मनरेगा में श्रमिकों की संख्या में आई गिरावट, जिले में सिर्फ 36 हजार मजदूर कर रहे हैं काम
Advertisement

मनरेगा में श्रमिकों की संख्या में आई गिरावट, जिले में सिर्फ 36 हजार मजदूर कर रहे हैं काम

जिले में महात्मा गांधी नरेगा योजना में श्रमिक नियोजन में कमी आई है. जिले की 10 पंचायत समिति की 353 पंचायतों में वर्तमान में सिर्फ 36 हजार ही मनरेगा श्रमिक में कार्य कर रहे हैं. ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग कृषि कार्य में शामिल होने के चलते श्रमिकों की कमी को कारण मान रहा है.

मनरेगा में श्रमिकों की संख्या में आई गिरावट, जिले में सिर्फ 36 हजार मजदूर कर रहे हैं काम

डूंगरपुर: जिले में महात्मा गांधी नरेगा योजना में श्रमिक नियोजन में कमी आई है. जिले की 10 पंचायत समिति की 353 पंचायतों में वर्तमान में सिर्फ 36 हजार ही मनरेगा श्रमिक में कार्य कर रहे हैं. ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग कृषि कार्य में शामिल होने के चलते श्रमिकों की कमी को कारण मान रहा है. जबकि पिछले वर्ष सितम्बर माह में 86 हजार लेबर नियोजित थी.

महात्मा गांधी नरेगा योजना डूंगरपुर जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले गरीब लोगों को उनके घर के पास ही रोजगार उपलब्ध करवाने में वरदान से कम नहीं है,लेकिन इन दिनों डूंगरपुर जिले में महात्मा गांधी नरेगा योजना में श्रमिक नियोजन में कमी देखी जा रही है. डूंगरपुर जिले में 10 पंचायत समितियां है, जिसमें 353 पंचायतें आती हैं.  इन सभी पंचायतों में वर्तमान में सिर्फ 36 हजार 416 श्रमिक ही नियोजित हैं. जबकि पिछले साल इसी महीने की बात करे तो 86 हजार श्रमिक काम में लगे हुए थे.

इस ब्लॉक में इतने श्रमिक नियोजित
 

ब्लॉक     नियोजित श्रमिकों की संख्या
डूंगरपुर -              4788
बिछीवाड़ा           2312
दोवड़ा                5626
आसपुर               4181
साबला                    3464
सागवाड़ा                    3468
गलियाकोट                 2862
चिखली                      3342
सीमलवाड़ा                 3016
झोथरी                      3357
कुल                          36416

विभाग ने कृषि कार्यों में व्यस्तता को माना कारण
इधर डूंगरपुर जिल में मनरेगा श्रमिको की संख्या में आई कमी को लेकर विभाग का अपना तर्क है. डूंगरपुर जिला परिषद के सीईओ दीपेन्द्र सिंह राठोड ने बताया की वर्तमान में श्रमिक अपने खेतों में कृषि कार्य के चलते व्यस्थ है. जिसके चलते वे मनरेगा में काम पर नहीं आ रहे है. उन्होंने बताया की कृषि कार्य से फ्री होने के बाद अगले पखवाड़े से श्रमिकों की संख्या में इजाफा हो जाएगा.

बहरहाल, जिला परिषद सीईओ नए पखवाड़े से मनरेगा श्रमिको के नियोजन में संख्या की बढ़ने की बात कर रहे हो, लेकिन पिछले साल की अपेक्षा इस साल श्रमिकों के नियोजन में आई कमी ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग के लिए विचारणीय विषय है. खेर अब देखने वाली बात होगी की नए पखवाड़े में श्रमिक नियोजन कितना बढ़ पाता है.

Trending news