राजस्थान सरकार आम नागरिक को सुविधा देने के लिए तकनीक को सहयोगी मान रही है. इसमें इंटरनेट सेवा फैलता हुआ जाल भी मददगार है. 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी 26 जुलाई से होने जा रही है, ऐसे में आने वाले दिनों में इंटरनेट स्पीड 1000 एमबीपीएस होने की संभावना है.
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Jaipur: राजस्थान सरकार आम नागरिक को सुविधा देने के लिए तकनीक को सहयोगी मान रही है. इसमें इंटरनेट सेवा फैलता हुआ जाल भी मददगार है. 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी 26 जुलाई से होने जा रही है, ऐसे में आने वाले दिनों में इंटरनेट स्पीड 1000 एमबीपीएस होने की संभावना है.
बात चाहे डायरेक्ट बेनेफिट स्कीम्स की हो या फिर ई मित्र सेवाओं की, पंचायत से सीधे जिला मुख्यालय का जुड़ाव भी अब तकनीक की मदद से संभव है. इसकी स्पीड बढ़ाने का काम अब फाइव जी के जिम्मे होगा. सरकारी तंत्र के अलावा कॉपोरेट सेक्टर भी फाइव जी के बाद अहम बदलाव आने की संभावना लिए हुए है.
ऑल इंडिया मोबाइल रिटेलर्स एसोसिएशन के राष्ट्रीय महासचिव नवनीत पाठक का कहना है कि टेलिकॉम ऑपरेटर्स इसी वित्त वर्ष के दौरान देश में 5जी मोबाइल सेवाएं शुरू कर सकते है. राजस्थान भी इसके लिए तैयार है. माना जा रहा है कि 5जी की स्पीड 4जी से 10 गुना ज्यादा है. 5जी आने के बाद ऑटोमेशन बढ़ जाएगा, अभी तक जो चीजें बड़े शहरों तक सीमित है वे गांव-गांव तक पहुंचेगी. राजस्थान सरकार और प्रदेश के नागरिकों को भी 5जी उम्मीदों भरा लग रहा है.
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मोबाइल हैंडसेट विक्रेता हरनाम सिंह का कहना है कि एक तरफ मोबाइल हैंडसेट निर्माता 5जी हैंडसेट बिक्री में संभावनाएं देख रहे है. वहीं प्रदेश सरकार ई-गवर्नेंस विस्तार की ओर नजर लगाए हुए है. कॉपोरेट सेक्टर वर्क कल्चर में बदलाव के तौर पर भी इन सेवाओं को देख रहा है. वहीं आईटी और निर्यातक कारोबारी देश-दुनिया से संपर्क बेहतर होने की आस लगाए हुए है.
5जी का बेसब्री से इंतजार कर रहे लोगों के लिए अच्छी खबर है. केंद्र सरकार का कहना है कि टेलिकॉम ऑपरेटर्स इसी वित्त वर्ष के दौरान देश में 5जी मोबाइल सेवाएं शुरू कर सकते है. 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी 26 जुलाई से शुरू हो रही है. डिपार्टमेंट ऑफ टेलिकॉम का कहना है कि 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी के लिए उसे चार कंपनियों से आवेदन मिले हैं. इसमें अडानी डेटा नेटवर्क्स लिमिटेड, रिलायंस जियो इन्फोकॉम, वोडाफोन आइडिया और भारती एयरटेल लिमिटेड शामिल हैं.
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने जून में देश में 5जी दूरसंचार सेवाओं के लिए स्पेक्ट्रम नीलामी को मंजूरी दे दी थी. हैड, ई कॉमर्स सेल्स, सैमसंग इंडिया वरूण सचदेवा का कहना है कि भारत में फाइव जी सुविधा अब चंद कदमों की दूरी पर है. मोबाइल हैंडसेट निर्माता कंपनियों ने अपने नए हैंडसेट फाइव जी तकनीक के आधार पर ही डिजाइन और लांच करने शुरू कर दिए है. चालू वित्त वर्ष में भी अधिकतर मोबाइल हैंडसेट की बिक्री फाइव जी सेगमेंट में रही है. नई तकनीक इंडस्ट्री को बढ़ावा देने में मदद करेगी.
माना जा रहा है कि 5जी के आने के बाद मोबाइल टेलिफोन की दुनिया पूरी तरह बदल जाएगी. 5जी की स्पीड 4जी से 10 गुना ज्यादा है. इंटरनेट ऑफ थिंग्स और औद्योगिक आईओटी और रोबोटिक्स की तकनीक को नए पंख लगेंगे. इससे देश की इकॉनमी को फायदा होगा और ई-गवर्नेंस का विस्तार होगा. इससे कारोबार, शिक्षा, हेल्थ और एग्रीकल्चर जैसे सेक्टर्स में क्रांति आ सकती है. 4जी नेटवर्क पर जहां औसतन इंटरनेट स्पीड 4 5एमबीपीएस होती है लेकिन 5जी नेटवर्क पर यह बढ़कर 1000 एमबीपीएस तक पहुंच जाएगी.
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