Chanakya Niti: जानिए कैसे अवगुण लगाते है इंसान की सफलता में ग्रहण
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Chanakya Niti: जानिए कैसे अवगुण लगाते है इंसान की सफलता में ग्रहण

Chanakya Niti on Solar Eclipse: आज सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है. सूर्य ग्रहण के समय सूर्य पीड़ित हो जाता है और उसकी शक्ति खत्म हो जाती है.  वैसे ही चाणक्य के अनुसार संकट, बाधा और अवगुण व्यक्ति के विकास में एक ग्रहण की बाधक बने हुए होते हैं. 

Chanakya Niti: जानिए कैसे अवगुण  लगाते है इंसान की सफलता में ग्रहण

Chanakya Niti on Solar Eclipse: आज सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है. सूर्य ग्रहण के समय सूर्य पीड़ित हो जाता है और उसकी शक्ति खत्म हो जाती है.  वैसे ही चाणक्य के अनुसार संकट, बाधा और अवगुण व्यक्ति के विकास में एक ग्रहण की बाधक बने हुए होते हैं. इसलिए व्यक्ति को इनसे सदैव बच कर रहना चाहिए. जिस प्रकार से ग्रहण के प्रभाव से बचने के लिए इंसान सूतक के नियमों का पालन करता है उसी प्रकार से इन चीजों से भी बचना चाहिए, नहीं तो प्रतिभाशाली होने के बाद भी वह असफलताओं का मुंह देखता है.

सूर्य ऊर्जा का कारक है. सूर्य प्रकाश देता है. लेकिन ग्रहण के दौरान सूर्य भी कमजोर पड़ जाता है. इसलिए बाधा रूपी ग्रहण से बचने के लिए स्वयं को मजबूत बनाकर रखना चाहिए, ताकि बुरा वक्त अधिक हानि न पहुंचा सके. इंसान के जीवन में जब बाधाएं ग्रहण के रूप में सामने आती है तो व्यक्ति निराशाओं के दलदल में फंसा हुआ महसूस करता है. इसलिए चाणक्य की इन बातों को कभी नहीं भूलना चाहिए.

स्वयं को रखें तनाव से मुक्त 
आचार्य चाणक्य के अनुसार जब भी कोई बड़ी बाधा या परेशानी जीवन में आए तो उस समय सबसे जरूरी होता है बेहतर मानसिक स्थिति  बनाए रखना. इसलिए इंसान को हमेशा मानसिक तनाव को दूर करने के लिए प्रयास करते रहना चाहिए.  उसे अपनी मेहनत पर भरोसा रहना चाहिए. मेहनत का फल सदैव ही मीठा होता है. इस बात को हमेशा ध्यान में रखें.

हर परिस्थिति का डटकर करें मुकाबला
चाणक्य के अनुसार जिस प्रकार प्रकार बार बार चोट पहुंचाने से पत्थर में भी लकीर हो जाती है, उसी प्रकार से असफलता मिलने पर निराश न होना चाहिए बल्कि निरंतर प्रयास करते रहने चाहिए. लगातार प्रयास किए जाने से देर सबेर सफलता मिल ही जाती है. इतिहास ऐसे उदाहरणों से भरा पड़ा है.

हर कार्य को गंभीरता से करें

 चाणक्य के अनुसार जीवन में सफलता तभी मिलती है जब किसी कार्य को पूरी ईमानदारी से पूरा किया जाए. इसलिए कोई भी कार्य करें तो गंभीरता को त्याग न करें. गंभीरता ही सफलता की नींद होती है. इसलिए सदैंव गंभीर होकर ही किसी कार्य को करना चाहिए.

नकारात्मक विचारों से रहें दूर
चाणक्य के अनुसार किसी भी कार्य में सफलता के लिए सकारात्मकता बहुत जरूरी है. बिना सकारात्मक विचारों से सफलता को प्राप्त नहीं किया जा सकता है. वहीं किसी भी कार्य में उत्साह बनाए रखने के लिए नवीनता का भी होना भी बहुत आवश्यक है. जिससे वह अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में आसानी होती है.

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