राजस्थान विधानसभा में बजट सत्र के पहले दिन सोमवार को जमकर हंगामा हुआ. राजस्थान के स्थानीय लोगों को सरकारी नौकरी में आरक्षण देने और बेरोजगारी का मुद्दा भी छाया रहा. पूर्व शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी ने राजस्थान में बेरोजगारी के मुद्दे पर सवाल पूछा और कहा कि बेरोजगारी दर में राजस्थान देश में दूसरे नम्बर पर है.
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Jaipur News: राजस्थान विधानसभा में बजट सत्र के पहले दिन सोमवार को जमकर हंगामा हुआ. राजस्थान के स्थानीय लोगों को सरकारी नौकरी में आरक्षण देने और बेरोजगारी का मुद्दा भी छाया रहा. पूर्व शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी ने राजस्थान में बेरोजगारी के मुद्दे पर सवाल पूछा और कहा कि बेरोजगारी दर में राजस्थान देश में दूसरे नम्बर पर है. देवनानी के सवाल के जवाब में शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला ने कहा कि राजस्थान में सरकारी नौकरियों में बाहरी लोगों को रोकने के लिए केवल स्थानीय के लिए आरक्षण का प्रावधान लागू नहीं होगा. बता दें कि बेरोजगारी में पहले हरियाणा है जहां बेरोजगारी दर 30.6 प्रतिशत है, जबकि राजस्थान में यह दर 24.5 प्रतिशत है.
राजस्थान में बेरोजगारी की दर तेजी से बढती जा रही है. हाल ही में गैर सरकारी संस्था सेन्टर फॉर मोनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) की रिपोर्ट सामने आई है. इस रिपोर्ट में राजस्थान में दूसरी सबसे ज्यादा बेरोजगारी की दर वाला राज्य बताया गया है. पहले नम्बर पर हरियाणा है जहां 30.6 प्रतिशत बेरोजगारी है. दूसरे नम्बर पर आने वाले राजस्थान में 24.5 प्रतिशत बेरोजगारी है. तीसरे स्थान पर जम्मू कश्मीर(23.9%), चौथे स्थान पर बिहार (17.3%) और पांचवें स्थान पर त्रिपुरा (14.5%) है. प्रदेश में तेजी से बढ़ रही बेरोजगारी को लेकर बजट सत्र में बेरोजगारी का मुद्दा छाया रहेगा.
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राजस्थान में लगभग 27 लाख से ज्यादा बेरोजगार है. देवनानी ने पूछा राज्य के बाहर के लोग सरकारी नौकरियों में कितनी संख्या में है ? उन्होंने शैक्षणिक योग्यता को लेकर भी सवाल पूछा. साथ ही कहा कि क्या राजस्थान में बाहर के लोग फर्जी डिग्रियों के आधार पर नौकरियां ले लेते हैं?
देवनानी के सवाल - क्या राजस्थान से पलायन कर रहे लोगों को रोकने के लिए सरकार क्या कोई सोच रखती है? क्या राजस्थान में प्रदेश के इतिहास और संस्कृति जैसा कोई पेपर जोड़ा जा सकता है? जिससे प्रदेश के लोगों को नौकरी में वरीयता मिल सके.
शिक्षामंत्री कल्ला का जवाब
बीडी कल्ला ने कहा कि केंद्र सरकार राजस्थानी भाषा को अनुमति नहीं दे रही. जिस दिन राजस्थानी भाषा को अनुमति दी जाएगी. उस दिन हम भी इस पर विचार करेंगे. बीडी कल्ला ने कहा आरपीएससी के जरिए जितनी भी परीक्षाएं हो रही हैं. उनमें 30 से 40 फीसदी सवाल राजस्थान से जुड़े पूछे जाते हैं.
राजस्थान के स्पीकर सीपी जोशी अपना सुझाव दिया और कहा कि कम से कम प्रारंभिक शिक्षा राजस्थान के स्कूलों में होनी चाहिए. स्पीकर जोशी ने तमिलनाडु की शिक्षा व्यवस्था का जिक्र करते हुए कहा कि वहां की शिक्षा प्रणाली की तरह प्रदेश में लागू करने की आवश्यकता है, जिससे अभ्यर्थियों को राहत और मदद मिले.