बाड़ी: पेयजल पाइपलाइन का काम बना मुसीबत, बेतरतीब ढंग से हो रही खुदाई, उड़ती धूल से लोग परेशान
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बाड़ी: पेयजल पाइपलाइन का काम बना मुसीबत, बेतरतीब ढंग से हो रही खुदाई, उड़ती धूल से लोग परेशान

Bari, Dholpur News: राजस्थान के धौलपुर के बाड़ी शहर में इन दिनों करीब 32 करोड़ रुपये की लागत से शहरी पुनर्गठित पेयजल पाइप लाइन योजना का काम चल रहा है, लेकिन तीन महीने बाद भी इस काम में कोई प्रगति दिखाई नहीं दे रही है. 

 

बाड़ी: पेयजल पाइपलाइन का काम बना मुसीबत, बेतरतीब ढंग से हो रही खुदाई, उड़ती धूल से लोग परेशान

Bari, Dholpur News: राजस्थान के धौलपुर के बाड़ी शहर में इन दिनों करीब 32 करोड़ रुपये की लागत से शहरी पुनर्गठित पेयजल पाइप लाइन योजना का काम चल रहा है, लेकिन तीन महीने बाद भी इस काम में कोई प्रगति दिखाई नहीं दे रही है. मुख्य रास्तों और सड़कों पर चल रहे इस काम से इतना जरूर है कि शहर की सभी सड़कें खुद गई है और जगह-जगह गड्ढे और पत्थरों के पड़े रहने से दुर्घटनाएं बढ़ी है.

आम राहगीर जहां रास्ता निकलने में परेशान हो रहा है, वही सबसे बुरा हाल दुकानदारों का है, जो वाहनों के गुजरने या तेज हवा के चलने पर धूलभरी हवा दुकानों में घुसने से परेशान है, ऐसे में दुकानदार एलर्जी और सांस रोगों का शिकार हो रहे हैं.

शहर के दुकानदार अजय गर्ग, अली मोहम्मद, दिनेश, दीन मोहम्मद, राकेश अजर सहित कई अन्य ने बताया कि दुकानों के आगे पाइप लाइन के लिए सड़क को बेतरतीब रूप से खोदा जा रहा है. कभी इधर से खोद रहे हैं तो कभी दूसरी तरफ से खोदा जा रहा है, जिसके चलते अब रास्ता निकलने की भी जगह नहीं बची और सड़क को खोदने के बाद उसमें पाइप लाइन डालने के बाद उसकी रिपेयरिंग भी नहीं की जा रही है. ऐसे में बड़े-बड़े पत्थरों के भुटे और मिट्टी सड़क पर बीच में पड़ी है, जिस पर से होकर लोगों को निकलना पड़ रहा है और उसी के ऊपर से होकर वाहन गुजर रहे है.

शहर के दुकानदारों का आरोप है कि स्थानीय प्रशासन ना तो इसकी कोई मॉनिटरिंग कर रहा है और ना ही संबंधित जलदाय विभाग नियमों के अनुरूप पाइप लाइन डलवाने के लिए कंपनी को निर्देशित किया है. इसी के चलते कंपनी कर्मचारी अपनी मनमर्जी पर तुले हुए हैं, जिसका खामियाजा आम जनता और दुकानदार भुगत रहे हैं. यदि एक तरफ से काम को पूरा करने के बाद काम आगे बढ़ाया जाए तो शहर के दुकानदार और शहरवासियों को राहत मिल सकती है.

बाड़ी शहर की बरसों पुरानी पेयजल लाइन को लेकर विधायक गिर्राज मलिंगा की मांग पर विगत बजट में शहरी पुनर्गठित पेयजल पाइप लाइन योजना के तहत 32 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की है, जिसके तहत जलदाय विभाग द्वारा एक कंस्ट्रक्शन कंपनी से पेयजल योजना का काम कराया जा रहा है. 25 जुलाई से शुरू हुए काम में छह महीने का समय होने को है, लेकिन कोई प्रगति दिखाई नहीं दे रही है. 

