BIKANER: मानसून मेहरबान, पर फिर भी किसान निराश, बिजाई के लिए खाद का टोटा
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BIKANER: मानसून मेहरबान, पर फिर भी किसान निराश, बिजाई के लिए खाद का टोटा

पश्चिमी राजस्थान के सीमावर्ती क्षेत्र इस बार मानसून जमकर मेहरबान रहा. किसानों को आस है कि इस बार बंपर पैदावार होगी लेकिन खाद को लेकर किसानों को फिर से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.सीमावर्ती क्षेत्र खाजूवाला में इस बार मौसम अनुकूल रहने के साथ ही किसान रबी फसल के बीजाई की तैयारियों में जुट गया है.

BIKANER: मानसून मेहरबान, पर फिर भी किसान निराश, बिजाई के लिए खाद का टोटा
Khajuvala: पश्चिमी राजस्थान के सीमावर्ती क्षेत्र इस बार मानसून जमकर मेहरबान रहा. किसानों को आस है कि इस बार बंपर पैदावार होगी लेकिन खाद को लेकर किसानों को फिर से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.सीमावर्ती क्षेत्र खाजूवाला में इस बार मौसम अनुकूल रहने के साथ ही किसान रबी फसल के बीजाई की तैयारियों में जुट गया है.

 
ऐसे में अब खाद की किल्लत भी मिल रही है. किसान गेहूं, सरसों, चने की बिजाई को लेकर खाद्य बीज खरीदने में लगा हुआ है लेकिन मार्केट में फिलहाल खाद की उपलब्धता नहीं है जिसके कारण किसान काफी परेशान हैं.  ऐसे में शुक्रवार को खाजूवाला में दो ट्रक 1100 बैग डीएपी खाद पहुंचने पर किसानों की लंबी-लंबी लाइनें लग गई. खाद पहुंचने की सूचना पर सुबह से ही किसान लाइनों में लग गये थे.  यहां तक कि महिलाएं अपना घर का कामकाज छोड़कर खाद के लिए लाइनों में लगी हुई थी.
 
 6 से 7 घंटे तक लगातार किसानों के लाइनों में लगने के बाद मात्र पांच बैग खाद के मिल पाए. ऐसे में किसानों ने आक्रोश जताते हुए राज्य सरकार से प्राप्त मात्रा में डीएपी व यूरिया खाद की उपलब्ध करवाने की मांग की. भारी भीड़ को देखते हुए मौके पर पुलिस को बुलानी पड़ी. पुलिस की मौजूदगी में खाद का वितरण किया गया.
 
इसके साथ ही कार्यवाहक सहायक कृषि अधिकारी पृथ्वीराज ने बताया खाजूवाला क्षेत्र में अच्छी बारिश होने के साथ ही किसान सरसो व गेहूं की बिजाई की तैयारियों में जुट गया है. ऐसे में किसान पहले से ही अपनी खाद की खरीदारी करने में लगा है. लेकिन पीछे से खाद कम आने की स्थिति में खाद की किल्लत व मारामारी मची हुई है. ऐसे में आज दो ट्रक 1100 बैग खाद पहुंचने पर किसानों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी. इसके साथ ही पृथ्वीराज ने बताया कि आगामी 2 दिन में और डीएपी खाद पहुंचेगी और आगामी दिनों में 90 टन खाद की व्यवस्था फिलहाल कृषि विभाग के द्वारा की जा रही है. ताकि किसानों को समय रहते डीएपी व यूरिया खाद की उपलब्धता हो सके.
 
इसके साथ ही किसान ओमप्रकाश, पवन कुमार, कृष्णलाल आदि ने कहा कि किसान को कभी पानी के लिए सड़कों पर उतरना पड़ता है तो कभी यूरिया, डीएपी खाद के लिए. ऐसे में अन्नदाता कब तक इस तरह से सड़कों पर संघर्ष कर अन पैदा करेगा. ऐसे में स्थानीय नेताओं व राज्य व केन्द्र सरकार अन्नदाता को राहत देते हुए समय रहते खाद की उपलब्ध करवाएं.
Reporter: Tribhwan Ranga

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