पीएम नरेंद्र मोदी आज दौसा में करेंगे दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे का लोकार्पण, जानिए एक्सप्रेस-वे की खासियत
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पीएम नरेंद्र मोदी आज दौसा में करेंगे दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे का लोकार्पण, जानिए एक्सप्रेस-वे की खासियत

PM Modi in Dausa: जर्मन तकनीक से बनाए गए इस एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई लगभग 1385 किलोमीटर है. जिसका लोकार्पण पीएम मोदी करेंगे.

पीएम नरेंद्र मोदी आज दौसा में करेंगे दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे का लोकार्पण, जानिए एक्सप्रेस-वे की खासियत

Dausa: पीएम नरेंद्र मोदी कल यानी रविवार को दौसा के धनावड़ पहुंचेगें. पीएम मोदी दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे का लोकार्पण करेंगे. साथ ही 67KM लंबे बांदीकुई जयपुर 4 लेन का शिलान्यास करेंगे. इसके अलावा 86KM लंबे अलवर कोटपूतली 6 लेन का शिलान्यास करेंगे. वहीं 94KM लालसोट करौली 2 लेन का भी पीएम मोदी शिलान्यास करेंगे.

इस दौरान सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी भी मौजूद रहेंगे. साथ ही केंद्रीय मंत्री जनरल वी के सिंह भी इस दौरान साथ रहेंगे. बता दें कि राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत को भी आमंत्रित किया गया है. हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर को भी आमंत्रित किया गया है.

इस कार्यक्रम में प्रदेश के मंत्री भजनलाल जाटव को भी इन्विटेशन दिया गया है. वहीं सांसद रंजीता कोली ओर मनोज राजोरिया भी कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया है. इस कार्यक्रम में किरोड़ीलाल मीणा ओर सुखवीर जौनपुरिया भी मौजूद रहेंगे.सांसद जसकोर मीणा भी कार्यक्रम में पहुचेंगी. बता दें कि सड़क परिवहन मंत्रालय द्वारा ये कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है.

इस दौरान पीएम मोदी विशाल जनसभा को भी संबोधित करेंगे.इसके लिए अलग अलग दो जगह कार्यक्रम स्थल बनाये गए हैं. एक जगह से एक्सप्रेस वे का लोकार्पण होगा.वहीं दूसरे पांडाल में पीएम मोदी जनसभा को संबोधित करेंगे.कार्यक्रम की सफलता के लिये भाजपाइयों ने पूरी ताकत झोंक दी है.

जर्मन तकनीक से बनाए गए इस एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई लगभग 1385 किलोमीटर है. जिसमें अगले 50 साल तक कोई टूटफूट नहीं होने का दावा किया जा रहा है. यह एशिया का पहला ऐसा हाईवे हैं जिसके निर्माण में वन्यजीवों के लिए ग्रीन ओवरपास की सुविधा दी गई है. यह छह राज्यों दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, मध्यप्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र से गुजरेगा. फिलहाल यह एक्सप्रेसवे आठ लेन का है लेकिन आने वाले दिनों में इसे 12 लेन का किया जा सकता है.

इस पर 120 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से गाड़ियां फर्राटा भरेंगी. इससे दिल्ली से मुंबई का सफर 12 घंटे में पूरा हो सकेगा. अभी इन दोनों शहरों के बीच यात्रा में 24 घंटे लगते हैं. इसके साथ ही इंडस्ट्रियल कॉरिडोर का भी विकास किया जा रहा है. ऐसे में माना जा रहा है कि यह एक्सप्रेसवे सही मायनों में देश की प्रगति का एक्सप्रेसवे साबित होगा. यह दिल्ली, गुरुग्राम, अलवर, दौसा, कोटा, रतलाम, वडोदरा और मुंबई से गुजरता है. यह एक्सप्रेसवे 9 मार्च 2019 से निर्माणाधीन है और मार्च 2023 तक पूरा होने की उम्मीद है.

जानिए एक्सप्रेसवे की खासियत क्या हैं

एक्सप्रेसवे कम समय में और अधिक आराम के साथ कई शहरों को जोड़ने के लिए उच्च गुणवत्ता वाली यातायात सड़कें हैं. ये सड़कें राजमार्गों और स्थानीय सड़कों से अलग हैं. ये सड़कें 6 लेन से 8 लेन की होती हैं. प्रत्येक लेन की चौड़ाई 2.73 मीटर से 3.9 मीटर तक होती है.

8 से 12 लेन किया जा सकेगा

फिलहाल यह एक्सप्रेसवे 8 लेन का है, लेकिन आने वाले दिनों में इसे 12 लेन का किया जाएगा. इस हाईवे के बीच में 21 मीटर चौड़ी जगह छोड़ी गई है. ट्रैफिक बढ़ने पर इसमें दोनों ओर 2-2 लेन और बना दी जाएंगी.

बनाया जा सकता है इलेक्ट्रिक हाईवे

केंद्र सरकार की परिकल्पना है कि देश में एक हाईवे ऐसा हो जो इलेक्ट्रिक हो. ऐसे में इस हाईवे को इलेक्ट्रिक हाईवे बनाया जा सकता है ताकि ट्रेनों की तर्ज पर बस और ट्रक भी इलेक्ट्रिक तरीके से चल सके. NHAI दावा है कि पूरी दुनिया में इतना लंबा 12 लेन का हाईवे कहीं नहीं है.

राजस्थान में 374 KM एक्सप्रेसवे

इस एक्सप्रेसवे की एक खासियत यह भी है कि इस पर 94 वे साइड एमेनिटीज बनाई गई हैं. इनमें पेट्रोल पंप, मॉटेल, रेस्ट एरिया, रेस्टोरेंट्स और दुकानें होंगी. इनमें हेलीपैड की भी सुविधा भी है. इस एक्सप्रेसवे का 374 किलोमीटर हिस्सा राजस्थान से गुजरता है जबकि 160 किमी हिस्सा हरियाणा में, 245 किमी हिस्सा मध्य प्रदेश में और 423 किमी लंबा हिस्सा गुजरात में होगा.

एक्सेस कंट्रोल एक्सप्रेसवे

दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे की आधारशिला नौ मार्च 2019 को रखी गई थी. यह एक्सप्रेसवे एक्सेस कंट्रोल है. इसका मतलब है कि हाइवे के बीच में एक तरफ से दूसरी तरफ कोई भी आ जा नहीं सकेगा.

कम होगी फ्यूल की खपत

एक्सप्रेसवे का निर्माण पूरा होने के बाद फ्यूल की खपत में कमी भी आएगी. साथ ही कार्बन डाई ऑक्साइड उत्सर्जन में भी कमी आएगी जो कि चार करोड़ पेड़ लगाने के बराबर है. यह पर्यावरण के लिए काफी फायदेमंद होगा. हाइवे पर हर 500 मीटर पर रेन वॉटर हार्वेसटिंग सिस्टम बनाए हैं. साथ ही एक्सप्रेसवे के दोनों तरफ 40 लाख पेड़ लगाए जाने की योजना है.

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