बांदीकुई उप जिला अस्पताल में बड़ी लापरवाही, मुख्यमंत्री निःशुल्क दवा योजना के काउंटर पर एक्सपायरी डेट की दवा
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बांदीकुई उप जिला अस्पताल में बड़ी लापरवाही, मुख्यमंत्री निःशुल्क दवा योजना के काउंटर पर एक्सपायरी डेट की दवा

अस्पताल के प्रभारी डॉ अशोक सिंह गुर्जर का कहना है मरीज को एक्सपायरी डेट की दवा देना बड़ी लापरवाही इस मामले की जांच करवाकर दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी.

बांदीकुई उप जिला अस्पताल की लापरवाही.

Bandikui News: दौसा के बांदीकुई उप जिला अस्पताल में मुख्यमंत्री नि:शुल्क दवा योजना के काउंटर पर तैनात कार्मिकों की बड़ी लापरवाही सामने आई है जहां एक खांसी जुकाम के मरीज को एक्सपायरी डेट की दवा थमा दी. दवा की एक्सपायरी डेट का मरीज को घर जाने पर पता लगा जिसके चलते गनीमत रही उसने दवा नहीं ली अगर दवा ली होती तो हो सकता था मरीज की तबीयत अधिक खराब हो जाती.

बांदीकुई उप जिला अस्पताल की लापरवाही

मरीज महेश को दी गई एक्सपायरी डेट की दवा का जब बांदीकुई उप जिला अस्पताल प्रशासन को पता लगा तो हड़कंप मच गया हालांकि अस्पताल के प्रभारी डॉ अशोक सिंह गुर्जर का कहना है मरीज को एक्सपायरी डेट की दवा देना बड़ी लापरवाही इस मामले की जांच करवाकर दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी.

मुख्यमंत्री नि:शुल्क दवा योजना के काउंटर का मामला

दरअसल हरनाथपुरा गांव निवासी सतीश शर्मा के 16 वर्षीय पुत्र भूपेश शर्मा के खांसी जुकाम की परेशानी थी ऐसे में सतीश शर्मा अपने बेटे को लेकर बांदीकुई उप जिला अस्पताल पहुंचे जहां डॉक्टर द्वारा उन्हें अस्पताल की पर्ची पर तीन तरह की दवा लिखी गई डॉक्टर द्वारा लिखी गई दवा को अस्पताल परिसर में स्थित मुख्यमंत्री नि:शुल्क दवा योजना के काउंटर पहुंचकर दवा ली तो उन्हें दवा के अलग-अलग तीन रैपर दिए गए.

जिनमें से दो रैपर पर एक्सपायरी डेट जुलाई 2022 अंकित हुई साफ दिखाई दे रही है लेकिन एक दवा पर कोई डेट दिखाई नहीं दे रही ऐसे में यह तो साफ है कि 3 में से 2 दवा एक्सपायरी डेट की है और तीसरी दवा एक्सपायरी डेट की है या नहीं यह भी जांच का विषय है.

मरीजों को एक्सपायरी डेट की दवा मिलना घोर लापरवाही

मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना के काउंटर पर मरीजों को एक्सपायरी डेट की दवा मिलना घोर लापरवाही कह सकते हैं ऐसे में सवाल यह उठता है क्या जिम्मेदारों को इस बात का जरा भी ख्याल नहीं की एक्सपायरी डेट की दवा जानलेवा भी साबित हो सकती है. ऐसे में सवाल यह है मुख्यमंत्री अशोक गहलोत प्रदेश के लोग स्वस्थ रहें और उन्हें पूर्ण रूप से नि:शुल्क उपचार मिले इसके लिए पानी की तरह पैसा बहा रहे हैं लेकिन जिम्मेदार लोग इतने लापरवाह बने हुए हैं कि दवा के काउंटर पर एक्सपायरी डेट की दवा रखते हैं और रखते ही नहीं उन्हें मरीजों को भी दे देते हैं.

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भगवान का शुक्र रहा कि सतीश शर्मा ने अपने बेटे को दवा देने से पहले उसकी एक्सपायरी डेट देख ली वरना एक्सपायरी डेट की दवा लेने के बाद कुछ भी हो सकता था .

Reporter- Laxmi Avtar Sharma

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