Ashok Gehlot : मुख्यमंत्री अशोक गहलोत चुनाव से पहले वादा पूरा करने में जुट गए हैं, इसी कड़ी मे सरकार जवाबदेही विधेयक लाने की तैयारी कर रही है.
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Ashok Gehlot : चुनावी घोषणा पत्र में जनता से किए अपने वादे के मुताबिक़ राजस्थान में गहलोत सरकार अब जवाब देही विधेयक लाने की तैयारी कर रही है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस विधेयक को लाने की जानकारी साझा की है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि राजस्थान में लोक सेवाओं के प्रदान की गारन्टी और जवाबदेही विधेयक-2022 लाने की तैयारी की जा रही है. राज्य के निवासियों को सेवाओं की गुणवत्तापूर्ण एवं समयबद्ध प्रदायगी सुनिश्चित करने के लिए संवेदनशीलता, पारदर्शिता और जवाबदेही के लिए प्रतिबद्ध हमारी सरकार "राजस्थान लोक सेवाओं के प्रदान की गारन्टी और जवाबदेही विधेयक-2022" लाया जाना प्रस्तावित है. विधेयक को अंतिम रूप देने से पूर्व पारदर्शिता एवं जन सहभागिता की पहल के तहत विधेयक का प्रारूप सार्वजनिक अवलोकन के लिए rpg.rajasthan.gov.in पर उपलब्ध कराया गया है.
राज्य के निवासियों को सेवाओं की गुणवत्तापूर्ण एवं समयबद्ध प्रदायगी सुनिश्चित करने के लिए संवेदनशीलता, पारदर्शिता और जवाबदेही के लिए प्रतिबद्ध हमारी सरकार द्वारा "राजस्थान लोक सेवाओं के प्रदान की गारन्टी और जवाबदेही विधेयक-2022" लाया जाना प्रस्तावित है। pic.twitter.com/5KjzGpVW46
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) October 14, 2022
क्या है जवाबदेही क़ानून का प्रारूप
- ये एक्ट पूरे राज्य में लागू होगा
- राजपत्र में अधिसूचना के दिन से इसे लागू माना जाएगा
- इसके तहत निश्चित समय में अधिकारियों को देना होगा जवाब
- "आवेदक" का अर्थ उस व्यक्ति से है जो इसके तहत अधिसूचित सेवाओं के लिए पात्र है
- इसमें कोई कंपनी या संघ या निकाय भी शामिल
- "पीड़ित" वो व्यक्ति होगा जो इसके तहत शिकायत करेगा
- इसके तहत एक अपीलीय अधिकारी होगा जो सेवाओं से संतुष्ट नहीं होने पर अपीलों की सुनवाई करेगा
- इसके तहत ऑटो स्वचालित प्रक्रिया रहेगी जो अपात्र आवेदनों की छंटनी करेगी
- इसमें पात्र आवेदकों को स्वत मैसेज मिलेगा
- इसके तहत आवेदक को अपने आप मैसेज मिल जाएगा एप्लीकेशन एक्सेप्ट होने पर
सेवाओं का अधिकार
- प्रत्येक आवेदक को अधिसूचित सेवाओं की डिलीवरी प्राप्त करने का अधिकार होगा
- आम व्यक्ति को निश्चित समय में सेवा प्रदान करना आवश्यक होगा
- शिकायतों के निस्तारण के लिए त्रिस्तरीय व्यवस्था होगी
- शिकायतों के निस्तारण की होगी निश्चित समय सीमा
- लोक प्राधिकृत अधिकारी कम से कम 10% शिकायतों का भौतिक रूप से सत्यापित करेंगे
- प्रत्येक आवेदक आवेदन की स्थिति को ट्रैक कर सकेगा
- यदि कोई आवेदक अधिकारी के किसी निर्णय या गलत कार्य से व्यथित है तो वह अपील कर सकता है
शिकायत निवारण तंत्र
- प्राप्त शिकायतों को इलेक्ट्रोनिक रूप से दर्ज किया जाएगा
- आवेदक को शिकायत दर्ज कराने पर एक रशीद दी जाएगी
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