Lumpy skin disease: सरदारशहर में लंपी पीड़ित गोवंशों के लिए वितरित की गई फ्री दवाइयां
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Lumpy skin disease: सरदारशहर में लंपी पीड़ित गोवंशों के लिए वितरित की गई फ्री दवाइयां

गोवंश को इस महामारी से बचाने के लिए अब मुस्लिम समुदाय भी आगे आया है. इसी के तहत शुक्रवार को शहर के हनुमानगढ़ रोड स्थित किसान डेयरी के अध्यक्ष हनीफ खां चायल परिवार की ओर से गोवंश को इस लंपी बीमारी से बचाने के लिए 50 बाजार रुपये की दवाइयां किसान डेयरी में निशुल्क वितरित की गई. 

Lumpy skin disease: सरदारशहर में लंपी पीड़ित गोवंशों के लिए वितरित की गई फ्री दवाइयां

Sardarshahar: वर्तमान समय में सरदारशहर में बड़ी संख्या में लंपी पीड़ित गायों की दर्दनाक मौत देखने को मिल रही है. प्रतिदिन यह आंकड़ा बढ़ता जा रहा है, बड़ी संख्या में गौभक्त लंपी पीड़ित गोवंश के उपचार में जुटे हुए हैं. 

गोवंश को इस महामारी से बचाने के लिए अब मुस्लिम समुदाय भी आगे आया है. इसी के तहत शुक्रवार को शहर के हनुमानगढ़ रोड स्थित किसान डेयरी के अध्यक्ष हनीफ खां चायल परिवार की ओर से गोवंश को इस लंपी बीमारी से बचाने के लिए 50 बाजार रुपये की दवाइयां किसान डेयरी में निशुल्क वितरित की गई. 

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इस अवसर पर पशुपालन विभाग के नोडल अधिकारी डॉक्टर केसरीचंद नाई, कॉमरेड छगनलाल चौधरी ने उपस्थित लोगों को बताया कि वर्तमान में यह बीमारी भयावह रूप ले रही है और प्रतिदिन बड़ी संख्या में गोवंश की मौतें हो रही हैं, जिससे पशुपालकों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है. डॉक्टर केसरीचंद ने कहा कि हनीफ खान चायल जैसे भामाशाह का मैं आभार प्रकट करता हूं कि इनकी वजह से हमको वंश का उपचार कर पा रहे हैं. 

क्या बोले हनीफ खां चायल
इस अवसर पर हनीफ खां चायल ने कहा कि वर्तमान समय में खेल रही लंबी बीमारी को देखते हुए हमारे परिवार की ओर से 50 हजार रुपये की लागत की दवाइयां खरीद कर निशुल्क वितरण की गई है. हम अल्ला ताला से कामना करते हैं कि जल्द से जल्द यह महामारी खत्म हो ताकि गोवंश को इस पीड़ा से राहत मिले और पशुपालक भी हो रहे भारी नुकसान से बच सके. 

इस अवसर पर डॉ. केसरी चंद्र ने बताया कि वर्तमान समय में प्राथमिक उपचार यही है कि जिस गोवंश या पशु में यह बीमारी आती है उसको अलग रखा जाए और उसकी चपेट में कोई दूसरा पशु नया आए. आसपास के वातावरण को बार-बार साफ करें. जिन पशुओं की मृत्यु हो जाती है, उनको तुरंत प्रभाव से दफनाया जाए ताकि यह बीमारी अन्य पशुओं में न फैले. उन्होंने बताया कि अभी तक यह बीमारी गोवंश, हिरण और भैंस में देखी जा रही है. 

ये लोग रहे उपस्थित
इस अवसर पर किसान डेयरी के अध्यक्ष हनीफ खां चायल, अनूप झोरड़, सुनील झोरड़, स्योपत सैनी, पशुधन सहायक राजेश, प्रभुदयाल सैनी, भगवानाराम चौधरी, ओमप्रकाश चौधरी, मनोहर खाँ, हसन खां, समद खां, अब्दुल करीम, हारून भाटी, दुलाराम सहू, सरफु भिस्ती, असलम खां चायल सहित स्थानीय लोग उपस्थित रहे.

Reporter- Gopal Kanwar

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