सरदारशहर में उपखंड अधिकारी बिजेंद्रसिंह वीरान जगह पौधे लगाकर बना दिया वाटिका
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सरदारशहर में उपखंड अधिकारी बिजेंद्रसिंह वीरान जगह पौधे लगाकर बना दिया वाटिका

Sardarshahr News: सरदारशहर उपखंड अधिकारी बिजेंद्रसिं ने पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए  उपखंड कार्यालय में खाली पड़ी जगह पर पौधे लगाकर उसे आज एक वाटिका बना दिया है. 

सरदारशहर में उपखंड अधिकारी बिजेंद्रसिंह वीरान जगह पौधे लगाकर बना दिया वाटिका

Sardarshahr News: वसीम बरेलवी की यह लाइने वर्तमान सरदारशहर उपखंड अधिकारी बिजेंद्रसिंह पर एकदम फिट बैठती हैं. उपखंड अधिकारी बिजेंद्रसिंह चाहर पर्यावरण बचाने को लेकर काफी सजग और जागरूक हैं. पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए उपखंड कार्यालय में खाली पड़ी जगह पर वाटिका लगा रहे हैं. उपखंडअधिकारी के इस प्रयास की अब हर कोई सराहना कर रहा है. यूं तो मानव ने विकास के नाम पर या अपनी जरूरतों के अनुसार, पर्यावरण को भारी क्षति पहुंचाई है, जिसका नतीजा अब धीरे-धीरे हम देख रहे हैं. 

पर्यावरण के बिगड़ते संतुलन की वजह से दुनिया भर में ग्लोबल वार्मिंग और क्लाइमेट चेंज जैसी कई गंभीर समस्याएं खड़ी हो रही हैं. इन समस्याओं से निपटने के लिए अभी से हमें गंभीर कड़े कदम उठाने होंगे, सरकारों के साथ-साथ हर व्यक्ति को पर्यावरण बचाने की दिशा में काम करना होगा तभी हम हमारे पर्यावरण को बचा पाएंगे. पर्यावरण बचाने का कुछ ऐसा ही प्रयास सरदारशहर के एसडीएम विजेंद्र सिंह करते हुए दिखाई दे रहे हैं. 

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उपखंड परिसर अब नजर आएगा हरा भरा
उपखंड परिसर अब जल्द ही हरा भरा नजर आएगा. परिसर में पहले जहां ऊबड़ खाबड़ बंजर जमीन थी, वहां अब सुंदर वाटिका बनाई जा रही है और यह सब उपखंड अधिकारी बिजेंद्रसिंह के प्रयासों से हो पाया है. दरअसल उपखंड अधिकारी ने यहां 460 के करीब फलदार, छायादार, औषधीय पौधे लगाए हैं. भामाशाह की मदद से लगाए गए पौधे पूरी तरीके से स्वस्थ हैं और 2 या 3 वर्ष में पेड़ बन जाएंगे, जिसके बाद यहां पर हर तरफ हरियाली ही हरियाली नजर आएगी, जिसके चलते उपखंड कार्यालय में आने वेक्ति ठंडी छांव में बैठ सकेंगे. पहले जहां बंजर जमीन थी, वहां अब पेड़ लगने शुरू हो गए हैं, जिससे कहीं ना कहीं इस खाली पड़ी जगह का सदुपयोग भी उपखंड अधिकारी करते हुए दिखाई दे रहे हैं, जहां भी उनकी पोस्टिंग  होती है, उस जगह को हरा भरा बनाने का काम करते हैं. 

एसडीएम बिजेंद्रसिंह जहां भी जाते हैं वहीं पर पर्यावरण बचाने का संदेश देते हैं. इससे पहले भी एसडीएम की जहां भी पोस्टिंग हुई, वहां पर एसडीएम ने पर्यावरण बचाने का संदेश दिया और बहुत सारे पौधे लगाए जो आज पेड़ बन गए हैं. यहां आने के बाद एसडीएम ने यहां की कायापलट कर दी, जहां पहले बंजर ज़मीन वहीं अब यहां पर पौधे जल्दी से बड़े होकर बड़े-बड़े पेड़ बनने को त्यार हैं. अनेकों प्रकार के 460 से ज्यादा पेड़-पौधे एसडीएम यहां लगा चुके हैं. इसके साथ यहां पर कार्यरत कर्मचारियों को भी पर्यावरण बचाने की सीख एसडीएम बिजेंद्रसिंह देते हुए दिखाई देते हैं. 

