Do you know: डेटिंग एप यूज करने से लोग डिप्रेशन का शिकार हो रहे हैं. इसके यूज करने की टाइमिंग और इसके असर से फायदे कम और नुकसान ज्यादा हैं.
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Do you know being single increases risk of life mental health: फिजाओं में गुलाबी रंग फैला हुआ है, हर तरफ प्यार ही प्यार है. ऐसे में हर सिंगल इंसान को अपनी सिंगलशिप छोड़कर डबल होने का मन करता है, जिससे वह अपने दिल की बात कर सकें. सूकून के कुछ पल बिता सके. लेकिन अगर ऐसा उसकी उम्मीदों से उल्टा होता है तो वह गहरे अवसाद (Depression) में जाने का खतरा पैदा होने लगता है. लेकिन आजकल डेटिंग ऐप्स के आने के कारण सिंगल रहना दूर की बात हो गई है. क्योंकि इन ऐप्स से आप अपने सिंगलशिप को बड़े ही आसान तरीके से छोड़ सकते है.
वहीं अगर यह डेटिंग ऐप(Dating App) आपको सिंगल से डबल होने का रास्ता दिखाते है तो यही ऐप्स आपकी जान भी ले सकते है. सोच में पड़ गए न कि ये ऐप कैसे जान ले सकते है. तो चलिए आज इस राज से पर्दा भी उठा देते है कि डेटिंग ऐप आपकी जान के लिए खतरा क्यों है.
एक रिसर्च में सामने आया है कि दुनिया में करीब 70 फीसदी ऐसे लोग हैं, जो डेटिंग एप का यूज़ कर रहे है और वह इसका इस्तेमाल बेहताशा कर रहे है, जिसके कारण वह डिप्रेशन (Depression) और एंग्जायटी जैसी मेंटल हेल्थ प्रॉब्लम के शिकार हो रहे हैं. इसमें से 39 फीसदी ऐसे लोग हैं, जो सोकर उठने के बाद से इनका प्रयोग करना शुरू कर देते हैं. वहीं, 48 फीसदी सोने से पहले डेटिंग ऐप्स (Dating App) पर अपना ज्यादा से ज्यादा टाइम बिताते हैं.
डेटिंग ऐप (Dating App) को लेकर आई एक रिसर्च में खुलासा हुआ है कि एक इंसान सेम टाइम में 6 लोगों से एक साथ बात करता है. इस रिसर्च में करीब 1000 लोगों को शामिल किया गया. इसमें 44 फीसदी ऐसे यूजर पाए गए जो फिजिकल रिलेशन की चाहत ज्यादा रखते हैं. वहीं इनमें से 27 फीसदी महिलाएं या लड़कियां इन ऐप्स को ईगो बूस्ट करने के लिए इस्तेमाल करती थीं.
ब्रिटेन की साउथ वेल्स यूनिवर्सिटी के रिसर्चर ने बताया कि 44 फीसदी ऐसे यूजर हैं, जो हमेशा सिर्फ अपनी ही पर्सनैलेटी से ही मैच होने वाले पार्टनर की तलाश करते है और कुछ समय बाद से उनसे नाखुश पाए गए. इस रिसर्च के सामने आने के बाद पता चलता है कि डेटिंग ऐप्स जैसी नई तकनीक इंसानों पर काफी हावी होती जा रही है. इनकी युवाओं से लेकर हर उम्र के वर्ग के लोगों में इसकी आदत लग चुकी है और इस प्लेटफॉर्म पर लोग कई कई घंटे बिना सोचे बर्बाद कर रहे हैं जिसका उनकी मेंटल हेल्थ से लेकर पर्सनल लाइफ पर बुरा असर पड़ता है.
सिंगल रहने से बढ़ सकता है जान का खतरा
वहीं एक रिसर्च में यह भी बताया जा रहा है कि डेटिंग एप इंसानी जान लेने अगर आप सिंगल या तलाक लेने के बाद अकेले हैं, तो आपको ब्लड शुगर होने का खतरा ज्यादा है. इसका दावा एक रिसर्च में किया जा रहा है. रिसर्चरों का कहना है कि शादीशुदा लाइफ जीने वालों की सेहत सिंगल लोगों के मुकाबले ज्यादा दुरुस्त रहती है. इसलिए शादीशुदा अनहैप्पी लाइफ भी सेहत के लिए फायदेमंद है.
तलाक लेने या सिंगल रहने से बेहतर एक अनहैप्पी मैरिड लाइफ होती है. दरअसल, कपल एक-दूसरे की डाइट से लेकर कई चीजों का ध्यान रखते हैं. इससे मैरिड लोगों का स्वास्थ्य बेहतर होता है. शादीशुदा लाइफ के कई हेल्थ बेनिफिट्स हैं. रिसर्चरों ने लोगों से जानकारी ली कि 76 फीसदी लोगों की लाइफ में पति, पत्नी या पार्टनर हैं.
इसके अलावा उनसे रिलेशनशिप के अनुभव को लेकर भी सवाल किए गए. हर चार साल में सभी के ब्लड सैंपल लिए और जाना कि इनकी लाइफ में ब्लड शुगर का लेवल कैसा रहता है. जांच में सामने आया कि सिंगल रहने वालों के मुकाबले मैरिड लाइफ वालों का ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में रहा.
कनाडा की कार्लटन यूनिवर्सिटी की साइंटिस्ट केथरिन फोर्ड ने बताया कि शादी या लव रिलेशनशिप को लॉन्ग टर्म तक चलाने के लिए इमोशनली अटैच होना बहुत जरूरी हैँ. एक्सपर्ट्स ने कहा जो ब्रेकअप या तलाक को फेस करने के बाद रिलेशनशिप में आए. उनमें भी स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का खतरा कम आंका गया. ये रिसर्च इंग्लिश लॉन्गिट्यूडनल स्टडी ऑफ एजिंग ने की है.