महापड़ाव में शामिल हुए किसान डेम के गेट नहीं खोलने की बात पर अड़ गए. इन्होंने नदी में उतर कर प्रशासन को सचेत करते हुए कहा कि प्रशासन चाहे गेट खोल दें हम मरने के लिए तैयार है
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Kapasan : राजस्थान के कपासन के मातृ कुंडिया बांध के पानी को इलाके को लोगों और जलाशयों के लिए उपलब्ध कराने की मांग को लेकर प्रदर्शन जारी है. इसमें सोमवार को मेवाड़ के हरिद्वार मातृकुण्डिया में दलगत राजनीति से परे सभी जनप्रतिनिधियों और किसानों ने महापड़ाव में भाग लिया.
बनास के पानी को आगे जाने से रोक कर पीछे के सभी जलाशयों को भरने और कपासन क्षेत्र की आम जनता को पीने योग्य पानी उपलब्ध कराने की मांग को लेकर मातृकुण्डिया डेम के गेट के बाहर प्रदर्शन किया गया. इसमें बनास के पानी को आगे जाने से रोक कर पीछे कपासन, धमाना, भूपालसागर डेम को भरने के बाद ही इस पानी को आगे छोड़ने की प्रशासन से मांग की गयी.
महापड़ाव में शामिल हुए किसान डेम के गेट नहीं खोलने की बात पर अड़ गए. इन्होंने नदी में उतर कर प्रशासन को सचेत करते हुए कहा कि प्रशासन चाहे गेट खोल दें हम मरने के लिए तैयार है और गिरफ्तारी भी देने के लिए तैयार है. महापड़ाव की सूचना पर राशमी उपखण्ड अधिकारी नीता वसीटा, तहसीलदार घनश्याम शर्मा, राशमी थाना क्षेत्र से सर्किल इंस्पेक्टर आदर्श कुमार परिहार, रेलमगरा थाने से एएसआई पहुंचे.
प्रदर्शन कर रहें लोगों ने बताया कि कपासन तालाब में बिल्कुल भी पानी नहीं है और अगर ऐसे में बनास के आने के बावजूद भी तालाब खाली रहता है, तो आने वाले दिनों में कपासन में पेयजल की भारी दिक्कत आयेगी. सभी ग्रामीणों ने मांग की है कि बनास में रेती के कट्टे लगाकर पानी का नन्दवाना फीडर की और डायवर्ट करके कपासन, धमाना, भूपालसागर डेम को भरने का प्रयास कर रहे है. इधर एसडीएम ने कहा कि पानी तो राशमी, कपासन, भूपालसागर में लोकल केचमेंट एरीये का कम ही आया है, ये तो विचारणीय विषय है.
नन्दवाना फीडर में झाड़ियों से कैसे आए पानी
जानकारी के अनुसार नन्दवाना फीडर काफी समय से विभाग कि अनदेखी का शिकार हो रही है. इसमें अंग्रेजी बबूल बड़े हो गये है और झाड़ियों से ये फीडर संकरा हो चुका है. विभाग के अधिकारी बताते है कि हमने सफाई के लिए प्रस्ताव बना कर भेज दिए लेकिन स्वीकृति नहीं आने से इस फीडर की सफाई नहीं हो पाई है.
रिपोर्टर- दीपक व्यास
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