Rajasthan Election: अशोक गहलोत से लेकर सचिन पायलट, ये 22 बड़े नेता चुनाव से पहले भगवान की शरण
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Rajasthan Election: अशोक गहलोत से लेकर सचिन पायलट, ये 22 बड़े नेता चुनाव से पहले भगवान की शरण

Rajasthan Election: राजस्थान में इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में सभी पार्टियां पूरी तैयारियों में जुटी हुई हैं. वहीं अशोक गहलोत से लेकर सचिन पायलट ये 22 बड़े नेता चुनाव से पहले भगवान की शरण पहुंचे और आशीर्वाद लिया.

Rajasthan Election: अशोक गहलोत से लेकर सचिन पायलट, ये 22 बड़े नेता चुनाव से पहले भगवान की शरण

Rajasthan Election: विधानसभा चुनाव से पहले नेताजी खुद आस्था में डूबकी लगाने के साथ धार्मिक अनुष्ठान, बड़े कथा वाचकों से कथाओं के बाद अब क्षेत्र की जनता को धार्मिक यात्राएं कराने में जुट गए हैं.राजस्थान में मिशन- 2023 में भाजपा और कांग्रेस दोनों में ही मुकाबला टक्कर का होने वाला है. इसके लिए दोनों ही दल हर छोटी छोटी बातों पर फोकस कर रहे है. हर जाति, वर्ग, धर्म को साधने के लिए हर जोर लगा रहे है. इसी के तहत अब धार्मिक यात्रााएं की जा रही है.

राजस्थान की गहलोत सरकार 40 हजार बुजुर्गों को सरकारी खर्चे पर हवाई और रेलमार्ग से तीर्थयात्रा करवा रही हैं. वहीं दूसरी तरफ सियासी जमीन पर टिके रहने और नई जमीन तलाश रहे नेताजी अपने-अपने क्षेत्र की जनता को धार्मिक यात्रा से चुनावी वैतरणी पार करने के लिए आस्था का सहारा ले रहे हैं. विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश के कई नेता पूरी तरह धर्म की शरण में हैं.

अपने क्षेत्र की जनता को अपने खर्चे पर वैष्णो देवी, महाकाल (उज्जैन), पशुपतिनाथ (मंदसौर) परशुराम महादेव (मेवाड़) जैसे धर्मस्थलों के दर्शन करवाने ले जा रहे हैं.रक्षाबंधन पर्व मनाकर क्षेत्र की महिलाओं (बहनों) से हाथ पर रक्षासूत्र बंधवाया जा रहा हैं. भाजपा हो या कांग्रेस, दोनों ही प्रमुख राजनीतिक दलों के अनेक नेताओं में ज्यादा से ज्यादा लोगों को धार्मिक यात्रा पर ले जाने की होड़ मची है.इनमें विधायक से लेकर पूर्व मंत्री और मौजूदा मंत्री तक शामिल हैं.

विधायक हुड़ला करवाएंगे बच्चों को हवाई यात्रा

इसी कड़ी में दौसा के महुआ से विधायक ओम प्रकाश हुड़ला विधानसभा क्षेत्र के होनहार बच्चों को सितंबर में जयपुर से दिल्ली की हवाई यात्रा करवाएंगे. पिछले महीनों में कई नेता हजारों लोगों को धार्मिक स्थलों की यात्रा करवा चुके हैं और यह सिलसिला अभी जारी है.ज्यादातर का फोकस महिलाओं, बुजुर्गों पर हैं.

यात्रा में शामिल लोगों में इन्हीं की संख्या ज्यादा रही है. यात्राएं-दर्शन करवाने के साथ धार्मिक कार्यक्रमों के भी आयोजन करवाए जा रहे हैं.कई नेताओं ने सावन में कावड़ यात्राएं निकाली हैं.जबकि अभिमंत्रित रुद्राक्ष वितरण, मंदिरों में छप्पनभोग जैसे कार्यक्रम भी हो रहे हैं. इन सभी को देखते हुए लगता है की राजस्थान में चुनाव से पहले मंत्री-विधायकों का भगवान पर भरोसा बढ़ गया है.यही वजह है कि खुद सीएम अशोक गहलोत समेत आधी सरकार कथा, भोलेनाथ और भगवती पूजन में लीन है.सीएम 6 माह में दो अनुष्ठान करवा चुके हैं.

आपको बताते हैं कौन नेताजी ने धार्मिक यात्रा से चुनावी वैतरणी पार लगाने की कोशिश कर रहे है.

1- सीएम अशोक गहलोत 14 फरवरी को बारां के बड़ा का बालाजी में भागवत कथा में बैठे, इसी के साथ 18 फरवरी को सपत्नीक सीएम आवास पर भोलेनाथ की पूजा-अर्चना की.

2- सचिन पायलट 15 मई को जन संघर्ष यात्रा समाप्त कर झाड़खंड महादेव में पूजा की. पिछले आंदोलन पर भी महादेव के चौखट पर पहुंचे थे.

3- मंत्री रमेश मीना-हाल ही में सपोटरा के मंडरायल के नवनिर्मित राधा रमण बिहारी मंदिर सत्संग भवन में श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन करवाया.

4-शांति धारीवाल-7, 8 मार्च को लगातार दो दिन झालावाड़ के उन्हेल जैन तीर्थ पार्श्वनाथ मंदिर में रहकर दर्शन किए.

