गजेंद्र सिंह शेखावत का गहलोत सरकार पर हमला, बोले- अपराधों में कीर्तिमान स्थापित कर रहा राजस्थान
Advertisement

गजेंद्र सिंह शेखावत का गहलोत सरकार पर हमला, बोले- अपराधों में कीर्तिमान स्थापित कर रहा राजस्थान

कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि हाथरस, उन्नाव की घटना पर घड़ियाली आंसू बहाने वाले तथा सलेक्टिव पॉलिटिक्सी करने वाले राहुल गांधी और प्रियंका गांधी राजस्थान में कुछ दिन गुजारिए और राज्य के हालातों को भी देखिए.

गजेंद्र सिंह शेखावत का गहलोत सरकार पर हमला, बोले- अपराधों में कीर्तिमान स्थापित कर रहा राजस्थान

Jaipur: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि साढ़े तीन वर्षों से राजस्थान मॉब लिंचिंग, महिलाओं के साथ दुराचार, अबोध बच्चियों के साथ दुर्व्यवहार, बच्चों की तस्करी, दलितों के साथ दुर्व्यवहार और हिंदुओं के खिलाफ घृणित अपराधों के लिए नित नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है. 

कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि हाथरस, उन्नाव की घटना पर घड़ियाली आंसू बहाने वाले तथा सलेक्टिव पॉलिटिक्सी करने वाले राहुल गांधी और प्रियंका गांधी राजस्थान में कुछ दिन गुजारिए और राज्य के हालातों को भी देखिए.

यह भी पढे़ं- गजेंद्र सिंह शेखावत पर डोटासरा का पलटवार, कहा- झूठ बोलने की ट्रेनिंग शायद संघ से मिली है

शेखावत ने राजस्थान में अपराध के आंकड़े रखते हुए कहा कि राष्ट्रीय क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार राजस्थान आज रेप के मामले में देश में नंबर वन और नाबालिग बच्चियों की तस्करी के मामले में दूसरे नंबर पर है. उत्तर प्रदेश में लड़की हूं लड़ सकती हूं, का नारा देने वाली प्रियंका गांधी को इन लड़कियों की बदहाली क्यों नहीं दिखाई देती है? शेखावत ने कहा कि अलवर की रेप की घटना के बाद में प्रियंका सवाईमाधोपुर में अपने बच्चों और परिवार के साथ शेरनी के बच्चे की अटखेलियां देखने के लिए गईं थीं. उनके पास छुट्टी मनाने का समय था, लेकिन अलवर की उस मासूम बेटी के आंसू पोंछने का समय नहीं था. इससे अधिक दुर्भाग्यपूर्ण और कुछ नहीं हो सकता.

रेपिस्टों की सजा की पैरवी करते हैं सीएम गहलोत
शेखावत ने कहा कि दुर्भाग्यापूर्ण है कि खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत रेपिस्टों की सजा कम होनी चाहिए, इसकी पैरवी करते नजर आते हैं. निर्भया कांड के बाद जो कठोर कानून अबोध बच्चियों के खिलाफ यौन हिंसा को कम करने के मकसद से बनाया गया था, उसमें से मौत की सजा कम करने की पैरवी करते हैं. यहां तक कहते हैं कि मौत की सजा रेप के बाद हत्या का कारण बनते हैं. इससे ज्यादा शर्मनाक कोई विषय नहीं हो सकता.

शांति धारीवाल पर भी साधा निशाना
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राजस्थान के वरिष्ठ मंत्री शांति धारीवाल ने विधानसभा में कहा कि राजस्थान में रेप की घटनाएं इसलिए हो रही हैं, क्योंकि राजस्थान मर्दों का प्रदेश है. अगर कोई इस तरह की टिप्पणी करे और उस पार्टी के नेता एक साथ ठहाके लगाकर हंसे और सरकार फौरी तौर पर एक बयान जारी कर खुद को इससे अलग करने की कोशिश करे तो यह उनके चरित्र का सबसे बड़ा उदाहरण तो है ही, लेकिन इससे ज्यादा शर्मनाक कुछ नहीं हो सकता.

उन्होंने कहा कि राजस्थान में ही केवल कांग्रेस की यह कहानी नहीं है, बल्कि पूरे देश में कांग्रेस के नेताओं के यही हालात हैं. कर्नाटक में कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़के के विधायक बेटे ने सरेआम महिलाओं के प्रति जिस तरह की टिप्पणी की है, उस तरह के अनेक बयान कांग्रेस के नेताओं द्वारा दिए गए, जिससे हम सबका सर शर्म से झुक जाता है.

