आदिवासी बहुल डूंगरपुर जिले में करीब 14 लाख की आबादी निवास करती है, जिसमें से अधिकतर लोग गरीब होकर खेतीबाड़ी, मजदूरी, दिहाड़ी का काम कर अपना पेट पालते हैं.
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Dungarpur: राजस्थान के डूंगरपुर जिले में आवास विहीन या गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाले परिवारों को आवास उपलब्ध करवाने की योजना पर ग्रहण लगा हुआ है. प्रशासनिक और लाभार्थी की स्वयं की लापरवाही और बजट की कमी के चलते प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत जिले में पिछले वित्तीय वर्ष के 18 हजार से अधिक आवास आज भी अधूरे पड़े हैं. इन आवासों को पूरा करवाने के लिए सरकार से लेकर प्रशासन कई प्रयास कर रहा है, लेकिन कई कारणों से यह मकान आज भी आधे-अधूरे ही हैं.
आदिवासी बहुल डूंगरपुर जिले में करीब 14 लाख की आबादी निवास करती है, जिसमें से अधिकतर लोग गरीब होकर खेतीबाड़ी, मजदूरी, दिहाड़ी का काम कर अपना पेट पालते हैं. कई परिवारों के पास खुद का अपना घर तक नहीं है या फिर कच्चे या टूटे फूटे घर में ही अपना गुजर-बसर कर रहे हैं. ऐसे परिवारों को पक्का आवास उपलब्ध करवाने के लिए केंद्र सरकार की ओर से प्रधानमंत्री आवास योजना संचालित है. पीएम आवास योजना में वित्तीय वर्ष 2021-22 में डूंगरपुर जिले में 22 हजार 629 आवास स्वीकृत हुए थे, लेकिन सालभर बाद भी इन आवासों में से 3697 आवास ही पूर्ण हो पाए हैं. प्रशासनिक और लाभार्थी की स्वयं की लापरवाही और बजट की कमी के चलते 18 हजार 932 आवास आज भी अधूरे पड़े हैं.
इतने लाभार्थियों को मिली किश्ते
डूंगरपुर जिले में वित्तीय वर्ष 2021-22 में स्वीकृत 22 हजार 629 आवास लाभार्थियों में से 22 हजार 549 को पहली किश्त मिली है. वहीं 18 हजार 884 लाभार्थियों को दूसरी किश्त और 8 हजार 530 लाभार्थियों को तीसरी किश्त मिल पाई है. इधर, 3697 आवास ही पूर्ण कर पाए हैं. इधर, जिला परिषद सीईओ दीपेन्द्र सिंह राठोड ने बताया की इस वित्तीय वर्ष में इन आवासों को पूर्ण करना है, इसके लिए विभाग की ओर से पूरे प्रयास किए जा रहे हैं.
साथ ही आपको बता दें कि बहराल डूंगरपुर ग्रामीण विकास और पंचायतीराज विभाग अधूरे पड़े आवासों को जल्द पूरा करवाने के दावे कर रहे हो, लेकिन इन अधूरे आंकड़ों को देखकर विभाग के दावों का अंदाजा लगाया जा सकता है. खैर अब देखने वाली बात होगी की विभाग कब तक इन अधूरे आवासों को पूर्ण करवा पाता है.
Reporter: Akhilesh Sharma
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