शहर की सड़कों पर जो काम हो रहा है, उसमें भी नियमों की अनदेखी देखने को मिल रही है. सबसे बड़ी लापरवाही पाइप लाइन को गहराई में डालने को लेकर की जा रही है. नियम अनुसार चाहे एचडीपी पाइप को या डीआई पाइप उसे जमीन में कम से कम एक मीटर की गहराई में डाला जाना चाहिए, लेकिन वर्तमान में खुदाई के साथ जो पाइप लाइन बिछाने का काम चल रहा है, उसमें गहराई को लेकर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा. 

कहीं लाइन दो फुट पर पड़ी है तो कहीं डाई फुट पर, ऐसे में गहराई में लाइन नहीं डेल जाने से भविष्य में उसके जल्द खराब होने की आशंका है, जिसको लेकर मौके पर कोई तकनीकी अधिकारी काम के दौरान दिखाई नहीं देता है. ठेका कंपनी के भी कोई बड़े अधिकारी मौके पर नहीं रहते, ऐसे में लापरवाही और नियमों की अनदेखी सामने आ रही है.

मामले को लेकर जलदाय विभाग के सहायक अभियंता देशराज गुर्जर का कहना है कि अर्बन क्षेत्र में पाइप लाइन डालने का काम बहुत स्लो गति से चल रहा है, जिसको लेकर कंस्ट्रक्शन कंपनी को नोटिस जारी किया है. वहीं पेयजल टंकियों के साथ अन्य काम भी गति अनुरूप नहीं हो रहे है. पुर्नगठित पेयजल योजना में शहर के 45 वार्डों की पाइप लाइन के साथ छह पेयजल टंकियों, दो भंडार घर और 30 नलकूपों का निर्माण होना है, जिसमें से अभी तीस प्रतिशत भी काम नहीं हुआ है, जबकि शहर के 125 किलोमीटर क्षेत्र में राइजिंग और वितरण पाइप लाइन डाली जानी है.

32 करोड़ की लागत से शहर में बिछेगी पेयजल पाइप लाइन
करीब 32 करोड़ की लागत की शहरी पेयजल परियोजना स्वीकृत की गई, जिसमें 6 पेयजल टंकियों के निर्माण के साथ दो दर्जन से अधिक नलकूपों का निर्माण करना है. साथ में दो उच्च क्षमता के जलाशय भी बनाये जाने है. इसके अलावा राइजिंग और वितरण पाइपलाइन शहर के 125 किलोमीटर क्षेत्र में बिछाई जाएगी, यह काम एक वर्ष में पूरा करना है, लेकिन छह महीने निकलने के बाद अभी भी आधा काम नहीं हुआ है.

कंपनी द्वारा काम को किया जा रहा बेतरतीब, विभाग का नोटिस
जलदाय विभाग के एक्सईएन देशराज गुर्जर द्वारा कंस्ट्रक्शन कम्पनी को आठ डिम्बार को एक नोटिस दिया गया है, जिसमें कम्पनी द्वारा ठेके की शर्तों के अनरूप काम नहीं करने लाइन बिछाने के दौरान टीम वर्क नहीं होने और टेक्निकल अधिकारी और कर्मचारियों का उपयोग नहीं करने के चलते लाइन को जिगजेग तरीके से बिछाने जाने के आरोप लगाते हुए नोटिस दिया है, जिसमें समय अवधि में सुधार के साथ कार्य में गति लाने के निर्देश दिए है.

45 वर्ष बाद बिछाई जा रही पाइप लाइन
शहर में पूर्व में सन 1977 में पेयजल पाइप लाइन डाली गई थी और उस समय शहर में 25 वार्ड थे और करीब तीस हजार की आबादी थी. अब 45 वर्ष बाद पेयजल पाइप लाइन डाली जा रही है, जिसमें गुणवत्ता और नियमों का ध्यान रखे जाना आवश्यक है, अन्यथा शहरवासियों को बाद में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा, जिसको लेकर जलदाय विभाग के अधिकारियों को विशेष ध्यान रखने के साथ जनता को भी जागरूक होना चाहिए.

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जनप्रतिनिधि के तौर पर पर योजना को मूर्त रूप देने वाले विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा भी काम के प्रति नाराजगी जता चुके हैं, जिसको लेकर उन्होंने जलदाय विभाग के अधिकारियों सहित कंपनी के संवेदक को कई बार फटकार लगाई है, लेकिन फिर भी काम में कोई प्रगति दिखाई नहीं दे रही है.

Reporter: Bhanu Sharma

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