Annakoot Festival : खोले के हनुमान जी मंदिर में 63वां लक्खी अन्नकूट महोत्सव, करीब 2 लाख लोगों ने हनुमान जी के दर्शन कर लिया आशीर्वाद
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Annakoot Festival : खोले के हनुमान जी मंदिर में 63वां लक्खी अन्नकूट महोत्सव, करीब 2 लाख लोगों ने हनुमान जी के दर्शन कर लिया आशीर्वाद

63rd Lakhi Annakoot Festival : छोटी काशी जयपुर में आज विशाल अन्नकूट महोत्सव का आयोजन हुआ. खोल के हनुमान जी मंदिर में 63वां विशाल अन्नकूट महोत्सव आयोजित किया गया.

विशाल अन्नकूट महोत्सव.

63rd Lakhi Annakoot Festival : छोटी काशी जयपुर में आज विशाल अन्नकूट महोत्सव का आयोजन किया गया. श्री नरवर आश्रम सेवा समिति की ओर से खोल के हनुमान जी मंदिर में 63वां विशाल अन्नकूट महोत्सव आयोजित किया गया.

अन्नकूट महोत्सव की तैयारी बुधवार से ही मंदिर प्रशासन की ओर से शुरू कर दी गई जो आज दिन तक जारी रही. आज मंदिर परिसर में लगभग पौने दो लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने पंगद प्रसादी किया.

 करीब दो लाख श्रद्धालुओं ने पंगद प्रसादी की

अन्नकूट महोत्सव के दौरान जयपुर शहर और आसपास के गांव के लोग प्रसादी ग्रहण करने के लिए मंदिर पहुंचे. इस दौरान गंगा जमुनी तहजीब भी देखने को मिली. धर्म एवं जाति भेदभाव रहित व्यवस्था के कारण ही अन्नकूट का यह आयोजन जयपुर ही नहीं पूरे राजस्थान में एक मिसाल माना जाता है. सांप्रदायिक सौहार्द का वातावरण बना रहे, इसके लिए मंदिर प्रशासन द्वारा इसके लिए मंदिर के पास स्थित हड्डी शाह बाबा की मजार पर चादर चढ़ाई.

विशाल अन्नकूट महोत्सव का आयोजन

इसी के साथ मंदिर का प्रसाद भी मजार में पर भेजा और इस मंदिर के आसपास के सभी मंदिरों में छप्पन भोग और अन्नकूट प्रसादी भेजी गई. श्रीनरवर आश्रम सेवा समिति (प्रन्यास) के महामंत्री बीएम शर्मा ने बताया आज खोले के हनुमानजी मंदिर में होने वाले 63वें अन्नकूट समारोह में 1.75 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के पंगत प्रसादी में आने की उम्मीद है.

हनुमान जी को चांदी के वस्त्र पहनाए गए

ब्रह्मलीन बाबा राधेलाल चौबे की स्थापित परंपराओं के अनुसार छोटे-बड़े और अधिकारी कर्मचारी, राजनेता सभी एक ही पंगत में बैठकर प्रसादी ग्रहण करते है. इस बार मंदिर में परंपरागत झांकियों के साथ द्वादश ज्योतिर्लिंग बर्फ की झांकी आकर्षण का केंद्र रही. सुबह हनुमान जी महाराज का अभिषेक होने के बाद श्रृंगार किया गया. 12:30 बजे राजभोग की झांकी सजाई, जिसमें जयपुर शहर के सभी संत महंत भाग लिया. हनुमान जी को चांदी के वस्त्र पहनाए गए और चांदी की गदा और मुकुट भी हनुमान जी को धारण करवाया गया. कार्यक्रम की शुरुआत महा आरती से की गई.

अन्नकूट बनाने के लिए 41भट्टियां, 350 से अधिक खाना बनाने वाले कारीगर, 4 हजार 500 वॉलिंटियर्स परोसदारी के लिए मौजूद रहेंगे. मंडी से सब्जियों को लाया गया है, उनकी सफाई करी गई. कल रात 10:30 बजे से अन्नकूट प्रसादी बनना शुरू हो गया था जो आज भी जारी रहा. अन्नकूट के साथ-साथ छप्पन भोग बनाने का काम बुधवार से शुरू हो गया था, जो अभी भी चला है.

छप्पन भोग के लिए कई टन सामाग्री

छप्पन भोग के लिए 2 सौ किलो बेसन, 15 सौ किलो मैदा, 3 हजार किलो शक्कर, 5 सौ किलो आटा, 5 सौ किलो बूरा शक्कर, 150 देसी घी के पीपे, 300 तेल के पीपे का प्रयोग 56 भोग के पकवान बनाने के लिए किया गया है. वही अन्नकूट प्रसादी के लिए 50 क्विंटल चावल, 40 क्विंटल मूंग, छोले 40 क्विंटल, बाजरा 40 क्विंटल, सूजी 50 क्विंटल, 60 क्विंटल शक्कर, 60 क्विंटल दही, 60 क्विंटल बेसन, 50 देसी घी के पीपे, 200 पीपे तेल के, 10 क्विंटल से अधिक मसाले प्रयोग में लिए जाएंगे.

मौसम की हरी सब्जियां कई टन मंगवाई गई है. अन्नकूट प्रसादी में मूंग, बाजरा, छोले,सूजी का हलवा, बेसन के भुजिया, सभी प्रकार की सब्जी, कड़ी की प्रसादी भक्तों को करवाई. पत्तल दोनों में प्रसादी भक्तों को ग्रहण करवाई गई। इसी के साथ ही टाट पट्टी पर बेठकर जयपुर शहर के आमजन प्रसादी का आनंद लिया.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा चलाया गया मिलेट्स यानी मोटा अनाज अभियान साकार होता हुआ नजर आ रहा है. मिलेट्स पारंपरिक तरीके से वर्षों से हमारे भोजन का हिस्सा रहा है, लेकिन आमजन पश्चिमी सभ्यता को अपनाते हुए फास्ट फूड की ओर अग्रसर हो रहा है.

ऐसे अन्नकूट प्रसादी कार्यक्रम आयोजित करने से वापस एक बार मोटे अनाज की ओर युवाओं का आकर्षित होना अच्छी बात है. इस तरह के कार्यक्रम आयोजित करने से मोटे अनाज को और अधिक बढ़ावा मिलेगा और मोटा अनाज खाने से व्यक्ति का स्वास्थ्य भी ठीक रहेगा.

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