Indian Railway Fair Fact Check: फर्जी कंसेशन लिस्ट से बवाल, सोशल मीडिया पर वायरल हुई फर्जी सूची, रेलवे में रियायती टिकट की सूची बताई जा रही जबकि रेलवे प्रशासन ने जारी नहीं की सूची
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Indian Railway Fair Fact Check: इन दिनों सोशल मीडिया पर एक लिस्ट वायरल हो रही है. दावा किया जा रहा है कि रेलवे प्रशासन ने 53 श्रेणियों में यात्रियों को रेल टिकट में छूट देना शुरू कर दिया है. सोशल मीडिया पर वायरल हो रही इस सूची में जिन श्रेणियों के बारे में रेल टिकट में छूट देने का बताया जा रहा है, वास्तव में वह छूट अभी नहीं दी जाने लगी है.
पिछले एक सप्ताह से सोशल मीडिया पर ट्रेनों में यात्रा से जुड़ी रियायतों के बारे में जानकारी वायरल हो रही है. इससे पहले भी यात्रा के दौरान लगेज से जुड़े नियम और ट्रेनों में यात्रा से जुड़े 10 बड़े बदलाव वायरल हुए थे. जबकि रेलवे प्रशासन ने इस तरह के कोई बदलाव किए ही नहीं थे और ना ही किसी भी तरह की घोषणा की गई थी. इस बार वायरल मैसेज में सिर्फ रियायतों की विस्तृत जानकारी दी गई है. लेकिन इस पीडीएफ फाइल को इस तरह के मैसेज के साथ वायरल किया जा रहा है कि रेलवे ने सभी बंद रियायतों को शुरू कर दिया है.
इस मैसेज के सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद कई दिनों से जयपुर जंक्शन और अन्य रेलवे स्टेशनों पर लोग रेलकर्मियों से इस वायरल मैसेज को लेकर बहस कर रहे हैं. रिजर्वेशन एक्सपर्ट अजय कश्मीरी ने बताया कि वायरल मैसेज में सबसे ज्यादा आकर्षित और राहत देने वाली घोषणा रेलवे के सीनियर सिटीजन को फिर से छूट देने की बात है. वायरल मैसेज में मेडिकल, सीनियर सिटीजन, अवॉर्डी, दिव्यांगजन सहित 53 तरह की रियायतों के बारे में विस्तार से बताया गया है. वहीं सूची के साथ भेजे जा रहे मैसेज में यह लिखा जा रहा है कि रेलवे प्रशासन ने इन रियायतों को फिर से शुरू कर दिया है. हकीकत यह है कि रेलवे प्रशासन ने फिलहाल किसी नई श्रेणी में रियायत देना शुरू नहीं किया है.
- रेलवे द्वारा कोरोना से पहले ट्रेनों में यात्रियों को 303 तरह की रियायत मिल रही थी
- सीनियर सिटीजन, पत्रकार, पुलिस सहित अन्य रियायतों को बंद कर दिया गया
- फिलहाल 115 तरह की रियायत रेलवे प्रशासन द्वारा दी जा रही
- अभी कैंसर, डीफ एंड डंब, मेंटली रिटार्डेड, ब्लाइंड और दिव्यांग यात्रियों को थी छूट
- मौजूदा 115 श्रेणियों की रियायतों के बारे में यात्रियों को जानकारी नहीं
- जानकारी नहीं होने से लोग इन श्रेणियों में फायदा नहीं उठा पा रहे
- सबसे अधिक ली जाने वाली सीनियर सिटीजन की रियायत अघोषित रूप से बंद है
कोरोना से पहले अकेले जयपुर शहर के रेलवे स्टेशनों यानी जयपुर जंक्शन, गांधीनगर, दुर्गापुरा, जगतपुरा, सांगानेर, ढेहर का बालाजी स्टेशनों पर रोजाना करीब 400 सीनियर सिटीजन रियायती टिकट लेने आते थे. लेकिन फिलहाल सभी को पूरा किराया देकर रिजर्वेशन टिकट लेना पड़ता है. कोरोना से पहले रेलवे द्वारा सीनियर सिटीजन यात्रियों को टिकट पर 50 फीसदी की छूट दी जाती थी, जो कि पिछले साढ़े 3 साल से बंद है. बड़ी बात यह है कि रेलवे में एक तरफ जहां आमजन को रियायती टिकट की सुविधा नहीं दी जा रही, वहीं सांसदों, विधायकों और पूर्व सांसद-विधायकों को भी यह छूट दी जा रही हैं.
कोरोना महामारी के बाद भी इन्हें मुफ्त यात्रा की सुविधा दी जा रही है. वरिष्ठ नागरिकों को किराए में रियायत दिए जाने की मांग कई स्तरों पर उठने के बावजूद भी रेलवे प्रशासन इस रियायत को शुरू नहीं कर रहा है. पत्रकारों को भी रियायती यात्रा की सुविधा नहीं मिल पा रही. वहीं इस बार सोशल मीडिया पर वायरल हुए फर्जी मैसेज के बाद टिकट खिड़की पर बैठे रेलकर्मियों के लिए जरूर परेशानी बढ़ गई है. उन्हें बुजुर्ग यात्रियों को बार-बार यह समझाना पड़ता है कि रेलवे में अभी उनकी रियायती टिकट सुविधा शुरू नहीं हो सकी है.
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