Hanumangarh: जहां एक ओर बेरोजगारी दूर करने के लिए सरकार शहरी रोजगार गारंटी योजना की शुरुआत कर रही है. वहीं हनुमानगढ़ प्रशासन लोगों को बेरोजगार बनाने को उतारू है.
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Hanumangarh: एक तरफ राज्य सरकार शहरी रोजगार गारंटी योजना की शुरुआत करके बेरोजगारों को रोजगार देने के दावे कर रही है, तो वहीं नगर परिषद की ओर से ही आवंटित कियोस्क को अतिक्रमत बता कर तोड़ने की कार्रवाई कर लोगों को बेरोजगार करने पर तुली है, यह आरोप आज सुबह हनुमानगढ़ जिला अस्पताल के आगे कियोस्क को तोड़ने की कार्रवाई के दौरान स्थानीय दुकानदार ने लगाए.
नगर परिषद हनुमानगढ़ ने आज टाउन के जिला अस्पताल के बाहर नगर परिषद की ओर से ही आवंटित 19 में से 16 कियोस्क को ध्वस्त कर दिया. भारी पुलिस जाब्ते के बीच पहुंची नगर परिषद की टीम ने पीला पंजा चलाया. नगर परिषद की ओर से 20 साल पहले रोजगार देने के उद्देश्य से 7×7 फीट के कियोस्क के लिए जगह आवंटित की गई थी. नगर परिषद ने 25 अगस्त को नोटिस जारी कर सभी कियोस्क 10 साल के लिए आवंटित बता आवंटन रद्द कर किए थे. जिस पर तीन कियोस्क धारियों ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया तो न्यायालय ने फौरी राहत देते हुए परिवादी को स्थगन आदेश जारी कर दिए.
जिसके बाद अधिकतर कियोस्क धारियों ने उच्च न्यायालय में गुहार तो लगा दी थी लेकिन सुनवाई होने से पहले ही आज नगरपरिषद दस्ते ने भारी पुलिस जाब्ते के साथ पहुंच कर जेसीबी की मदद से 16 दुकानों को तुड़वा दिया, तो वहीं उच्च न्यायालय से स्थगन आदेश प्राप्त 3 दुकानों को यथा स्थिति में छोड़ दिया गया. वहीं कियोस्क धारियों ने जिला प्रशासन और स्थानीय जन प्रतिनिधियों से भी गुहार लगाई थी लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो पाई.
भारी पुलिस जाब्ते के साथ आज सुबह नगर परिषद का दस्ता जिला अस्पताल के पास पहुंचा जिसकी सूचना मिलते ही कियोस्क धारियों में तनाव का माहौल पैदा हो गया आनन-फानन में कियोस्क धारियों ने इकट्ठा होकर नगर परिषद की कार्यवाई का विरोध करना शुरू कर दिया. इस दौरान महिलाएं बच्चे भी विरोध में शामिल दिखे. कई राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि भी मौके पर पहुंचे और नगर परिषद की कार्रवाई का विरोध किया. नेताओं और कियोस्क धारियों ने अधिकारियों और प्रशासनिक अधिकारियों से वार्ता कर नगर परिषद की कार्रवाई को 1 दिन टालने का प्रयास किया, लेकिन नगर परिषद के सहायक अभियंता वेदपाल गोदारा ने जिला कलेक्टर के आदेशों पर हो रही कार्रवाई का हवाला देते हुए कार्यवाही को टालने से साफ इनकार कर दिया. जिसके बाद कियोस्क धारियों ने अपनी दुकानों को सामान बाहर निकाल खाली कर कर दिया, जिसके बाद कियोस्कों के दोनों ओर से जेसीबी ने निर्मित दुकानों को तोड़ने का काम शुरू कर दिया. पीले पंजें की कार्रवाई शुरू होने पर लोगों ने आक्रोश जताना शुरू किया तो मौके पर मौजूद पुलिस जाब्ते सख्ती दिखाते हुए ने भाजपा नेता प्रदीप ऐरी और देवेंद्र पारीक सहित 4 लोगों को हिरासत में ले लिया.
नगर परिषद के सहायक अभियंता वेदपाल गोदारा का कहना है कि यह कियोस्क दुकानें 10 साल के लिए आवंटित की गई थी और आज 20 साल होने के बावजूद भी दुकानदारों ने इनको खाली नहीं किया, जिस कारण आज इनको ध्वस्त किया गया है. कुल 19 कियोस्क थे जिनमे से 3 के पास न्यायालय का स्थगन आदेश है, उनको छोड़ कर बाकि 16 दुकानों को ध्वस्त किया गया है.
इसी दौरान कुछ लोगों ने राज्य सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि एक ओर राज्य सरकार इंदिरा शहरी रोजगार गारंटी योजना शुरू कर बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध करवाने के प्रयास का दावा कर रही है तो वहीं दूसरी ओर मेहनत मजदूरी कर रहे लोगों को आवंटित कियोस्क अवैध बताकर तोड़ रही है जो कि राज्य सरकार की मंशा पर सवाल उठाती है. दुकानदारों का कहना है कि नगर परिषद ने ही उनको यह दुकानें आवंटित की थी और इसकी निर्धारित राशि भी जमा करवाई गई थी. उधर विरोध कर रहे भाजपा नेता देवेंद्र पारीक ने आरोप लगाया कि इस मामले में जिला प्रशासन से भी गुहार लगाई गई थी लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हो पाई और नगर परिषद ने आज दुकानदारों को बेरोजगार कर दिया.
नगरपरिषद द्वारा आज सुबह की गई कार्रवाई के दौरान सीओ एससी एसटी प्रहलाद राय, तहसीलदार हरदीप सिंह, टाउन कार्यवाहक थानाप्रभारी पूर्ण सिंह सहित भारी पुलिस जाब्ता तैनात रहा, तो वहीं नगरपरिषद अमले के प्रभारी सहायक अभियंता वेदप्रकाश गोदारा, मुख्य स्वच्छता अधिकारी प्रेमलता पूरी, स्वच्छता अधिकारी जगदीश सिराव सहित बड़ी संख्या में नगर परिषद कार्मिक भी मौजूद रहे.
Reporter- Manish Sharma
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