राज्य में सालभर में 5310 रेप के मुकदमे
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि देशभर में कुल मिलकर सालभर के अंदर 28,046 मुकदमे रेप के दर्ज हुए, इसका छ्ठे हिस्से के बराकर 5310 मुकदमे राजस्थान में दर्ज हुए. इसमें एक चौथाई से ज्यादा केस ऐसे हैं, जिनमें पीड़िताओं की उम्र 18 साल से कम है. बेहद हैरानी की बात है कि देशभर में नाबालिगों से ज्यादती की जहां 2,640 घटनाएं एक साल में हुई, वहीं अकेले राजस्थान में यह आंकड़ा 1,279 रहा. 

राज्य की निष्क्रिय पुलिस से बेखौफ हवस के दरिंदे मासूमों तक को नहीं बख्श रहे हैं. एनसीआरबी के मुताबिक एक साल में राजस्थान में 53 नाबालिग लड़कियों की तस्करी के मामले सामने आए. इनमें अधिकतर मामले ट्राइबल बेल्ट के हैं. हाल में खुलासा हुआ कि प्रदेश की 12 नाबालिग बच्चियों को तस्करी करके केरल ले जाया गया. आश्चर्य की बात है कि राजस्थान पुलिस की मानव तस्करी निरोधी यूनिट को इसकी भनक तक नहीं लगी.

यह भी पढ़ें- krishna Janmashtami 2022: क्यों लाखों गायों के मालिक श्रीकृष्ण बन गए 'माखनचोर', जानें बांसुरी बजाने की असली वजह

दलितों के खिलाफ अत्याचार से सत्ताधारी ही नेता दुखी
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि दलितों के खिलाफ अत्याचार में भी राजस्थान आज सर्वोच्च पायदान के राज्यों में पहुंच चुका है. राज्य के कांग्रेस विधायक पाराचंद मेघवाल ने इन घटनाओं से व्यथित होकर अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री जी को भेज दिया. पार्टी के 13 से ज्यादा चुने हुए पार्षदों ने पत्र भेजा है और अनेक विधायकों ने कड़े शब्दों में अपनी बात मुख्यमंत्री तक पहुंचाई है.

कहां हैं सोनिया गांधी और ह्यूमन राइट के चैंपियन
शेखावत ने कहा कि जब देश 76वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा था, उसी दिन अलवर जिले में मुस्लिमों ने गोविंदगढ़ थाना क्षेत्र के रामबास गांव में सब्जी का ठेला लगाकर गुजर बसर करने वाले चिरंजीलाल की पीट-पीट कर हत्या कर दी. जयपुर के रायसर जमवारामगढ़ में दलित महिला टीचर पर पेट्रोल डालकर सरेआम मात्र इसलिए आग लगा दी जाती है, क्योंकि वो कुछ लोगों से उधार पैसे मांगती थी. 

इससे पहले सरेआम कन्हैया लाल की हत्या हुई, फिर एक सिख के साथ मॉब लिंचिंग हुई, लेकिन गहलोत सरकार अपने वोटबैंक की राजनीति के चलते चुप्पी साधे हुए हैं. राजस्थान में इतनी बड़ी घटना हुई तो राहुल गांधी जी कहां खोए हैं, सोनिया गांधी जी कहां हैं? और साथ ही साथ खुद को हृयूमन राइट के चैंपियन बताने वाले आज कहां छुपे हुए हैं?

खुलेआम हो रही तुष्टीकरण की राजनीति
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राजस्थान के करौली, जोधपुर आदि जगहों पर खुलेआम तुष्टीकरण की राजनीति होते दिखी. हालात यह है कि मुख्यमंत्री गहलोत जी की रोजा इफ्तार पार्टी तक में बारां सांप्रदायिक हिंसा का आरोपी न सिर्फ बेखौफ पहुंचता है, बल्कि कांग्रेस नेताओं के साथ फोटो लेकर सोशल मीडिया तक पर डालता है. गहलोत सरकार की मुस्लिम तुष्टीकरण की नीति ने हिंदू समुदाय में असुरक्षा की भावना पैदा कर दी है. इसे देखकर बसपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए विधायक और सैनिक कल्याण मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने कांग्रेस से अलग होने की धमकी दी है.

धर्म के आधार पर भेदभाव कर रही सरकार
शेखावत ने कहा कि राजस्थान की गहलोत सरकार में धर्म के आधार पर भी भेदभाव हो रहा है. रीट एग्जाम में हिंदू छात्राओं के दुपट्टे, मंगलसूत्र और चूड़ियां तक उतरवा लिए गए, जबकि हिजाब पहनकर परीक्षा देने की छूट दी गई. हालात यह भी है कि हिंदू त्योहारों पर शहरों में दंगे हो रहे हैं, लेकिन असामाजिक तत्वों को पुलिस की जरा भी परवाह नहीं है. हालात इतने बदतर हैं कि हिंदू मंदिरों, राम दरबार को तोड़ा जा रहा है. हालात इतने खौफनाक हैं कि उदयपुर में वीडियो बनाकर कट्टर आतंकी सर तन से जुदा कर देते हैं और अजमेर दरगाह का खादिम सरेआम हिंदुओं और उनके देवी-देवताओं के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियां करते हैं. 

