सांवलियाजी कस्बे को जोड़ने वाले चिकारड़ा, आसावरा माता, भाटोली, घोड़ा खेड़ा, भादसोड़ा, बानसेन सभी सड़क मार्गों की यही स्थिति थी कि जितने यात्री वाहनों से आ रहे थे. उससे कई गुना पदयात्री भी पहुंच रहे थे. मण्डफिया के सात किलोमीटर दूरी पर वाहनों की गति पद यात्रियों के कारण आगे नहीं बढ़ पा रही थी. यह स्थिति दिनभर बनी रही.
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Chittorgarh: मेवाड़ के सुप्रसिद्ध कृष्ण धाम सांवलियाजी मंदिर में हरियाली अमावस्या के मेले के अवसर पर श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा. लोगों का इतना बडा रेला पिछले 2 वर्षों में नहीं देखा गया था. मेले में पार्किंग व्यवस्था कस्बे से बाहर कर दिए जाने के कारण कहीं पर भीड़ भाड जैसी स्थिति पैदा नहीं हुई.
जानकारी के अनुसार, हरियाली अमावस्या का मेला पिछले 2 वर्षों से कोरोना के कारण आयोजन नहीं हो पा रहा था. इस वजह से श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी. वैसे तो अमावस्या से 1 दिन पूर्व चतुर्दशी के अवसर पर भी हजारों श्रृद्धालु पहुंच चुके थे लेकिन अमावस्या पर तड़के 4 बजे से मंदिर के बाहर मंगला के दर्शन करने के लिए इतनी लंबी कतारें पहले कभी नहीं देखी गई.
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मंगला के 5:30 बजे जब दर्शन खुले तो दर्शनार्थियों ने जयकारों के साथ इस पवित्र दिवस पर भगवान का सानिध्य पाने के लिए उमड़ पड़े. मंगला आरती समाप्त होने के बाद श्रद्धालुओं की कतारें कुरेठा नाका के आगे तक पहुंच गई. यह क्रम दिनभर जारी रहा. सायंकाल में भी स्थिति में कोई बदलाव नहीं आया. इससे पूर्व भगवान सांवलिया सेठ को अमावस्या का आकर्षक श्रृंगार करवाया. इसमें स्वर्ण आभायुक्त वाघा धारण कराया तथा विशेष श्रृंगार भी किया. इधर हरियाली अमावस्या पर देवकी सदन धर्मशाला में ब्रह्मभोज की प्रसादी का आयोजन हुआ इसमें भी हजारों श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया.
बाहर पार्किंग सुविधाजनक
पुलिस तथा मंदिर प्रशासन पूर्व वर्षों में हरियाली अमावस्या तथा जलझूलनी एकादशी के अवसर पर भीड़ को देखते हुए वाहनों की पार्किंग व्यवस्था प्रमुख सड़क मार्गों गांव के बाहर कर दिए जाने के कारण मंदिर परिसर के आसपास कहीं पर भी लोगों की भीड़ जमा नहीं हो पाई तथा लोग छितराए हुए अलग-अलग सड़क मार्ग पर नजर आए लेकिन पार्किंग एक से डेढ़ किलोमीटर दूर होने के कारण वरिष्ट नागरिक तथा विकलांग लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ी. मंदिर मंडल की ओर से वाहन व्यवस्था नहीं की गई.
कस्बे को जोड़ने वाले मार्गों वाहनों तथा पद यात्रियों की कतारें
सांवलियाजी कस्बे को जोड़ने वाले चिकारड़ा, आसावरा माता, भाटोली, घोड़ा खेड़ा, भादसोड़ा, बानसेन सभी सड़क मार्गों की यही स्थिति थी कि जितने यात्री वाहनों से आ रहे थे. उससे कई गुना पदयात्री भी पहुंच रहे थे. मण्डफिया के सात किलोमीटर दूरी पर वाहनों की गति पद यात्रियों के कारण आगे नहीं बढ़ पा रही थी. यह स्थिति दिनभर बनी रही.
पार्किंग स्थलों पर खुले बाजार गुलजार
सांवलियाजी कस्बे के बाहर सड़क मार्गों पर वाहनों के पार्किंग स्थल बनाए जाने के साथ ही यहां पर मेले को लेकर बाजार लग गए यहां पर कई जलपान ग्रह की थड़ियां भी लग गई.
प्राकट्य स्थल पर भी उमडी भीड़
सांवलियाजी चौराहे पर प्राकट्य स्थल मंदिर पर भी हरियाली अमावस्या पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रही. यहां पर दिनभर प्रसाद वितरण का कार्यक्रम चला लोगों ने यहां पर दर्शन की कतारें लगी रही. इधर अनगढ़ बावजी तीर्थ स्थल पर भी दिन भर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा तथा धूणा चेतन का कार्यक्रम भी दिनभर चला.
Reporter- Deepak Vyas
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