वीडियो वायरल, मंत्री मुरारी लाल के सवामणी कार्यक्रम में सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने जमकर लगाए ठुमके
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वीडियो वायरल, मंत्री मुरारी लाल के सवामणी कार्यक्रम में सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने जमकर लगाए ठुमके

दौसा से विधायक और राज्य सरकार में कृषि विपणन राज्य मंत्री मुरारी लाल मीणा ने नांगल राजावतान उपखंड क्षेत्र के देहलास गांव में स्थित हीरामल बाबा के मंदिर पर सवामणी कार्यक्रम का आयोजन किया कार्यक्रम में बड़ी तादाद में लोग शामिल हुए जहां लोक कलाकारों द्वारा पद दंगल का भी आयोजन किया गया स्थानीय भाषा शैली

वीडियो वायरल, मंत्री मुरारी लाल के सवामणी कार्यक्रम में सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने जमकर लगाए ठुमके

दौसा से विधायक और राज्य सरकार में कृषि विपणन राज्य मंत्री मुरारी लाल मीणा ने नांगल राजावतान उपखंड क्षेत्र के देहलास गांव में स्थित हीरामल बाबा के मंदिर पर सवामणी कार्यक्रम का आयोजन किया कार्यक्रम में बड़ी तादाद में लोग शामिल हुए जहां लोक कलाकारों द्वारा पद दंगल का भी आयोजन किया गया स्थानीय भाषा शैली में लोक कलाकारों ने अपनी प्रस्तुतियां देकर लोगों का मन मोह लिया दौसा जिले में आज भी सामूहिक सामाजिक और धार्मिक आयोजनों पर पद दंगल का आयोजन होता है जिससे एक और जहां विलुप्त होती लोक कला को संबल मिल रहा है तो वहीं दूसरी ओर स्थानीय स्तर पर लोगों का मनोरंजन भी होता है.

मंत्री मुरारी लाल मीणा के सवामणी कार्यक्रम में राज्यसभा सांसद डॉ किरोडी लाल मीणा ने भी शिरकत की इस दौरान पद दंगल में लोक कलाकारों द्वारा दी जा रही प्रस्तुतियों को देखकर और सुनकर सांसद किरोड़ी लाल मीणा भी अपने आप को रोक नहीं पाए और कलाकारों की प्रस्तुतियों पर ठुमके लगाना शुरू कर दिया जैसे ही सांसद किरोड़ी लाल मीणा खड़े होकर पद दंगल के कलाकारों की पोड़ियों पर साथ देने लगे वैसे ही ग्रामीणों ने भी जमकर ताली बजाना शुरू कर दिया.

सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने यह कोई पहली बार ठुमके नहीं लगाए अक्सर ग्रामीण क्षेत्र में शादी समारोह सामाजिक या धार्मिक आयोजनों में सांसद पूर्व में भी कई बार इस तरीके से ठुमके लगा चुके हैं लोगों को देखकर सांसद को भी अपना बचपन याद आ जाता है और वह सब कुछ भूल कर एक सामान्य व्यक्ति की तरह अपने आप को डालते हुए ठुमके लगाना शुरू कर देते हैं सांसद किरोडी लाल मीणा की माने तो यह हमारी प्राचीन परंपराएं हैं और इन परंपराओं से एक ओर जहां मेलजोल बढ़ता है तो वहीं भाईचारे का बड़ा संदेश भी जाता है यही वजह थी पूर्व में गांव के अंदर सभी लोग एक दूसरे के साथ मिलकर खुशियां मनाते थे और सुख-दुख बांटते थे.

Reporter- LAXMI AVATAR SHARMA

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