BJP के हंगामे के बीच विधानसभा सत्र शुरु, जानिए लगातार सदन स्थगित क्यों करना पड़ा ?
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BJP के हंगामे के बीच विधानसभा सत्र शुरु, जानिए लगातार सदन स्थगित क्यों करना पड़ा ?

 बीजेपी विधायक सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले ही बिना सत्रावसान के सदन की बैठक बुलाए जाने के विरोध में विधानसभा अध्यक्ष के चैंबर में पहुंच गये, यहां नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया और उप नेता राजेंद्र राठौड़ की अगुवाई में धरना शुरू कर दिया.

BJP के हंगामे के बीच विधानसभा सत्र शुरु, जानिए लगातार सदन स्थगित क्यों करना पड़ा ?

Jaipur: 15वीं विधानसभा के 7वें सत्र के दूसरे चरण का आज आगाज हुआ. बीजेपी के हंगामे के बीच शुरू हुई विधानसभा की कार्यवाही दो बार स्थगित करनी पड़ी, बिना सत्रावसान के सदन की बैठक बुलाए जाने के विरोध में बीजेपी विधायकों ने सदन की कार्यवाही से पहले विधानसभा अध्यक्ष के चैंबर में धरना दिया और सदन शुरू होने के बाद सदन की वेल में सदन की बैठक बुलाने और लंपी स्किन डिजिज को लेकर सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए, इस दौरान बीजेपी विधायक वेल में धरने पर भी बैठे. हालांकि सदन में विरोध की शुरुआत आरएलपी विधायकों ने की थी. उधर बीजेपी के आरोपों पर सीएम अशोक गहलोत ने पलटवार करते हुए कहा कि बीजेपी को ये धरना यहां नहीं देकर दिल्ली में देना चाहिए.

दरअसल बीजेपी विधायक सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले ही बिना सत्रावसान के सदन की बैठक बुलाए जाने के विरोध में विधानसभा अध्यक्ष के चैंबर में पहुंच गये, यहां नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया और उप नेता राजेंद्र राठौड़ की अगुवाई में धरना शुरू कर दिया. इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष डाॅ. सीपी जोशी ने परम्पराओं का हवाला देते हुए कहा कि आप सदन के बाहर या सदन में अपना विरोध प्रकट कर सकते हो, यहां नहीं,, इसके बाद बीजेपी विधायक वहां से सदन में पहुंचे, जहां सदन की कार्यवाही शुरू होते ही उन्होनें बिना सत्रावसान के सदन की बैठक बुलाने और लंपी स्किन डिजिज को लेकर सरकार की कार्यप्रणाली के विरोध में हंगामा खड़ा कर दिया.

कई विधायक इस दौरान वेल में जाकर तख्तियां लहराते हुए धरने पर बैठ गये, बढ़ता हंगामा देकर सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी, कुछ देर बाद फिर शुरू हुुई कार्यवाही को हंगामे के बीच फिर रोकना पड़ा, ऐसे में सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित हुई. नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया, उपनेता राजेंद्र राठौड़ और बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने सत्रावसान के बिना सदन की बैठक बुलाए जाने के तरीके पर सवाल उठाते हुए इसे विधायकों के अधिकारों का हनन बताया.

बीजेपी के हंगामे पर मुख्यमंत्री गहलोत ने पलटवार करते हुए कहा कि लगातार विधानसभा स्थगित करने की नौबत क्यों आई? गहलोत ने कहा कि भाजपा ने सरकारों को गिराने का नया माॅडल बनाया है, कई राज्यों में सरकारें गिराई गई, अरूणाचल, मध्यप्रदेश और कर्नाटक में सरकारें गिराई गई, अब झारखंड में प्रयास किया जा रहा है, गहलोत ने कहा कि पिछली बार राज्यपाल को बीजेपी के लोगों ने विधानसभा का सत्र नहीं बुलाने के लिए मजबूर किया, कैबिनेट प्रस्ताव के बाद सदन नहीं बुलाया गया, तब कई आॅडिटोरियल तक लिखे गये, सीएम गहलोत ने कहा कि लंपी स्किन डिजिज को राष्ट्रीय महामारी घोषित करने के लिए बीजेपी को दिल्ली में धरना देना चाहिए.

विपक्ष के हंगामें के बीच दो महत्वपूर्ण विधेयक पुन स्थापित किये गये, पहला संशोधन विधेयक 2022 विधानसभा सदस्यों और अधिकारियों की पेंशन और परिलाभ का जुड़ा जिसे पुन स्थापित किया गया, जबकि दूसरा महत्वपूर्ण संशोधन विधेयक राजस्थान सहकारी सोसाइटी संशोधन विधेयक 2022 भी था, जिसे पुन स्थापित किया, इसके अलावा कुछ अन्य संशोधन विधेयक भी सदन में पुन स्थापित किये गये, इसके बाद सदन में शोकाभिव्यक्ति हुई, लोकसभा के पूर्व सदस्य थान सिंज जाटव, राज. विधानसभा सदस्य स्वर्गीय इंदिरा मायाराम सहित अन्य स्वर्गीय नेताओं को दो मिनट का मौन रखकर श्रद्वांजलि दी गई, इसके बाद सदन की कार्यवाही मंगलवार सुबह 11.00 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई, विधानसभा सत्र को लेकर पक्ष-विपक्ष के सदस्यों ने एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप जड़े

बहरहाल सदन में मंगलवार को भी हंगामा जारी रह सकता है, क्योकि बीजेपी लंपी स्किन डिजिज से लेकर कानून व्यवस्था और बेरोजगारी पर सरकार को घेरने की रणनीति बना चुकी है. मंगलवार को सदन में लंपी बीमारी पर विशेष चर्चा होना तय दिख रहा है.

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