जयपुर मेयर चुनाव: स्वीमिंग पूल में अठखेलियां, अंताक्षरी-क्रिकेट के बाद BJP-कांग्रेस पार्षद कर रहे हनुमान चालीसा का पाठ
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जयपुर मेयर चुनाव: स्वीमिंग पूल में अठखेलियां, अंताक्षरी-क्रिकेट के बाद BJP-कांग्रेस पार्षद कर रहे हनुमान चालीसा का पाठ

जयपुर नगर निगम ग्रेटर में मेयर पद पर वोटिंग के लिए अब केवल कुछ घंटे बचे हैं. नगर निगम ग्रेटर महापौर चुनाव के लिए अलग-अलग होटल-रिसोर्ट में की गई बाड़ाबंदी की है. भाजपा की बाड़ाबंदी में सुंदरकांड के पाठ तो कांग्रेस की बाड़ाबंदी में जयश्रीराम के जयकारे, भारत माता की जय और हनुमान चालीसा की चौपाइयों की गूंज सुनाई दे रही है.

जयपुर मेयर चुनाव: स्वीमिंग पूल में अठखेलियां, अंताक्षरी-क्रिकेट के बाद BJP-कांग्रेस पार्षद कर रहे हनुमान चालीसा का पाठ

Jaipur: जयपुर नगर निगम ग्रेटर में मेयर पद पर वोटिंग के लिए अब केवल कुछ घंटे बचे हैं. ऐसे में दोनों ही पार्टियों के पार्षद अपने-अपने उम्मीदवार की जीत के लिए भगवान की शरण में जाकर उनका स्मरण करने लग गए हैं. चौंमू पैलेस में मौजूद भाजपा के पार्षदों ने रामधुनी कर सुंदरकांड के पाठ का पाठ किया, तो दूसरी कांग्रेस के पार्षद ने आज सुबह हनुमान चालीसा का पाठ करके अपने प्रत्याशी का बेड़ा पार लगाने की मनोकामना की.

ये तस्वीरें नगर निगम ग्रेटर महापौर चुनाव के लिए अलग-अलग होटल-रिसोर्ट में की गई बाड़ाबंदी की है. स्वीमिंग पुल में डुबकी, क्रिकेट की मौज-मस्ती के बाद पार्षदों ने अपनी दिनचर्या में बदलाव कर दिया है. 10 नवंबर को नगर निगम ग्रेटर महापौर की कुर्सी पर कौन बैठेगा, उससे पर्दा हट जाएगा. दोनों दलों की बाड़ाबंदी में अब प्रत्याशी और उनकी पार्टी के पार्षद प्रभु का गुणगान कर बेड़ा पार लगाने की मनोकामना करते हुए नजर आ रहे हैं.

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भाजपा की बाड़ाबंदी में सुंदरकांड के पाठ तो कांग्रेस की बाड़ाबंदी में जयश्रीराम के जयकारे, भारत माता की जय और हनुमान चालीसा की चौपाइयों की गूंज सुनाई दे रही है क्योंकि सुंदरकांड और हनुमानचालीसा की हर चौपाई जीवन के हर क्षेत्र मे सफलता देने वाली है. भगवान राम के प्रिय भक्त हनुमान जी को अष्ट सिद्धि और नौ निधि के दाता के रूप में जाना जाता है. गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित हनुमान चालीसा, वीर हनुमान को प्रसन्न करने के लिए सबसे सरल और शक्तिशाली स्तुति है. इसकी हर चौपाई अलग अलग रूप से शक्तिशाली है. जीवन की हर समस्या का समाधान हनुमान चालीसा द्वारा किया जा सकता है. भाजपा की ओर से किसी अनिष्ट की आशंका को टालने के लिए पार्षदों की मौजूदगी में सुंदरकांड के पाठ का भी आयोजन रखा गया. भाजपा नेताओं का मानना है कि इसके पीछे मकसद सिर्फ एक है कि सुंदरकांड के पाठ मन को शांत चित और लक्ष्य की प्राप्ति में फलदाई साबित होता है. इसलिए बाड़ाबंदी में मौजूद पार्षद पूरी तरह भगवान की भक्ति में रमे रहे और संकल्पित रहे.

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दो दिन तक स्वीमिंग पूल में अठखेलियां करने, अंताक्षरी, क्रिकेट जैसे खेल खेलकर अपना समय बिताने वाले पार्षदों की दिनचर्या में अब बदलाव आ गया है. अब वो दिन की शुरूआत पूल में न करके योग और भगवान की भक्ति के साथ कर रहे हैं. कांग्रेस के पार्षद जो दो दिन से लगातार होटल में मौज-मस्ती कर रहे हैं. उन्होंने आज सुबह योगासान के बाद हनुमान चालीसा का पाठ किया. इधर भाजपा के पार्षदों ने सत्संग के साथ सुंदरकांड का पाठ किया. 

बीजेपी के लिए राहत के आंकड़े
चुनावी समीकरण देखें तो भाजपा के राहत की बात ये है कि लगभग सभी पार्षद अब बाड़ेबंदी में पहुंच चुके हैं. ऐसे में भाजपा प्रत्याशी का जीतना लगभग तय माना जा रहा है, क्योंकि भाजपा के पास बहुमत से ज्यादा वोट है. जीत के लिए प्रत्याशी को 146 में से 74 वोट चाहिए जबकि भाजपा के पास पार्षदों की संख्या 93 है.

सूत्रों के मुताबिक, बाड़ेबंदी में अब बीजेपी के ही कुछ पार्षद मेयर बदलने के साथ ही संचालन समितियों में भी बदलाव की मांग उठाने लगे हैं. वे चाहते है जो पहले से चैयरमेन बने हुए हैं, उन्हें बदला जाए. ये बात तत्कालीन मेयर सौम्या गुर्जर के समय भी उठी थी. तब सौम्या ने एक प्रस्ताव भी तैयार किया था, लेकिन बाद में संगठन के दबाव के चलते उस प्रस्ताव को डम्प कर दिया था लेकिन अब पार्षदों ने वापस मांग उठाई है. पार्षदों की इस मांग पर शहर बीजेपी के पदाधिकारी भी समर्थन कर रहे हैं. मेयर पद के लिए 10 नवंबर को वोटिंग होगी, जो नगर निगम ग्रेटर मुख्यालय में होगी. इस चुनाव में 146 वोट डाले जाएंगे. वोटिंग सुबह 10 से दोपहर 2 बजे तक होगी और वोटिंग खत्म होने के बाद उनकी काउंटिंग होगी और रिजल्ट जारी किया जाएगा.

बहरहाल, भक्ति से वशीभूत भक्त ही भगवान के हृदय पर राज करते हैं. भगवान केवल मात्र भक्तों के प्रेम और भक्ति के नाते को ही मानते हैं. भक्त वही है, जो निष्काम कर्म करता है. भक्ति के बिना मनुष्य का जीवन वैसा ही है, जैसे बिना पानी के बादल. प्रभु भक्ति से मनुष्य का मन निर्मल होता है. भक्ति में लीन रहने वाले भक्त के सभी दुख प्रभु हर लेते हैं. भगवान की सदा दीनों पर कृपा रहती है, तभी उन्हें दीनानाथ कहा जाता है. सुदामा धन से भले ही दरिद्र रहे, लेकिन उनके मन में भक्ति भाव का अभाव कभी नहीं रहा. यही वजह है कि वे प्रभु की कृपा के पात्र बने, इसलिए जो प्रभु स्मरण मन से करेगा उसका जरूर बेड़ा पार लगेगा.

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