5-बीडी कल्ला- सावन के महीने में भगवान भोलेनाथ की भक्ति में लीन रहते हैं. लगातार सावन व्रत करते हैं. रंगोलाई महादेव मंदिर में पूजा-अर्चना की. 18 फरवरी को आत्मेश्वर महादेव मंदिर बीकानेर में रुद्राभिषेक किया.

6-डॉ. सीपी जोशी-7 अप्रैल को त्रिपुरा सुंदरी में वैभव गहलोत, मंत्री लालचंद कटारिया आदि के साथ पूजा-अर्चना की.

7-लालचंद कटारिया- 25 मार्च- को नैनीताल के बाबा हेड़ा खान दरबार में मंत्री राजेंद्र यादव के साथ विशेष पूजा और हवन करवाया.

8-विश्वेंद्र और सुभाष गर्ग-28 अक्टूबर 22, को ब्रिज के गिरिराज महाराज, गोवर्धन महाराज के 108 फीट के विग्रह की पूजा-अर्चना करवाई.

10- उदयलाल आंजना- 2 जनवरी को निंबाहेड़ा में भगवत कथा आयोजन में शामिल रहे. 13 अप्रैल- छोटी सादड़ी में भागवत कथा में शामिल हुए. गोसेवा का संकल्प करवाया.

11- ममता भूपेश- 22 जनवरी- मेहंदीपुर बालाजी में आचार्य मृदुलकृष्ण शास्त्री की भागवत कथा में उद्घाटन से निरंतर शामिल रही. राधा-कृष्ण मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में बैठीं.

12- प्रमोद जैन भाया- 8 जनवरी- कोटा में भागवत कथा यज्ञ में सपरिवार शामिल हुए. 16 फरवरी- श्री बड़ा के बालाजी धाम पर भागवत कथा और महाआरती करी, जिसमें सपरिवार शामिल हुए. 19 अप्रैल को गोविंद देव मंदिर पहुंच कर पूजा अर्चना की.

13-टीकाराम जूली, भंवर जितेंद्रसिंह - 13 जनवरी- राजा भर्तृहरि धाम पर पूजा अर्चना की, सरकार की तरफ से शांति यज्ञ में बैठे.

14- शकुंतला रावत- 16 अप्रैल- उदयपुर में नारायण सेवा संस्थान के भागवत कथा में शामिल हुई. जयपुर के प्रतापेश्वर महादेव मंदिर में रुद्राभिषेक कार्यक्रम करवाया.

15- रामलाल जाट- 26 मार्च को शिव भक्त सवाई भोज मंदिर में पूजा अर्चना की. 22 अप्रैल को कल्याण धणी की विशेष पूजा अर्चना की. सावन में अपने विधानसभा क्षेत्र में कावड यात्रा निकाली खुद भी भोलेनाथ की भक्ति में लीन हैं.

16-सुखराम विश्नोई- 26 जनवरी को कांग्रेस के हाथ से हाथ जोड़ो कार्यक्रम की शुरूआत ही आपेश्वर महादेव मंदिर से की. पुखराज पाराशर, मंजू मेघवाल , रामलाल आदि के साथ यात्रा निकाली. 26 अप्रैल को खासरवी माताजी के पाटोत्सव कार्यक्रम में भाग लिया.

17- अशोक चांदना - 13 जून 2022 को कुरड़ाया में श्रीमद्भागवत कथा यज्ञ में बैठे और निरंतर पाठ किया.

18- गोविंदसिह डोटासरा- 27 जून 22, लक्ष्मणगढ़ में भागवत कथा कार्यक्रम करवाया. 13 फरवरी- सालासर बालाजी गौशाला में नंदी पूजन किया. गायों को हरा चारा खिलाया.

19- भजनलाल जाटव - 10 जनवरी- खाटूश्याम मंदिर हलैना में श्रीमद्भागवत कथा का निरंतर पाठ व श्रवण किया.

20- प्रतापसिंह खाचरियावास- हर नवरात्र में धार्मिक अनुष्ठान करते है, सावन में काँवड़ यात्राओं में शामिल होते है. पेट्रोल पंप वाले हनुमानजी मंदिर में हर मंगलवार को शाम के समय ग़रीबो को भोजन प्रसादी करवाते हैं. गायो को चारा खिलाने सहित समय समय पर धार्मिक अनुष्ठानों में शामिल होते है.

21-धीरज गुर्जर- बीज निगम अध्यक्ष और जहाजपुर से विधायक रह चुके धीरज गुर्जर 15 अगस्त को अपने जन्मदिन पर काशी विश्वनाथ मंदिर में 1.11 लाख रुद्राक्ष अभिमंत्रित कर क्षेत्र में बंटवाएंगे. 15 से 27 अगस्त तक विभिन्न धर्म स्थलों पर छप्पनभोग कार्यक्रम करेंगे.

22- सौम्या गुर्जर-राजाराम गुर्जर ने पिछले दिनों करौली में कलश यात्रा और श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन करवाया था जिसमें हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया.

बहरहाल, धार्मिक यात्रा और भागवत कथा कराने वाले नेताजी की सियासी जमीन क्या बच पाएगी..क्या धार्मिक यात्रा से चुनावी वैतरणी पार हो पाएगी?.क्या इन यात्राओं से जनता का आशीर्वाद मिलेगा. 

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