सच तो यह है कि राजस्थान की कांग्रेस सरकार में हिन्दू दोयम दर्जे के नागरिक बन गए हैं. कोटा पुलिस ने आगामी गणेश चतुर्थी और दुर्गा पूजा के लिए मूर्तियां बनाने वाले मूर्तिकारों को कुछ प्रतिबंधों के साथ दिशा-निर्देश दिए हैं. इनमें प्रतिमाओं की ऊंचाई 3 फीट से अधिक नहीं होने की बात भी कही गई है. इससे मूर्ति कारीगरों की परेशानी बढ़ गई है.

साधु की हत्या के लिए सरकार परोक्ष रूप से जिम्मेदार
शेखावत ने कहा कि ब्रजक्षेत्र में अवैध खनन को लेकर सरकार के मंत्रियों को बचाने के लिए चौरासी कोसी परिक्रमा के पर्वतों को भी नहीं बख्शा गया, शिकायतें भी नहीं सुनी गई और साधु विजय दास जी की बलि ले ली गई. साधु विजय दास की हत्या के लिए राजस्थान सरकार परोक्ष रूप से जिम्मेदार है.

समाजों में वैमनस्त से बड़ा झूठ और कुछ नहीं
एक सवाल के जवाब में केंद्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि मैं राजस्थान के ठेठ गांव से आता हूं. मैंने 25 साल तक लगातार धरातल पर रहकर के गांवों में काम किया है. राज्य में अगड़ों और पिछड़ों के बीच में वैमनस्य से बड़ा झूठ और कुछ नहीं हो सकता. जालोर में जो घटना हुई है, मैं उस घटना के कारणों और उसमें नहीं जाना चाहता, वो समीक्षा, अनुसंधान और पुलिस जांच का विषय है. 

कारण चाहे मटकी का हो या न हो, जिस तरह की खबरें अखबारों में आई हैं कि वहां मटकी नहीं थी. वहां सभी साथ पानी पीते थे, दोनों समाज के टीचर्स और लोग मिलकर रहा करते थे. जो कुछ हुआ, वो दुर्भाग्यपूरर्ण है. उन्होंने कहा कि ऐसी कई घटनाएं देखने को मिलती हैं, तब विषय यह नहीं होता कि समाजों के बीच में वैमनस्य है, विषय यह है कि सरकार इनसब विषयों पर ठीक से समय रहते कार्रवाई क्यों नहीं करती?

अपराधी बेलगाम, आम जनता भयभीत
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राजस्थान में जिस तरह के हालात आपने देखा है, लॉयन ऑर्डर जिस तरह से कमजोर हुआ है, राजस्थान की पुलिस का जो ध्येय वाक्य है कि अपराधियों में खौफ और आमजन में विश्वास, लेकिन आज स्थिति ठीक इसके उलट है. राजस्थान की सरकार केवल कुर्सी बचाने में व्यस्त है और अपराधी बेलगाम हैं, जबकि आम जनता भयभीत है. सरकार से आम जनता इतनी तस्त्र है कि वह एक-एक दिन इसके कालखंड की गिन रही है.

गहलोत साहब सरकार बचाने नहीं, चलाने पर ध्यान दीजिए
सचिन पायलट और मुख्यमंत्री के बीच खींचतान पर शेखावत ने कहा कि गहलोत साहब ने हाल में कहा कि कार्यकर्ताओं के मान-सम्मान की चिंता करने वाले पहले खुद की चिंता करें, अपने गिरेबां में झांक कर देखें. ये जो लड़ाई है साहब, इस लड़ाई का खामियाजा राज्य के करोड़ों लोग, महिलाएं, बच्चियां, गरीब और राजस्थान का विकास भुगत रहा है. इस लड़ाई को बंद करिए और सरकार चलाने पर ध्यान दीजिए, बचाने पर नहीं.

Reporter- Manohar Vishnoi

जयपुर की खबरों के लिए यहां क्लिक करें.

यह भी पढे़ं- क्या सिद्धार्थ शुक्ला के बाद इस शख्स ने जीत लिया शहनाज गिल का दिल, आ रही डेटिंग की खबरें

यह भी पढे़ं- एक्स के साथ 'पैचअप' करवा सकती हैं ये बातें, फिर मिल जाएगा आपका पुराना प्यार!

यह भी पढे़ं- आपकी ये आदतें ही बनाती हैं आपको कंगाल, गरुड़ पुराण में किया गया है जिक्र

यह भी पढे़ं- बुधादित्य राजयोग चमकाएगा भाग्‍य, जमकर पैसा बटोरेंगी ये राशियां, जानें अपनी राशि का हाल

 

Trending news