यहां पति-पत्नी नहीं सोते हैं साथ, अलग- अलग कमरों में रहते पूरी रात
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यहां पति-पत्नी नहीं सोते हैं साथ, अलग- अलग कमरों में रहते पूरी रात

अगर आपका जीवनसाथी आपसे कहे कि उसे रात को अलग कमरे में सोना है तो आप सोचगे कि वो अब आपसे प्यार करता या करती नहीं है, लेकिन आज हम आपको एक ऐसी जगह के बारे में बताने जा रहे है, जहां पति-पत्नी प्यार होने के बावजूद भी अलग ही सोते हैं. 

यहां पति-पत्नी नहीं सोते हैं साथ, अलग- अलग कमरों में रहते पूरी रात

Bizzare News: भारत में प्यार की आखिरी मंजिल को शादी कहा जाता है. शादी के बाद कपल साथ रहते है, इससे उनकी लाइफस्टाइल काफी बदल जाती हैं. वह एक साथ रहते, खाते  और सोते हैं और उन्हें अब पूरी जिंदगी एक कमरे में ही साथ रहना होता है. इंडिया में शादी इसे ही कहा जाता है. वहीं, अगर पति-पत्नी दोनों अलग-अलग  कमरे में सोने लगे, तो मान लिया जाता है कि दोनों के बीच लड़ाई-झगड़ा चल रहा है, लेकिन आज हम आपको एक ऐसी जगह के बारे में बचाएंगे, जहां पूरी जिंदगी पति-पत्नी अलग-अलग  कमरों में सोते हैं, ये सुनकर थोड़ा अजीब लग रहा होगा, लेकिन यह सच है.

जापान में शादी के बाद भी पति-पत्नी अलग-अलग कमरों में सोते हैं. इसे सुन आप यह कहे कि वो जापान में कपल  एक-दूसरे से प्यार नहीं करते तो यह बात गलत होगी क्योंकि आपस में प्यार होने के बावजूद ये लोग अलग ही सोते हैं. इसका मतलब यह नहीं है कि उनका रिश्ता कमजोर होता है. दरअसल, अपने रिश्ते को और मजबूत करने के लिए यहां  कपल ऐसा करते हैं, जिसके तीन मुख्य कारण हैं. 

जानिए यहां पति-पत्नी क्यों सोते हैं अलग 

जापान में पति-पत्नी एक-दूसरे की अच्छी नींद के लिए ऐसा करते हैं. जैसे अगर दोनों में से पहले किसी को जल्दी उठना हो तो दूसरे की नींद खराब ना हो और ना ही वो खराब करेगा. ऐसे में दोनों एक-दूसरे को पूरी नींद लेने का वक्त देते हैं. उन्हें पता है कि अच्छी नींद मेन्टल और फिजिकल सेहत के लिए बहुत जरूरी है. इस वजह से ये कपल साथ नहीं सोते हैं. 

जापान में पति-पत्नी के अलग सोने को क्वालिटी स्लीप से जोड़ा जाता है. चाहे पूरी दुनिया कहती हो कि अलग सोने से कपल के बीच प्यार नहीं है, लेकिन वो लोग नींद की कद्र करते हैं. वे लोग नहीं चाहते की एक-दूसरे की वजह से किसी की भी नींद खराब हो. इसी वजह से वो लोग अलग सोते हैं. 

जापान में माता-पिता में से बच्चे रात में मां के साथ सोते हैं. इसके लिए कहा जाता है कि मां के साथ सोने से ही अचानक मौत होने वाले रिस्क को कम किया जा सकता है और मां के साथ सोने से बच्चे की दिल की धड़कन बारबर चलती रहती है. वहीं, पिता इस बात का खुद फैसला करता है कि वो मां-बच्चे के साथ सोएगा या फिर अलग. बस पति-पत्नी दोनों को  इस बात का बराबर ध्यान रखना होता कि किसी की भी नींद खराब नहीं होनी चाहिए. 

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