विवश होकर आखिर मुख्यमंत्री गहलोत को क्यों बोलना पड़ा- कुछ पैसे हमने दिए, कुछ आप दे दो
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विवश होकर आखिर मुख्यमंत्री गहलोत को क्यों बोलना पड़ा- कुछ पैसे हमने दिए, कुछ आप दे दो

Jaipur News : मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने खुद स्वीकार किया कि 200 रुपये में दो ड्रेस नहीं सिलाई जा सकती है. इसलिए अभिभावकों से अपील है की कुछ हम खर्चा करते हैं तो कुछ आप करो. 

विवश होकर आखिर मुख्यमंत्री गहलोत को क्यों बोलना पड़ा- कुछ पैसे हमने दिए, कुछ आप दे दो

Jaipur News : प्रदेश सरकार की ओर से सरकारी स्कूलों में कक्षा 1 से 8वीं तक पढ़ने वाले बच्चों के लिए दो महत्वपूर्ण योजनाओं का आगाज आज हुआ. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सीएमआर में आयोजित एक कार्यक्रम में दोनों योजनाओं का शुभारंभ किया. इस दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने खुद स्वीकार किया कि 200 रुपये में दो ड्रेस नहीं सिलाई जा सकती है. इसलिए अभिभावकों से अपील है की कुछ हम खर्चा करते हैं तो कुछ आप करो. इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने अगली बार से सिली सिलाई ड्रेस वितरण की मंशा भी जताई.

योजनाओं के शुभारंभ के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि "हमारा प्रदेश अनकेता में एकता वाला प्रदेश है. यहां अलग अलग भाषाएं अलग अलग जातियां है लेकिन स्कूलों में सब अगर एक ड्रेस पहनकर जाएंगे तो इससे बच्चों का आत्मविश्वास बढ़ेगा. इसलिए एक यूनिफॉर्म ड्रेस कोड लागू किया गया है. प्रत्येक बच्चे को दो यूनिफॉर्म का कपड़ा दिया गया है. साथ ही सिलाई के लिए 200 रुपये भी दिए गए हैं. लेकिन सिलाई के लिए 200 रुपये कम है ये मैं जानता हूं. इसलिए अभिभावकों से अपील है की कुछ खर्चा हम कर रहे हैं तो कुछ आप करो,साथ ही शिक्षकों को टेलर से बात करनी चाहिए. लेकिन आगे से इस बात का ध्यान रखा जाएगा. अगली बार से अलग अलग साइज में सिली सिलाई ड्रेस दी जाए. "

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि "बाल गोपाल योजना के तहत अभी केवल ट्रायल के तौर पर दो दिन ही बच्चों को दूध दिया जाएगा. मिड डे मिल और पोषाहार योजना में भी कई तरह की शिकायतें आई हैं. जिन्हें दूर करने के प्रयास किए जा रहे हैं. काफी बड़ी योजनाएं हैं जिन पर फोकस किया जा रहा है. इसके साथ ही सरकार की योजनाओं में भामाशाहों और ग्रामीणों का सहयोग भी काफी अहम हो जाता है. साथ ही कोशिश रहेगी की आने वाले समय में दूध वितरण को 2 से बढ़ाकर 3 दिन,4 दिन,5 दिन और फिर 6 दिन किया जाए. "

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि "फ्लैगशिप योजनाएं का लाभ आमजन तक पहुंचे इसके प्रयास रहते हैं. चिरंजीवी योजना बाल गोपाल योजना से जुड़ी हुई है. सरकार का फोकस है की शिक्षा और चिकत्सा के क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा काम किया जाए. चिरंजीवी योजना में 10 लाख रुपये तक का बीमा किया गया है. किडनी ड्रांसप्लांट,लिवर ट्रांसप्लांट और तमाम जांचें अब फ्री कर दी गई है. ऐसी योजनाएं पूरी दुनिया में कहीं नहीं है. शिक्षकों से अपील है की सरकार की तमाम योजनाओं का जानकारी लोगों तक पहुंचाएं ताकि उनको इनका लाभ मिल सके. ,"

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि "प्रदेश सरकार की ओर से 3 लाख से ज्यादा लोगों को नौकरी देने का लक्ष्य रखा गया है. अब तक 1 लाख 35 हजार युवाओं को नौकरी दी जा चुकी है. तो वहीं 1 लाख 25 हजार सरकारी नौकरी पाइप लाइन में है. साथ ही 1 लाख नौकरियों की इस बजट में घोषणा की है. कुल मिलाकर 3 लाख से ज्यादा युवाओं को सरकारी नौकरी दी जाएगी. "

बालिका शिक्षा पर जोर देते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि "बालिका शिक्षा पर सरकार का फोकस है. जिन स्कूलों में बालिकाओं की संख्या 500 है उन स्कूलों को कॉलेज में तब्दील करने के निर्देश दे रखे हैं. ताकि बालिकाओं को उच्च शिक्षा के लिए दूर नहीं जाना पड़े. पिछले 4 साल में 211 कॉलेज खोल दिए. पहले बच्चों को पढ़ने के लिए महाराष्ट्र,पूणे जाने पड़ता था. लेकिन अब बच्चों को राजस्थान से बाहर नहीं जाना पड़ता है. क्यूंकि हमने 89 विश्वविद्यालय राजस्थान में खोल दिए हैं. इसके अलावा इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेज भी हर जिले में खोल दिए हैं. ,आजादी के समय राजस्थान की साक्षरता दर 8 फीसदी थी. लेकिन अब वो 76 फीसदी तक पहुंच गई है. साथ ही हम सब को मिलकर कोशिश करनी चाहिए की ये 90 फीसदी से पार जल्द हो जाए. "

देश विकास में पंडित नेहरू के योगदान का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि "देश से पहले प्रधानमंत्री पंडित नेहरू ने देश को आगे ले जाने के लिए बड़े-बड़े सपने देखे थे. और उन सपनों को साकार भी किया जा रहा है. बड़े बड़े बांध बनाए गए हैं. आईआईटी,आईआईएम जैसे संस्थान खोले गए. बड़े बड़े वैज्ञानिक,शिक्षाविद्,इंजीनियर आज देश से निकल रहे हैं. "

कोरोना काल में किए गए कार्यों को जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि "पिछले 2 साल कोरोना काल के रहे. ,कोरोना काल में सरकार ने बेहतरीन प्रबंधन किया. प्रदेश सरकार के कामकाज की तारीफ पूरी दुनिया में हुई. ,लेकिन सरकार के इन कार्यों में भामाशाहों,जनप्रतिनिधि और स्वयंसेवी संगठनों ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था. कोरोना काल में कोई भी व्यक्ति भूखा नहीं सोया था. "

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