कैंसर पीड़ित का काटा गया गुप्तांग, हाथ और नसों से फिर किया दूसरा रीक्रिऐट
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कैंसर पीड़ित का काटा गया गुप्तांग, हाथ और नसों से फिर किया दूसरा रीक्रिऐट

कैंसर (Cancer)से परेशान एक मरीज जब राजस्थान(Rajasthan) के जयपुर(Jaipur) में इलाज के लिए पहुंचा था. तो उसे पता भी नहीं था कि उसकी जिंदगी बदलने वाली है. कैंसर के चलते डॉक्टरों ने उसके Penis को काट दिया. मरीज की जान तो बच गयी लेकिन अब डॉक्टर्स को फिर से इस मरीज को आम जिंदगी देनी थी. ऐसे में भगवान महावीर कैंसर अस्पताल (BMCHRC)के डॉक्टर्स ने वो कर दिखाया जो खुद उस मरीज ने भी कभी नहीं सोचा होगा.

 

कैंसर पीड़ित का काटा गया गुप्तांग, हाथ और नसों से फिर किया दूसरा रीक्रिऐट

Jaipur News : राजस्थान के जयपुर में डॉक्टरों ने एक बार फिर एक कैंसर पीड़ित को नयी जिंदगी. ये युवक पेनिस कैंसर से जूझ रहा था. डॉक्टर्स के पास गुप्तांग को काटने के अलावा कोई चारा नहीं बचा था. मरीज का गुप्तांग काटकर उसकी जान डॉक्टर्स ने बचा ली.

लेकिन असली इम्तिहान बाकी था. डॉक्टर्स को एक जटिल सर्जरी करनी थी. इसके लिए कैंसर पीड़ित के हाथ की त्वचा और नसों का इस्तेमाल किया गया. फिर उसका गुप्तांग बनाया गया और फिर इसे शरीर पर ट्रांसप्लांट किया गया.

युवक अब पहले से बेहतर है. डॉक्टर्स ने बताया ये सर्जरी काफी जटिल थी जिसमें 8 घंटे का वक्त लगा. वैसे ये पहली बार नहीं है. जयपुर के भगवान महावीर कैंसर अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र (बीएमसीएचआरसी) में पहले भी कई कैंसर पीड़ितों की जान बचायी जा चुकी है.

इस बार सर्जरी करने वाले डॉक्टर्स का दावा है कि ये राज्य में पहला मामला है जिसमें किसी का गुप्तांग या पेनिस ट्रांसप्लांट किया गया हो. बीएमसीएचआरसी के सर्जिकल ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. प्रशांत शर्मा के मुताबिक बूंदी के 72 साल के मरीज में कैंसर डिटेक्ट होने के बाद ये सर्जरी की गयी.

ये सर्जरी आसान नहीं थी. पहले मरीज ने गुप्तांग को काटवाने से इनकार कर दिया था. लेकिन बाद में वो मान गया. करीब एक महीने पहले 5 डॉक्टरों की टीम समेत 11 विशेषज्ञों ने इस सर्जरी को मिलकर पूरा किया. प्लास्टिक सर्जन डॉ. उमेश बंसल ने बताया कि ये सर्जरी माइक्रोसर्जिकल तकनीक से की गयी.

मरीज के बाएं हाथ की त्वचा, रक्त वाहिकाओं और नसों को लेकर  गुप्तांग बना जिसे ट्रांसप्लांट किया गया. डॉक्टर के मुताबिक लगभग चार प्रतिशत कैंसर रोगियों को पुरुष जननांग कैंसर होता है और इनमें से लगभग 50 प्रतिशत का गुप्तांग काटना पड़ता है. 

(आभार- भाषा)

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