Jaipur News: जयपुर में पांच व छ: नवम्बर को कला, साहित्य और विचारों का महाकुम्भ होने जा रहा है. इस दो दिवसीय सम्मेलन में ज्ञान व्यापी में शिवलिंग, वीर सावरकर की भूमिका, धारा 370 से लेकर लोकतंत्र, भारत के वर्तमान, भविष्य और इतिहास सहित मुद्दों पर वैचारिक मंथन किया जाएगा. सम्मेलन में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कई साहित्यकार, विचारक, आलोचक, विषय विशेषज्ञ, विश्लेषक, टिप्पणीकार इन महत्वपूर्ण विषयों पर संवाद करेंगे.
आजादी के अमृत महोत्सव के तहत 5 नवम्बर को गुलाबी नगरी में जयपुर डायलॉग की ओर से दो दिवसीय साहित्य सम्मेलन शुरू होगा. होटल क्लार्क्स में आयोजित होने वाले इस साहित्य सम्मेलन में देश के वर्तमान ज्वलंत मुद्दों पर चर्चा कर निष्कर्ष निकाला जाएगा. जयपुर डायलॉग फोरम के चैयरमेन पूर्व आईएएस संजय दीक्षित ने मीडिया को बताया कि दो दिन तक चलने वाले इस साहत्यिक सम्मेलन में कुल 12 सत्र होंगे. उदघाटन सत्र में भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी मुख्य वक्ता होंगे. क्या सभी धर्म समान है विषय पर अम्बर जैदी, संजय दीक्षित की चर्चा रहेगी. इसके बाद भारत के भूतपूर्व, वर्तमान और भविष्य पर आमेंद्र आर, रघु हरि डालमिया मंथन होगा.
सम्मेलन के पहले दिन ही गुरु प्रकाश, अजय चारूंग, सुशील पंडित जम्मू कश्मीर में धारा 370 के असर और वर्तमान हालात पर चर्चा करेंगे. इसके बाद लोकतंत्र और वोटों की खरीददारी के मुद्दे पर मंथन किया जाएगा. संजय दीक्षित ने बताया कि दूसरे दिन साहित्यकार विष्णु जैन, आनंद रंगनाथन, विष्णु जैन आदि सिविलाइजेशन विरोध का मुद्दों क्यों विषय पर चर्चा करेंगे. एडवोकेट विष्णु जैन ने ज्ञान व्यापी वाले मसले पर कोर्ट में पैरवी की थी. भारत में इस्लामिक शासन को लेकर मीनाक्षी जैन, संदीप बालकृष्णा, अब्बास आदि विचार व्यक्त करेंगे.
वर्ष 2024 में राजनीतिक परिदृश्य पर भी मंथन
सम्मेलन के दूसरे दिन एक सत्र में अगले लोकसभा चुनावों को लेकर भी चर्चा की जाएगी. इसको पॉलिटिकल सीनेरियो इन 2024 विषय पर चर्चा की जाएगी. इसमें वर्ष 2024 अर्थात राजनीतिक दृश्य क्या होगा, किसके हाथ लॉटरी लगेगी. देश में इस्लामिक कानूनों भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के विषय पर भी चर्चा होगी. देश में ढाई मोर्चों पर युद्ध की संभावना है, क्या इन तैयारियों से संतुष्ट हैँ क्या विषय पर मंथन होगा.
इधर, जयपुर डायलॉग अध्यक्ष सुनील कोठारी ने कहा कि साहित्यक विचारों का मंथन होगा, जिसमें अमृत और विष आदि सभी तरह के विचारों का मंथन होगा. अमृत का विचार लेकर आगे बढ़ेंगे, वहीं विष का पक्ष जानकर सतर्कता बरतेंगे. जयपुर डायलॉग में सात सालों में वैचारिक मंथन में अपना स्थान बनाया है.