द्वारा दान किये गये रक्त में संभावित संक्रमण की जॉच जैसे HIV I & II, Hepatitis B, Hepatitis-C, Syphilis, Malaria करने हेतु अति आधुनिक फूली ऑटोमेटेड तकनीक हैं.

Chemiluminiscence Highly sensitive ( 100% ) एवं स्पेसेफिक तकनीक है जिससे कि Window Period (जिसमें संक्रमण छिपा रहता है एवं अन्य तकनीक से उसका पता नहीं चल पाता है) को रक्त जांच द्वारा कॉफी हद तक कम किया जा सकता है तथा संक्रमण की संभावनाओं को कम किया जा सकता है. वर्तमान में ये टैस्ट ब्लड सेण्टर में ELISA तकनीक से किये जा रहे हैं जिसमें कॉफी समय (लगभग 4-5 घंटे) लगता है एवं अतिकुशल अनुभवी कार्मिकों की आवश्यकता होती हैं तथा Chemiluminiscence की तुलना में ELISA तकनीक की सेंसेटेविटी एवं specificity भी कम होती है. साथ ही Lenghty Procedure होने के कारण ELISA में Errors की भी संभावना बनी रहती है.
Chemiluminiscence एक Fully Automated मशीन हैं जिसमें कि 180 टेस्ट एक साथ लगाये जा सकते हैं.

जिनका Result 60 मिनट में ही आ जाता है. इस तकनीक के माध्यम से ब्लड बैंक मरीजों को सुरक्षित रक्त उपलब्ध करा पाने में और अधिक सक्षम होगा साथ ही ऐसे मरीजों जिनको बार-बार रक्त की आवश्यकता होती है जैसे थैलेसीमिया, हिमोफिलिया, ब्लड कैन्सर, अप्लास्टिक एनिमिया इत्यादि को रक्त संकमण से होने वाली बिमारियों से बचाया जा सकेगा. डेंगू सीजन और अन्य मौसमी बिमारियों में जहाँ प्लेटलेट एवं सिंगल डॉनर प्लेटलेट की आवश्यकता होती है, जो Life Saving होती हैं, इसका 60 मिनट में टैस्ट लगाकर तुरन्त Procedure करके मरीजों को यथाशीघ्र उपलब्ध कराया जा सकता है.

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