जोड़ मेले में अन्य राज्यों से पहुंचे श्रद्धालु, इतिहास और संस्कृति का परिचायक है मेला
Advertisement

जोड़ मेले में अन्य राज्यों से पहुंचे श्रद्धालु, इतिहास और संस्कृति का परिचायक है मेला

टाउन के गुरुद्वारा सुखा सिंह मेहताब सिंह में ऐतिहासिक जोड़ मेले का आयोजन हुआ.

जोड़ मेले में अन्य राज्यों से पहुंचे श्रद्धालु,  इतिहास और संस्कृति का परिचायक है मेला

हनुमानगढ़: टाउन के गुरुद्वारा सुखा सिंह मेहताब सिंह में ऐतिहासिक जोड़ मेले का आयोजन हुआ. गुरुद्वारा में 8 सितंबर से लड़ी वार इकोत्री पाठों का आयोजन हो रहा है और आज आयोजित जोड़ मेले में राजस्थान के अलावा पंजाब और हरियाणा से भी लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया.

सन 1741 में अमृतसर के स्वर्ण मंदिर पर मुगल फौज के कमांडर मस्सा रंगड़ ने कब्जा कर रखा था और बीकानेर के निकट के निवासी सिख योद्धा सुखा सिंह मेहताब सिंह ने सैनिकों के भेष में स्वर्ण मंदिर में घुसकर मस्सा रंगड़ का सिर काट दिया था और मस्सा रंगड़ के सिर को सुखा सिंह और महताब सिंह दोनों हनुमानगढ़ टाउन में इसी स्थान पर स्थित एक पेड़ जो अब बण साहिब के नाम से प्रसिद्ध है के नीचे विश्राम किया था, और उन्हीं की याद में यहां गुरुद्वारा का निर्माण करवाया गया था जो गौरवशाली इतिहास के साथ संस्कृति का भी उदाहरण है.

हनुमानगढ़ टाउन के गुरुद्वारा सुखा सिंह मेहताब सिंह में हर वर्ष सितंबर माह में ऐतिहासिक जोड़ मेले का आयोजन किया जाता है. मेले में आने वाली लाखों की संगत पहले गुरू ग्रंथ साहिब के सामने शीश झुका कर अरदास करती है, फिर गुरुद्वारा के प्रवेश द्वार पर स्थित बण साहिब के दर्शन कर मन्नतें मांगती है. हर साल लगने वाला जोड़ मेला इतिहास और संस्कृति का परिचायक है.

Reporter- Manish Sharma

Trending news