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पेड़ लगाने से मन को मिलती है शांति
उपखंड अधिकारी बीजेंद्रसिंह ने बताया कि जहां जहां भी मैं रहा हूं वहां मेरी पेड़ पौधे लगाने की रुचि रहती है. मुझे पेड़ लगाने से शांति मिलती है. यहां पर जब मैं आया तो मैंने देखा बाहर से जो लोग आते थे, उन्हें धूप में ही बैठना पड़ता था. एसडीएम ऑफिस वीरान सी जगह लगती थी. बाहर से कोई भी व्यक्ति आता है तो उसके लिए छाया की व्यवस्था नहीं थी, तो सबसे पहले मैंने यहां पर पहले से कुछ पेड़ थे उनको सही करवाया.

फिर सीजन आ गया तो मेरी एक रूचि थी की पिछे की खाली जगह थीं, तो वहां पर पेड़ लगाए जाए, क्योंकि ऐसा ही काम हमनें राजलदेसर तहसील मे सघन वन के रूप मे काम किया था. यहां भी हमनें एक भामाशाह की तलाश थी जो हमारा इस काम में सहयोग कर सकें. फिर हमें हरिराम जी साहू मिले उन्होंने अपने पिता जी की स्मृति में हमारा सहयोग किया. इस प्रकार से यह कार्य शुरू हुआ.  हमारा पहले था की प्लांटेशन करेंगे, यह ध्यान नहीं था की इस तरह से बढ़िया वाटिका बन जाएगी, ट्रेक बन जाएगा.

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शुरुआत छोटे से हुई बाद में 465 पौधे हमने यहां पर लगा दिए. हमने यहां पर दो तीन लोगों को लगा रखा हैं और सुबह शाम में खुद इन पौधों की देखभाल करता हूं. ड्रिप सिस्टम लगा दिया है, इसके अलावा यहां पर एक घूमने के लिए ट्रैक बनवा दिया है, ताकि यहां पर रहने वाले अधिकारियों की बुजुर्ग माता-पिता और महिला अधिकारी या परिवार की सदस्य घूम सकें. हमारी ओर से एक प्रयास है कि किसी भी तरीके से उपखंड परिसर को हरा-भरा किया जा सकें. 

एसडीएम कार्यालय में कार्यरत निर्मल कुमार सोनी ने बताया कि पर्यावरण यदि हरा भरा होगा तो निश्चित रूप से ऑक्सीजन बढ़ेगी और आम जनता के लिए फायदेमंद रहेगी. एसडीएम साहब ने अपखंड परिसर को हरा भरा बनाने का बीड़ा उठाया हैं. यहां पर तरह-तरह के औषधीय पौधे हैं लगाए गए हैं. उपखंड कार्यालय में कार्यरत अभिषेक पारीक ने बताया कि सुबह-सुबह जब यहां पर आते हैं तो इतनी हरियाली देख कर मन खुश हो जाता है, यहां पर आकर बहुत अच्छा लगता है. एसडीएम साहब हमें भी पौधे लगाने के लिए प्रेरित करते हैं. 

वन संरक्षण एवं पर्यावरण समिति की अध्यक्ष मोनिका सैनी ने बताया कि राजस्थान के रेगिस्तान वाले इलाके में पौधरोपण करना या इसके विषय में कल्पना करना भी एक बहुत बड़ी चुनौती है. ऐसे में उपखंड अधिकारी बिजेंद्रसिंह द्वारा किए जा रहे पर्यावरण बचाने का प्रयास सराहनीय है. पेड़ों में हमें फिर से जीवंत करने की शक्ति है. एक पेड़ के नीचे हरी घास पर समय बिताना तनाव को काफी कम कर सकता है. पेड़ों की शाखाओं पर बैठे पक्षियों की आवाज़, तेज़ हवाओं से पत्तियों का हिलना और पेड़ों पर पत्तियों और फूलों की सुगंध से मन पर अच्छा प्रभाव पड़ता है और तनाव को कम करने में मदद मिलती है. वहीं, गांधी दर्शन समिति के सह संयोजक भरत गौड़ ने बताया कि पेड़ लगाना सबसे बड़ा पुण्य का काम है. कोरोना काल में हमने देखा कि किस प्रकार से ऑक्सीजन के अभाव में कितनी जानें चली गई. ऐसे में उपखंड अधिकारी द्वारा किए जा रहे प्रयास सराहनीय है, उन्होंने भामाशाहों को प्रेरित कर उपखण्ड परिसर को हरा भरा बनाने का अच्छा प्रयास किया है.

Reporter-Navratan Prajapat

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