बुजुर्ग ने घर के पीछे पेड़ से लटककर खत्म की जिंदगी, बेटा बोला- जांच हो, रस्सी घर की नहीं है
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बुजुर्ग ने घर के पीछे पेड़ से लटककर खत्म की जिंदगी, बेटा बोला- जांच हो, रस्सी घर की नहीं है

राजस्थान में डूंगरपुर जिले के चौरासी थाना क्षेत्र के भिंडा बामणिया फला में एक 70 साल के बुजुर्ग ने फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली. घर के पीछे ही एक पेड़ से शव लटका हुआ मिला. शव को डूंगरपुर अस्पताल के मोर्चरी में रखवाया, जहां पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया है.

Dungarpur News - ZEE Rajasthan

Chaurasi, Dungarpur News: जिले के चौरासी थाना क्षेत्र के भिंडा बामणिया फला में एक 70 साल के बुजुर्ग ने फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली. घर के पीछे ही एक पेड़ से शव लटका हुआ मिला. शव को डूंगरपुर अस्पताल के मोर्चरी में रखवाया, जहां पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया है.

डूंगरपुर जिले के चौरासी थाना हेड कांस्टेबल निर्मल कुमार ने बताया कि जीवराम पुत्र रामजी रोत निवासी भिंडा फला बामणिया ने रिपोर्ट दर्ज करवाई है. इसमें बताया कि वह अपनी फैमली के साथ पीठ गांव में रहता है. उसके पिता रामजी पुत्र मंगला रोत, मां केसर देवी, छोटा भाई विमल प्रकाश, उसकी पत्नी शीला ओर बच्चे शनिवार रात को खाना खाने के बाद सो गए. 

रविवार सुबह उसके छोटे भाई की बेटी सोनू ने फोन कर बताया कि दादा रामजी राेत घर के पीछे की तरफ एक खाखरे के पेड़ से फांसी का फंदा लगाकर लटके हुए है. इस पर वह गांव पहुंचा. पिता रामजी ने रस्सी से फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली है. घटना के बाद गांव के लोग इकट्ठे हो गए. वहीं, सूचना और चोरासी थाना पुलिस भी मौके पर पहुंची. शव को फंदे से नीचे उतारा. 

बेटे ने बताया कि पिता के लगे में फांसी लगाई रस्सी उनके घर की नहीं है. वहीं, आत्महत्या के कारणों की जांच कर कार्रवाई की जाए. पुलिस ने शव को डूंगरपुर अस्पताल के मोर्चरी में रखवाया, जहां पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सुपुर्द किया गया. वहीं, पुलिस घटना को लेकर जांच कर रही है.

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Dungarpur News: वात्रक बांध की नहरों की 5 माह पहले लाखों खर्च कर हुई मरम्मत, पहली ही बारिश में टूटी

Dungarpur News: डूंगरपुर जिले के सीमलवाड़ा क्षेत्र में वात्रक बांध से निकलने वाली नहरों का 5 माह पहले ही मरम्मत कार्य हुआ था लेकिन घटिया निर्माण के चलते पहली बारिश में ही ये नहरें जगह-जगह से टूट गई. इधर स्थानीय ग्रामीणों ने घटिया निर्माण करने वाले ठेकेदार और मॉनिटरिंग करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के साथ नहरों को ठीक करवाने की मांग की है.

मामले के अनुसार, सिंचाई खंड सीमलवाडा अंतर्गत वात्रक बांध से निकली नहरों की ऊंचाई और मरम्मत सहित बांध की स्ट्रेन्थिक, पिचिंग सहित गेट कार्य के लिए 2 करोड़ 44 लाख का बजट जारी हुआ था लेकिन विभागीय उदासीनता के चलते और समय-समय पर काम के निरीक्षण के अभाव में ठेकेदार ने घटिया निर्माण सामग्री का उपयोग किया. 

निर्माण कार्य के 5 से 6 माह में ही बारिश के चलते नहर साकरसी, बरछवाडा, चुंडावाडा, खांदिया गांवों में जगह-जगह से क्षतिग्रस्त हो गई है. इससे फसल में किसानो को सिंचाई के लिए पानी की सप्लाई संभव नहीं हो सकेगी. इधर घटिया निर्माण के चलते नहरों के टूट जाने पर स्थानीय ग्रामीणों ने रोष व्याप्त है.

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