चुनाव से पहले योगी 'अवतार' में मुख्यमंत्री गहलोत, कोचिंग के बाद अब जमींदोज होगा नकल माफिया का आशियाना
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चुनाव से पहले योगी 'अवतार' में मुख्यमंत्री गहलोत, कोचिंग के बाद अब जमींदोज होगा नकल माफिया का आशियाना

Buildozer Action : चुनाव से पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी योगी 'अवतार' में दिखाई दे रहे हैं. कोचिंग के बाद अब नकल माफियाओं का आशियाना जमींदोज होगा.

चुनाव से पहले योगी 'अवतार' में मुख्यमंत्री गहलोत, कोचिंग के बाद अब जमींदोज होगा नकल माफिया का आशियाना

Buildozer Action : सीनियर टीचर भर्ती परीक्षा का पेपर लीक करने के मास्टरमाइंड की संपत्ति पर मकर संक्रांति से जेडीए का बुलडोजर चलेगा. जयपुर जेडीए की टीम मास्टर माइंड भूपेंद्र सारण के अजमेर रोड स्थित आलीशान मकान पर जेडीए ने बुलडोजर चलाने की तैयारी कर ली हैं. ये बुलडोजर बिल्डिंग बायलोज का उल्लंघन करके बनाई दो एक्सस्ट्रा मंजिल और सैटबेक न छोड़ने को लेकर चलेगा. मकान में किए गए अवैध निर्माण को लेकर आज जेडीए एनफोर्समेंट टीम के अधिकारियों ने अपनी टेक्निकल टीम से मकान की जांच-पड़ताल करवाई जिसमें साफ-तौर पर वॉयलेशन मिला.

राजधानी के अजमेर रोड स्थित रजनी विहार कॉलोनी. मकान नंबर 67-C, नाप-जोख करती जयपुर विकास प्राधिकरण की टीम. ये चार मंजिला आलीशान बंगला शिक्षक भर्ती पेपरलीक मामले में आरोपी भूपेन्द्र सारण का हैं. बेरोजगारों का भविष्य को रौंदकर बनाया गया सुविधाओं से लैस आलीशाल मकान पर अब जेडीए का बुलडोजर चलेगा. पेपरलीक मामले के मास्टर माइंड भूपेन्द्र सारण के बिल्डिंग बायलॉज का उल्लंघन कर खडे किए गए पांच मंजिला आलीशान मकान पर नोटिस की 72 घंटे की मियाद पूरी होने के बाद बुलडोजर गरजना शुरू हो जाएगा. अजमेर रोड स्थित रजनी विहार में मकान में किए गए अवैध निर्माण को लेकर आज जेडीए एनफोर्समेंट टीम के अधिकारी मौके पर पहुंचे. उन्होंने टेक्निकल टीम से मकान की जांच-पड़ताल करवाई.

इस जांच के बाद तैयार रिपोर्ट के आधार पर एन्फोर्समेंट विंग ने मकान मालिक भूपेन्द्र सारण और गोपाल सारण के नाम जेडीए की धारा 32 के तहत अवैध निर्माण करने का नोटिस जारी किया. इस नोटिस में मकान मालिकों को 12 जनवरी शाम 5 बजे तक जवाब पेश करने के लिए कहा है. जवाब पेश नहीं करने या संतोषजनक जवाब पेश नहीं करने पर जेडीए 13 जनवरी को यहां तोड़फोड़ की कार्यवाही कर सकता है. मकान के बाहर जेडीए की टीम को बिजली का बिल भूपेन्द्र सारण के नाम से मिला. जिस पर अन्य बिलों की तरह सब्सिडी दी गई. बिल में भूपेन्द्र सारण को 635 रूपए की सब्सिडी दी गई. वहीं रिकार्ड खंगालने पर सामने आया की 2015 में जेडीए ने बबली पारीक के नाम से पट्टा जारी किया हैं. उसके बाद 2017 में बबली पारीक से भूपेन्द्र सारण और गोपाल सारण ने रजिस्ट्री करवा ली.

