प्रशासन के जरिए बीमारी के कारण मृत पशुओं के शवों का निस्तारण खड्डे में दबाकर वैज्ञानिक पद्धति से करने के आदेश एवं निर्देश जारी किए हैं जिसका जिम्मा ग्राम पंचायतों को दिया गया है.
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Bari Sadri: लंपी स्किन डिजीज से मृत पशुओं के शवों के निस्तारण में आ रही दिक्कतों को लेकर ग्राम विकास अधिकारी संघ के पदाधिकारियों ने यहां विकास अधिकारी को एक ज्ञापन सौंपा है.
प्रदेश के मुख्य सचिव एवं ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के प्रमुख शासन सचिव के नाम दिए गए ज्ञापन में बताया गया कि, राजस्थान ग्राम विकास अधिकारी संघ अपने मांग पत्र पर हुए लिखित समझौता लागू नहीं करने के कारण 30 जून से लगातार संघर्षरत हैं तथा 4 अगस्त से संगठन द्वारा कुछ योजनाओं को छोड़कर कलम बंद असहयोग आंदोलन किया जा रहा है.
संगठन ने प्रदेश में पशुधन पर आए इस भयावह संकट में मानवीय संवेदनाओं को दृष्टिगत रखते हुए इस बीमारी से संबंधित समस्त गतिविधियों में पूर्ण सहयोग का निर्णय लिया है. इस प्राणघातक बीमारी के कारण बहुत बड़ी संख्या में पशुओं की मौत हो रही हैं.
वहीं प्रशासन के जरिए बीमारी के कारण मृत पशुओं के शवों का निस्तारण खड्डे में दबाकर वैज्ञानिक पद्धति से करने के आदेश एवं निर्देश जारी किए हैं जिसका जिम्मा ग्राम पंचायतों को दिया गया है. इस संबंध में बताया गया कि प्रदेश की ग्राम पंचायतों में मृत पशुओं के शवों के निस्तारण में हो रहे व्यय के लिए किसी प्रकार का कोई फंड उपलब्ध नहीं है.
अब तक प्रदेश की कुछ ग्राम पंचायतों में मृत पशुओं के शवों के निस्तारण में हजारों रुपए का व्यय हो चुका है तथा यह वह निरंतर बढ़ता जा रहा है. ज्ञापन में मृत पशुओं के शवों के निस्तारण में होने वाले व्यय के लिए राशि तथा उसके व्यय के संबंध में स्पष्ट निर्देश देने की मांग की गई है. ग्राम विकास अधिकारी संघ के ब्लॉक अध्यक्ष दुर्गेश शर्मा सहित अन्य पदाधिकारी मौजूद थे.
Reporter: Deepak vyas
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