मानसून की विदाई से पहले 56% डैम फुल, लेकिन इस वजह से 15% बांधों में एक बूंद भी पानी नहीं, आंकड़ों से जानिए पूरा मामला
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मानसून की विदाई से पहले 56% डैम फुल, लेकिन इस वजह से 15% बांधों में एक बूंद भी पानी नहीं, आंकड़ों से जानिए पूरा मामला

Rajasthan news: मानसून की विदाई से पहले 56% डैम फुल हैं, लेकिन 15% बांधों में एक बूंद भी पानी नहीं है. आंकड़ों से जानिए क्या है ये पूरा मामला?

मानसून की विदाई से पहले 56% डैम फुल, लेकिन इस वजह से 15% बांधों में एक बूंद भी पानी नहीं, आंकड़ों से जानिए पूरा मामला

Rajasthan News: राजस्थान में मूसलाधार बारिश से मानसून की विदाई से पहले 56% डैम फुल हो चुके हैं,लेकिन इसके बावजूद राज्य में 15 प्रतिशत बांधों में एक बूंद भी पानी नहीं है.इसका सबसे बड़ा कारण है अतिक्रमण. यदि आज ये बांध अतिक्रमण की भेंट नहीं चढ़ते तो आज इन बांधों में भी भरपूर पानी होता.

बांधों की अलग अलग तस्वीर-

राजस्थान में 'बादल तोड़' बारिश के बाद भले ही 394 बांध लबालब हो गए.जिसके बाद इन बांधों में चादर भी चली, लेकिन 106 बांध तो ऐसे है जिनमें एक बूंद भी पानी नहीं है. राजस्थान के प्रमुख 22 बांधों में 93 प्रतिशत पानी की मात्रा दर्ज की गई है,लेकिन इन्हीं प्रमुख बांधों में से 3 बांध ऐसे है जो बिल्कुल खाली है.

जबकि इस बार तो औसत से 60 प्रतिशत से ज्यादा बारिश हुई,लेकिन इसके बावजूद राजस्थान के 15 प्रतिशत बांध खाली रह गए .इसकी सबसे बड़ी वजह है अतिक्रमण.नदियों,बहाव क्षेत्रों में अतिक्रमण के कारण इन बांधों में पानी नहीं आ गया.जिस कारण ये बांध सालों से आज भी खाली है.

प्रमुख बांधों की भी वहीं तस्वीर-

जयपुर के रामगढ़ बांध में तो कभी एशियन्स गेम्स के तहत नौकायन प्रतियोगिता भी हुई थी,लेकिन आज ये रामगढ़ बांध वीरान हो चुकी है. हालांकि ERCP के जरिए इस बांध में पानी लाने का काम किया जाएगा, लेकिन अबकी बार जो बारिश हुई उसका लाभ नहीं मिल पाया. 22 प्रमुख बांधों में 15 बांध लबालब है,लेकिन 3 बांध जिसमें रामगढ़,सीकरी,कालख सागर बांध में एक बूंद भी पानी नहीं आया.

मरुधरों के बांधों का ताजा हाल-

बांध..........खाली......आंशिक भरे.....पूरे भरे
बडे 283.... 34 ...... 77 ......... 172
छोटे 408.... 75........111 ..........222

कुल बांध 691...109.......188.......... 394

कैसे मुक्त होंगे अतिक्रमण से?

ऐसे में आने वाले समय में अतिक्रमण भी भेंट चढ़े बांधों को अतिक्रमण से मुक्त करना होगा,नहीं तो क्या पता कैचमेंट एरिया में अतिक्रमण की तस्वीर और बदल जाए.

 

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