कोरोना का खतरे को देखते हुए दिल के मरीजों को रहना होगा सावधान, जान ले ये जरूरी बातें
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कोरोना का खतरे को देखते हुए दिल के मरीजों को रहना होगा सावधान, जान ले ये जरूरी बातें

नए वेरिएंट बीएफ-7 के लगातार बढ़ते मामले ने भारत की भी चिंता बढ़ा दी है.ऐसे में हृदय रोगियों के लिए चिंता का विषय है इसलिए हमें अपने दिल के स्वास्थ्य का ख्याल रखना और सेहतमंद रहना बहुत जरूरी है. आदतों में बदलाव कर दिल को  हेल्दी रख सकते है.

दिल के मरीजों को रहना होगा सावधान.

Covid 19 Danger of Heart Patients: दुनिया के कई देशों में कोरोना के नए वेरिएंट बीएफ-7 के लगातार बढ़ते मामले ने भारत की भी चिंता बढ़ा दी है.ऐसे में हृदय रोगियों के लिए चिंता का विषय है इसलिए हमें अपने दिल के स्वास्थ्य का ख्याल रखना और सेहतमंद रहना बहुत जरूरी है. आपका दिल स्वस्थ है या नहीं इसे चेक कर सकते है. ऐसे कई साइन या संकते है जिसे जानकर आप अपने दिल की हिफाजत कर सकते है.

सबसे पहले आप स्ट्रेस लेना छोड़ दे. ये आपके बीपी को बढ़ा सकता है. दूसरी चीज खाने में नमक का ज्यादा सेवन करना आपके दिल को नुकसान साबित हो सकता है. दिल को दुरुस्त रखने के लिए आपको खराब जीवनशैली को छोड़ना पड़ेगा. जैसे बाहर का खाना खाने से लेकर कोल्ड ड्रिंक्स को त्याग करना पड़ेगा, क्यों कि ये दिला दा मामला है.ऐसे में हम यहां आपको कुछ घरेलू उपाय के साथ-साथ योगा बताएंगे जिन्हें अपनाकर आप अपने हृदय को स्वस्थ रख सकते हैं. क्योंकि हमें आपकी फ्रिक है.आप अपनी कुछ आदतों में बदलाव कर दिल को को हेल्दी रख सकते है.

इन घरेलू उपाय से हृदय को रखें हेल्दी

1. हेल्दी डाइट स्वस्थ हृदय के लिए बहुत जरुरी है. अपने जीवनशैली में हेल्दी डाइट का प्रयोग कर कई बीमारियों से बच सकते हैं. इसके लिए सबसे पहले अपनी डाइट में हरी पत्तेदार , मौसमी सब्जियां, नट्स और फलों को शामिल करना चाहिए. ये आपके हृदय को मजबूत और हल्दी बनाएगा.

2. खान-पान के साथ एक्सरसाइज आपके शरीर को तंदुरुस्त रखने के साथ दिल को स्वस्थ रखने में मदद करती हैं. ठंढ़ का मौसम है इसलिए एक्सरसाइज आप अपने समय के अनुसार कभी भी कर सकते हैं. एक्सरसाइज करने से आप जहां पूरे दिन एक्टिव रहते हैं. वहीं हर रोज एक्सरसाइज करने से हृदय रोग का खतरा कम होता है. अगर आप भी अपने दिल से प्रेम करते है तो दिल को हेल्दी रखने के लिए रोजाना आधे घंटे तक एक्सरसाइज करें.

3. हृदय को स्वस्थ रखने के लिए नींद बेहद जरुरी है. इसके लिए आपको भरपूर नींद लेना चाहिए. यानी जल्दी सोने के बाद जल्दी उठ कर योग करें तो आपको दिल को भरपुर ऑक्सीजन मिलता है. अच्छी नींद आने से शरीर के डैमेज सेल्स रिपेयर होते हैं साथ ही नींद पूरी होने से आप अगले सुबह  फ्रेश फील करेंगे और आपका स्ट्रेस लेवल भी कम होगा.

4.धूम्रपान सेहत के लिए हानिकारक होता है. आप भी दिल से करते है बेहद प्यार तो धूम्रपान को करे गुड बॉय. क्योंकि धूम्रपान सेहत के लिए हानिकारक के साथ -साथ ये हृदय पर सीधा असर करता है.ये रक्त वाहिकाओं और हृदय को तेजी से नुकसान पहुंचाते हैं. वहीं लगातार धूम्रपान करने से हार्ट संबंधित बीमारियां होने का खतरा बना रहता है. 

हार्ट डिजीज के लक्षण 

सीने में दर्द

हार्ट अटैक के लक्षण की बात करें तो सीने में दर्द के आलावा बाईं बांह में दर्द, जबड़े में दर्द, अत्यधिक पसीना आना, बार-बार चक्कर आना, बेहोशी के अटैक आना और सांस लेने में परेशानी होना, अत्यधिक गैस होना या पेट फूलना हो सकते हैं. ऐसा कोई भी लक्षण दिखे तो मरीज को तत्काल ही अस्पताल जाकर संबंधित डॉक्टर से जांच कराए.

इर्रेग्युलर हार्टबीट

सामान्य तौर पर आम इंसान हृदय हर मिनट 60 से 90 या 100 की दर से धड़कता है. हृदय की धड़कन में किसी भी तरह का बदलाव जो घबराहट के तौर पर महसूस हो,वह एरिथमिया हो सकता है और उसकी जांच करानी चाहिए.  अगर आपकी धड़कनों की चाल बिना कारण अक्सर अनियमित हो जाती है, तो यह आपके लिए खतरे की बात हो सकती है. तो आपको फौरन डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.

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सांस की तकलीफ 

सांस का फूलना आपके हृदय की गति या लय की समस्या से भी सम्बंधित हो सकता है. जैसे कि एट्रियल फिब्रिलेशन जिसमें हृदयगति तेज और अनियमित हो जाती है. सुपरवेंट्रिकल टेकीकार्डिया जिसमें हृदयगति नियमित और तेज रहती है.

कमजोरी-थकान

अत्यधिक थकान कंजेस्टिव दिल की बीमारी का एक सामान्य लक्षण है,ये लक्षण तब दिखाई देता है जब आपका हार्ट बेहतर तरीके से पंप नहीं करता है. इस कंडीशन में व्यायाम करते समय आपकी थकान और खराब सकती है. साथ ही बाहों या पैरों में सूजन और सांस की तकलीफ भी हो सकती है. ऐसे हालत में तुरंत डॉक्टर से परामर्श ले.

इसके अलावा ब्लड प्रेशर महीने में एकबार जरूर चेक कराए या अपने घर पर बीपी मशीन से चेक करें. कोलेस्ट्रॉल की जांच 6 महीन पर कराए. ब्लड शुगर की जांच 3 महीने पर कराएं साथ ही 3 महीने में HbA1c टेस्ट कराना चाहिए. 
आंखों की जांच के लिए EYE टेस्ट 6 महीने पर कराना चाहिए और फुल बॉडी साल में एक बार जरूर कराएं. 

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