बीसलपुर बांध से अब तक 16 साल का पानी बर्बाद, 16.60 करोड़ आबादी की बुझ सकती थी प्यास
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बीसलपुर बांध से अब तक 16 साल का पानी बर्बाद, 16.60 करोड़ आबादी की बुझ सकती थी प्यास

बनास नदी पर बीसलपुर बांध के ओवरफ्लो होने के बाद डाउनस्ट्रीम में छोडने वाले पानी को बचाने के लिए 90 किलोमीटर दूर ईसरदा बांध के निर्माण के लिए 2013 में योजना बनाई गई थी, लेकिन 9 साल बाद भी ईसरदा बांध का निर्माण नहीं हो पाया. अब जल संसाधन विभाग के चीफ इंजीनियर रवि सौलंकी दावा कर रहे हैं कि अगले साल 2023 तक ईसरदा बांध का निर्माण हो जाएगा.

बीसलपुर बांध से अब तक 16 साल का पानी बर्बाद, 16.60 करोड़ आबादी की बुझ सकती थी प्यास

Jaipur: बीसलपुर बांध के ओवरफ्लो होने के बाद लाखों लीटर पानी रोजाना बर्बाद हो रहा है. यदि ईसरदा बांध समय पर बना होता तो ये पानी बर्बाद नहीं होता. 

वैसे तो राजस्थान में पीने के पानी की देश में सबसे ज्यादा कमी है लेकिन बीसलपुर बांध से ओवरफ्लो होने के बाद तो ऐसा लगता है, जैसे सबसे ज्यादा पानी की बर्बादी भी यही हो रही है. जब-जब बांध ओवरफ्लो हुआ तब तब लाखों-करोड़ों लीटर पानी बनास नदी से होता हुआ बंगाल की खाड़ी में जाकर बर्बाद हो गया. 

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बनास नदी पर बीसलपुर बांध के ओवरफ्लो होने के बाद डाउनस्ट्रीम में छोडने वाले पानी को बचाने के लिए 90 किलोमीटर दूर ईसरदा बांध के निर्माण के लिए 2013 में योजना बनाई गई थी, लेकिन 9 साल बाद भी ईसरदा बांध का निर्माण नहीं हो पाया. अब जल संसाधन विभाग के चीफ इंजीनियर रवि सौलंकी दावा कर रहे हैं कि अगले साल 2023 तक ईसरदा बांध का निर्माण हो जाएगा.

8 बार बीसलपुर भर जाता, इतना पानी बर्बाद
वैसे तो ईसरदा बांध के निर्माण की योजना 2013 में बनी थी लेकिन बीसलपुर बांध से इससे पहले से ही पानी की बर्बादी हो रही है. बीसलपुर बांध से 2004 में 26 टीएमसी पानी छोडा गया,2006 में 43 टीएमसी, 2014 में 11 टीएमसी, 2016 में 135 टीएमसी, 2019 में 93 टीएमसी पानी पानी की बर्बादी हुई. इस साल 4 टीएमसी पानी बर्बाद हो चुका है. अब तक कुल 312 टीएमसी पानी की बर्बादी बीसलपुर बांध से हो चुकी है.

इतने पानी में बीसलपुर बांध करीब 9 बार भर जाता, इस पानी से जयपुर, अजमेर, दौसा, टोंक की 1 करोड़ 10 लाख की आबादी की 16 साल तक प्यास बुझ सकती थी यानि 16 करोड़ 60 लाख आबादी का पानी अब तक बीसलपुर बांध से बर्बाद हो चुका है. जलदाय विभाग के चीफ इंजीनियर मनीष बेनीवाल ने इसलिए कहा है कि बीसलपुर बांध को क्यों लाइफलाइन कहा जाता है.

ईसरदा से इन जिलों, गांवों की बुझेगी प्यास
ईसरदा बांध की भराव क्षमता 3.24 टीएमसी है. बांध से दौसा के 1097 गांव और 5 शहर, सवाईमाधोपुर के 177 गांव,1 शहर को पानी का पानी मिल सकेगा. दूसरे चरण में 10.77 टीएमसी पानी संग्रहित किया जाएगा. इस बांध के लिए 1856 करोड़ की अनुमानित लागत बताई गई है.

सिर्फ 45 फीसदी काम पूरा, अगले साल तक कैसे पूरा हो प्रोजेक्ट
जल संसाधन विभाग ईसरदा बांध के निर्माण में देरी का कारण बता रहा है कि वन पर्यावरण मंत्रालय द्धारा द्धितीय अंतिम भूमि प्रत्यावर्तन की स्वीकृति 2019 में मिली, इसके बाद में 2 साल तक कोरोना महामारी के बीच श्रमिकों का पलायन हो गया, जिस कारण समय पर बांध का निर्माण नहीं हो पाया. अब तक 45 फीसदी बांध का निर्माण कार्य हो गया है. विभाग का दावा है कि अक्टूबर 2023 तक बांध का निर्माण पूरा हो जाएगा लेकिन 9 सालों में बांध का 45 फीसदी निर्माण हुआ तो 1 साल में 55 प्रतिशत बांध का निर्माण कैसे होगा? इन आकंडों से साफ हो गया कि पीने की पानी को यदि समय रहते हुए बचाया जाए तो राजस्थान में पीने की पानी की कोई कमी नहीं रहेगी.

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