Aghori : जिंदा हो या मुर्दा दोनों संबंध बनाते हैं अघोरी, नहीं करते ब्रह्मचर्य का पालन
Advertisement
trendingNow1/india/rajasthan/rajasthan1584627

Aghori : जिंदा हो या मुर्दा दोनों संबंध बनाते हैं अघोरी, नहीं करते ब्रह्मचर्य का पालन

अघोरी(Aghori), ये शब्द सुनते ही दिमाग में जो तस्वीर आती है, वो है एक साधु की जो शरीर पर भभूत लगाए और गले में नरमुंड की माला पहने खड़ा हो. श्मशान में रहने वाले ये अघोरी ना सिर्फ इंसान का कच्चा मांस खाते हैं बल्कि जिंदा हो या मुर्दा दोनों के साथ संबंध भी बनाते हैं. 

 

Aghori : जिंदा हो या मुर्दा दोनों संबंध बनाते हैं अघोरी, नहीं करते ब्रह्मचर्य का पालन

Aghori :अघोरी शिव उपासक हैं और वीभत्स में ही ईश्वर के प्रति समर्पण मानते हैं. अघोरी मानते हैं कि अगर शव के साथ संबंध बनाते समय भी ईश्वर भक्ति में मन हो तो इससे बढ़कर साधना क्या होगी. माना जाता है कि शव ही नहीं अघोरी जीवित के साथ भी संबंध बनाते हैं.

अघोरी संबंध बनाते समय शव पर राख डालकर ढोल नगाड़े और मंत्रों  के बीच इस क्रिया को करते हैं और इसे साधना का ही हिस्सा मानते हैं. अघोरी जीवित महिला के साथ संबंध तब बनाते हैं जब  वो उसके मासिक धर्म चल रहे हों. ऐसा करने पर इनकी शक्ति बढ़ती है. ये लोग ब्रह्मचर्य का पालन नहीं करते हैं. 

खुद को भगवान शिव का उपासक बनाने वाले अघोरी के पास एक नरमुंड यानि की खोपड़ी जरूर होती है. जिसे वो भोजन के पात्र की तरह इस्तेमाल करते हैं. जिसे कापालिक भी कहा जाता है. कहते हैं कि शिव जी ने ब्रह्मा का सिर काट कर पूरे ब्रम्हांड के चक्कर लगाये थे.

अघोरी, शिव जी के इसी स्वरूप की आराधना करते हैं. अघोरी अपने पास एक कुत्ता पाले रखते हैं. इंसान का कच्चा मांस खाने वाले अघोरी. श्मशान से अधजले शवों का भोजन करते हैं. ऐसा करने पर अघोरी की तंत्र साधना की शक्ति प्रबल होती है. 

माना जाता है कि एक सच्चा अघोरी जो बोले वो सच हो जाता है. आमतौर पर अघोरी किसी से बात नहीं करते और साधना में ही लीन रहते है. याद रखें कुंभ के दौरान कुछ नकली अघोरी भी घूमते दिखते हैं जो खुद को सच्चा अघोरी बताकर लोगों को लूटते हैं. 

Trending news