सारण का मकान अजमेर रोड पर पृथ्वीराज नगर (नॉर्थ) एरिया में बसी रजनी विहार कॉलोनी में प्लॉट नंबर 67-C पर है. करीब 28 बाई 46 फीट प्लॉट पर ये घर जीरो सेटबैक पर बना है. हालांकि जेडीए इस कॉलोनी का रेगुलाइजेशन कर चुका है. लेकिन मकान का निर्माण जेडीए की ओर से जारी साइट प्लान के मुताबिक नहीं है. साइट प्लान में कम से कम 15 फीट में फ्रंट और 8.3 फीट में बैक सेटबैक छोड़ना जरूरी है. जो नहीं छोड़ा गया है. मकान के आगे 4 फीट का रैंप और अन्य निर्माण करके सरकारी जमीन पर भी कब्जा कर रखा है. इसके अलावा भवन मालिक को साइट प्लान के मुताबिक 8 मीटर हाईट तक निर्माण करना था. लेकिन मकान के मालिकों ने 8 मीटर से ज्यादा निर्माण करते हुए बिना अनुमति 2 मंजिल एक्सट्रा बना ली, जिसे तोड़ने के लिए कहा है.

मुख्य नियंत्रक प्रवर्तन जेडीए रघुवीर सैनी ने बताया की भूपेन्द्र सारण के अलावा दूसरी टीम पेपरलीक मामले के आरोपी सुरेश ढाका के ठिकाने पर पहुंची. ढाका ने चित्रकूट वैशाली नगर स्थित नेमीसागर कॉलोनी में एक लग्जरी फ्लैट ले रखा है. आशापूर्ण एम्पायर में लिया गया ये फ्लैट ढाका ने अपने पिता मांगीलाल के नाम से खरीद रखा है. सैनी ने बताया की प्राथमिक जांच में फ्लैट में भवन विनियमों का उल्लंघन नहीं पाया गया. और इस मामले की डिटेल जांच के लिए आयोजना शाखा को लिखेगी. गौरतलब हैं की इससे पहले जेडीए ने इसी मास्टर माइंड के किराए पर संचालित कोचिंग सेंटर पर बड़ा एक्शन लिया था. जयपुर में गुर्जर की थड़ी स्थित अधिगम कोचिंग सेंटर की 5 मंजिला बिल्डिंग को जेडीए ने जमींदोज कर दिया था. हालांकि ये कोचिंग सेंटर की बिल्डिंग का मालिक दूसरा था, जबकि भूपेन्द्र सारण, सुरेश ढाका, धर्मेन्द्र चौधरी और एक अन्य व्यक्ति मिलकर इस कोचिंग सेंटर को संचालित कर रहे थे. लेकिन ये बिल्डिंग भी भवन विनियमो का उल्लंघन करते हुए खडी की गई थी.

बहरहाल, वरिष्ठ अध्यापक परीक्षा पेपर लीक की लंका यानी किराए पर संचालित अधिगम कोचिंग को ध्वस्त करने के बाद जेडीए पर सवाल खडे हुए. किराए की बिल्डिंग को ध्वस्त करने की बजाय आरोपियों के आलीशान मकानों पर बुलडोजर क्यों नहीं चलाया जा रहा हैं ?. इस पर जेडीए का प्रवर्तन दस्ता सुबह-सुबह पेपरलीक मामले के मास्टर माइंड के ठिकानों पर पहुंचकर नाप-जोख शुरू कर नोटिस चस्पा कर दिए. इमारत को जमींदोज करने के मामले में नियमों के उल्लघंन का बताया गया है लेकिन शहर में ऐसी हजारों इमारते हैं. यह कार्रवाई सिर्फ और सिर्फ अपराधियों को यह बताने के लिए है कि अगर सीमा पार करेंगे तो अब सरकारी एजेंसियां भी चुप नहीं रहेंगी. बुलडोजर चलेगा. हर ओर चलेगा.

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