धौलपुर के बाड़ी अस्पताल में बंदर खिड़की पर पहुंचाता है दवाइयां, मरीजों के पास ही सोता है
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धौलपुर के बाड़ी अस्पताल में बंदर खिड़की पर पहुंचाता है दवाइयां, मरीजों के पास ही सोता है

Bari, Dholpur News: धौलपुर के बाड़ी शहर के एक अस्पताल में एक मादा बंदर उछल कूद करता हुआ दवाइयां खिड़की पर पहुंचाता है और रात में कभी मरीजों के बीच उनके पास सो जाता है. 

 

धौलपुर के बाड़ी अस्पताल में बंदर खिड़की पर पहुंचाता है दवाइयां, मरीजों के पास ही सोता है

Bari, Dholpur News: धौलपुर के बाड़ी शहर के सामान्य अस्पताल में पिछले पांच दिन से एक मादा बंदर ने अपना डेरा जमाया हुआ है. यह बंदर कभी उछल कूद करता हुआ दवाइयां वितरण की विंडो पर पहुंच जाता है, तो कभी मरीजों के बीच उनके बेड पर आकर सो जाता है. ऐसे में अस्पताल में पिछले पांच दिन से इस बंदर ने हडकंप मचाया हुआ है. 

बंदर कूदता-फांदता छत चढ़ गया
सोमवार को दिन में करीब एक बजे अस्पताल प्रशासन की सूचना पर नगर पालिका के कुछ सफाईकर्मी जब बंदर को पकड़ने पहुंचे तो बंदर ने मौका स्थिति को भांपते हुए पहले उनको इधर से उधर खूब छकाया और बाद में कूदता-फांदता छत पर पहुंच गया. यहां से कुछ देर के लिए गायब हो गया. 

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किसी को कोई परेशान नहीं
ऐसे में नगर पालिका के कर्मचारी बिना बंदर को पकड़े बैरंग वापस लौट गए. कुछ समय बाद में बंदर फिर से अस्पताल पहुंच गया है. अस्पताल में तैनात डॉक्टर सचिन सिंघल ने बताया कि बंदर शुक्रवार की शाम से अस्पताल में आया हुआ है, जब यह आया था तो इसने किसी को कोई परेशान नहीं किया. 

3 लोगों बंदर ने काटा
ऐसे में लोग भी इससे नहीं डरे, लेकिन बाद में रविवार से यह अस्पताल में आने वाले मरीजों और उनके अटेंडरों के लिए खतरा बनता जा रहा है. अस्पताल प्रशासन का कहना है कि इस बंदर ने रविवार को 3 लोगों को भी काट लिया है, जो मरीज और उनके अटेंडर थे.

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बंदर को पकड़ने का कोई संसाधन नहीं
ऐसे में अस्पताल में इस बंदर का रहना ठीक नहीं है. इसको लेकर प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ हरिकिशन मंगल ने नगर पालिका प्रशासन से इस बंदर को पकड़ने की मांग की, जिस पर नगर पालिका के कुछ कर्मचारी दिन में अस्पताल पहुंचे, लेकिन उनको पास बंदर को पकड़ने के लिए कोई संसाधन नहीं था. 

ऐसे में प्लास्टिक के बैग को लेकर और कुछ लाठियों के सहारे उन्होंने बंदर को पकड़ने का भरसक प्रयास भी किया, लेकिन नाकाम रहे. ऐसे में यह बंदर असपताल में मरीजों और उनके अटेंडरों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है. 

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